Sonbhadra: जाली नोट के कारोबारी को 10 साल की सजा, 15 साल पहले घोरावल पुलिस ने किया था गिरफ्तार
Sonbhadra News: 15 साल पहले जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किए गए कारोबारी को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने दस साल की सजा सुनाई है।
Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में 15 साल पहले जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किए गए जाली नोटों के कारोबारी को अदालत ने 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। जाली नोटों की तस्करी में संलिप्त पाए गए भारत भूषण मौर्य को दोषी सिद्ध पाकर बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने 10 वर्ष की कैद और 20100 अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया।
क्या है मामला?
अभियोजन कथानक के मुताबिक, तीन जुलाई 2005 को तत्कालीन घोरावल एसओ प्रेम शंकर दुबे को सूचना मिली कि एक व्यक्ति नकली नोटों की खेप के साथ क्षेत्र में मौजूद है। इस सूचना पर विश्वास करके उन्होंने बताई गई जगह पर दबिश डाली तो एक व्यक्ति 14500 रुपये के जाली नोट के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने नोट बरामद कर लिया। ज्यादातर नोट एक ही नम्बर के थे। पकड़े गए युवक ने पूछताछ में अपना नाम पता भारत भूषण मौर्य पुत्र रामनिहोर मौर्य निवासी घुवास कालोनी थाना सोनभद्र बताया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की और पर्याप्त सबूत मिलने की बात कहते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी।
आरोपी को तलब कर मामले की सुनवाई की गई। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना गया। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया गया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी भारत भूषण मौर्य को 10 वर्ष की कैद और 20100 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड न देने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का निर्णय पारित किया गया। अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने मामले की पैरवी की। 15 साल पूर्व नकली नोट मिलने के मामले में कोर्ट की तरफ से सुनाई गई सजा लोगों में चर्चा का विषय बनी रही।
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