Sonbhadra News: BHU के असि. प्रोफेसर का जाति प्रमाण पत्र निरस्तीकरण को मंडलीय कमेटी ने किया खारिज
Sonbhadra News: बीएचयू में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत मनोज कुमार वर्मा के अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र को खारिज करने संबंधी आदेश को मंडलीय फोरम ने खारिज कर दिया है।
Sonbhadra News: सोनभद्र निवासी तथा बीएचयू में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत मनोज कुमार वर्मा (Assistant Professor Manoj Kumar Verma) के अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र (ST Certificate) को खारिज करने संबंधी आदेश को मंडलीय फोरम ने खारिज कर दिया है। सुनवाई के दौरान पाया गया है कि बगैर कागजात सत्यापन के ही डीएम सोनभद्र की अगुवाई वाली स्क्रीनिंग कमेटी की तरफ से प्रमाणपत्र निरस्त करने की कार्रवाई कर दी गई। अब इस मामले में जिला स्क्रूटनी कमेटी को दोबारा सुनवाई के निर्देश दिए गए हैं और एक माह के भीतर मामले के निस्तारण के लिए कहा गया है।
यह है पूरा प्रकरण, पिछड़ी जाति का होने का किया जा रहा दावा
बताते चलें कि चंदौली के चतुर्भुजपुर गांव निवासी अनंतनारायण मिश्रा और प्रोफेसर अरविंद जोशी के उपर मनोज कुमार वर्मा ने एससी-एसटी के तहत मुकदमा कराया है। इस पर उनकी तरफ से राज्य अनुसूचित जाति आयोग से मनोज का एसटी जाति प्रमाणपत्र फर्जी होने की शिकायत की गई थी। दावा किया गया कि असिस्टेंट प्रोफेसर मूलतः कहार, पिछड़ी जाति के हैं लेकिन उन्होंने धोखाधड़ी कर एसटी का प्रमाण पत्र जारी करा लिया है।
आयोग की तरफ से जिलाधिकारी चंदौली और डीएम सोनभद्र को जांच के निर्देश दिए गए। जांच में दावा किया गया कि एसटी प्रमाणपत्र फर्जी है और डीएम की अध्यक्षता वाली जिला कमेटी ने गत छह अप्रैल को प्रमाणपत्र निरस्त करने की संस्तुति कर दी। इस पर 21 अप्रैल को प्रमाणपत्र निरस्त करने का आदेश भी जारी कर दिया गया।
मंडलीय फोरम की सुनवाई में कागजात सत्यापन न किए जाने की बात आई सामने
आदेश से क्षुब्ध असिस्टेंट प्रोफेसर ने मंडलायुक्त की अगुवाई वाली मंडलीय अपीलीय फोरम में अधिवक्ता के जरिए चुनौती दी। वहां पाया गया कि जिला समाज कल्याण विभाग की तरफ से सूचना अधिकार के तहत पांच अप्रैल को दी गई सूचना में बताया गया है कि मनोज द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को सभी विभागों से सत्यापन कराने के लिए तहसीलदार राबटर्सगंज को पत्र भेजा गया है, जिसका सत्यापन रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं है।
रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात जिला स्क्रूटनी कमेटी के बैठक की तिथि निर्धारित कर सूचित किया जाएगा। इस बीच अगले ही दिन यानी छह अप्रैल को स्क्रूटनी कमेटी ने डीएम को रिपोर्ट दे दी और 21 अप्रैल को जाति प्रमाणपत्र निरस्त करने का आदेश निर्गत कर दिया गया।
एक माह के भीतर दोबारा सुनवाई कर निस्तारण के निर्देशः
मंडलीय समिति के अध्यक्ष मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्रा, उप निदेशक समाज कल्याण केएल गुप्ता, अधीक्षण अभियंता सिंचाई कार्य मंडल मिर्जापुर रमेश प्रसाद, एडीएम नमामि गंगे मिर्जापुर अमरेंद्र कुमार वर्मा की मौजूदगी वाली कमेटी की तरफ से गत बृहस्पतिवार को जारी आदेश में कहा गया है कि अपीलीय प्रार्थना पत्र को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए, कमेटी की रिपोर्ट और उस पर पारित आदेश को अपास्त निरस्त किया जाता है। वहीं प्रकरण, जिला स्तरीय जाति, जिला स्क्रूटनी कमेटी को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित किया जाता है कि प्रश्नगत प्रकरण में एक माह के भीतर नियमानुसार सुनवाई कर, प्रकरण का निस्तारण सुनिश्चित करें।