Sonbhadra News: पूर्वांचल में धर्मांतरण के बड़े रैकेट का दावा, यूपी से बिहार तक विस्तार, 4 लोगों पर FIR
Sonbhadra News: पूर्वांचल में धर्मांतरण का एक बड़ा रैकेट संचालित किए जाने का दावा सामने आया है। यूपी से बिहार तक इसका विस्तार बताया जा रहा है। वहीं, म्योरपुर पुलिस ने 4 आरोपियों पर मामले दर्ज कर जांच शुरू की है।;
Anti-Conversion Bill। (Social Media)
Sonbhadra: पूर्वांचल में धर्मांतरण का एक बड़ा रैकेट संचालित किए जाने का दावा सामने आया है। पूर्वांचल में इसका मुख्यालय गाजीपुर बताने के साथ ही, यूपी से बिहार तक इसका विस्तार बताया जा रहा है। इसके लिए जीवन आशा फाउंडेशन (Jeevan Asha Foundation) नामक कथित एनजीओ की तरफ से तैनात शिक्षकों के इस्तेमाल का आरोप लगाया जा रहा है। आरोप है कि संस्था की तरफ से सोनभद्र, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही मउ, गाजीपुर, चंदौली सहित अन्य जनपदों में तैनात शिक्षकों पर, इसके लिए दबाव दिया जा रहा है। वहीं कई कथित शिक्षकों को तरह-तरह का प्रलोभन देकर इस्तेमाल किया जा रहा है।
तत्कालीन एसपी से लगाई थी गुहार
बताते हैं कि इस मामले में संस्था से जुड़े व्यक्तियों और शिक्षकों ने तत्कालीन एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह (Former SP Amarendra Prasad Singh) से गत 22 नवंबर को ही गुहार लगाई थी। एसपी वाराणसी, एसपी मिर्जापुर के साथ ही, सोनभद्र के परिषदीय स्कूल में तैनात एक शिक्षक को इस खेल में शामिल होने की जानकारी देते हुए, बीएसए सोनभद्र से भी शिकायत की गई थी। पिछले दिनों यह मामला नवागत एसपी डा. यशवीर सिंह के संज्ञान में पहुंचा तो उनके निर्देश पर म्योरपुर पुलिस ने गाजीपुर स्थित संस्था के शाखा प्रबंधक सहित चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गहनता से छानबीन शुरू कर दी।
12 कथित शिक्षकों और संस्था से जुड़े कर्मियों ने की थी शिकायत
चंदौली जिले के नौगढ़ निवासी अशोक कुमार, जिले में करमा थाना क्षेत्र के रामकुमार यादव, अर्चना सिंह सहित 12 कथित शिक्षकों और संस्था से जुड़े कर्मियों ने शिकायत की थी। आरोप लगाया था जीवन आशा फाउंडेशन (Jeevan Asha Foundation) नामक एक संस्था का पूर्वांचल कार्यालय गाजीपुर जिले के वैकुंठपुरी, अधउ थाना गाजीपुर में स्थित है। योगेंद्र कुमार पुत्र बेहफूराम निवासी जंगीपुर राय गोकुल गाजीपुर, जो धर्म परिवर्तन कर चुके हैं, शाखाप्रबंधक और अश्विनी दूबे एकाउंटेंट हैं।
इस संस्था की तरफ से सोनभद्र, चंदौली, मिर्जापुर, वाराणसी, भदोही, गाजीपुर मई सहित पूर्वांचल के सभी जिलों में प्राइमरी स्तर के स्कूली बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के नाम पर अध्यापकों, ब्लाक कोआर्डिनेटर, जिला कोआर्डिनेटर की नियुक्ति की गई है। पढ़ाने के नाम प्रति बच्चा 350 रूपये कथित रजिस्ट्रेशन के वसूले गए। आरोप है कि इसको लेकर लाखों की वसूली भी जा चुकी है। शिक्षकों, कोआर्डिनेटरों को पदवार 15 हजार तक मानदेय देने के लिए कहा गया था। उन लोगों ने एक मंडल आफिस वाराणसी जिले के चौबेपुर में खोल रखा है। एक साल बाद भी मानदेय नहीं मिला तो इसको लेकर गाजीपुर और चौबेपुर स्थित शाखा से संपर्क किया गया तो योगेंद्र और अश्वनी ने चौबेपुर कार्यालय के इंचार्ज वीरेंद्र कुमार चौहान निवासी कोदूपुर, चौबेपुर से संपर्क करने को कहा गया।
वहां बात करने पर कहा गया कि सैलरी सुविधा तभी दी जाएगी, जब धर्मांतरण कराओगे। धर्मांतरण के लिए अतिरिक्त बोनस का भी लालच दिया गया। पत्र में बिहार तक रैकेट फैले होने की जानकारी देने के साथ ही, बेसिक शिक्षा विभाग के चांगा, म्योरपुर स्थित विद्यालय में तैनात शिक्षक अजीत कुमार गुप्ता को भी इस खेल में शामिल और शिक्षक रहते हुए धर्म बदलकर 2020 से संस्था के ब्लाक कोआर्डिनेटर के रूप में कार्य करने की जानकारी दी। आरोप है कि डीएम के निर्देश पर जांच भी कराई गई लेकिन सिर्फ मामला विद्यालय से गैरहाजिरी की कार्रवाई तक सिमटा दिया गया।
म्योरपुर पुलिस ने 4 आरोपियों पर मामले दर्ज कर जांच की शुरू
उधर, म्योरपुर पुलिस (Mayorpur Police) ने उक्त चारों आरोपियों के खिलाफ धारा 419, 420, धार्मिक संस्था दुरूपयोग का निवारण अधिनियम 1988 की धारा तीन व सात के तहत मामला दर्ज कर, कथित रैकेट की छानबीन शुरू कर दी है।
धर्मांतरण के कार्य में शिक्षक के शामिल होने के मामले की जांच रिपोर्ट BSA को भेजी: खंड शिक्षा अधिकारी
वहीं, सेलफोन पर खंड शिक्षा अधिकारी विश्वजीत कुमार (Block Education Officer Vishwajit Kumar) का कहना था कि धर्मांतरण के कार्य में शिक्षक के शामिल होने के मामले की जांच रिपोर्ट बीएसए को भेज दी गई है।
जांच में संबंधित शिक्षक के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं पाया गया: BSA
वहीं, बीएसए हरिवंश कुमार (BSA Harivansh Kumar) का कहना था कि अभी तक जांच में संबंधित शिक्षक के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं पाया गया है। अलबत्ता शिक्षक के पत्नी को संस्था कर्मी के रूप में कार्य करने की जानकारी मिली है। अगर कोई साक्ष्य मिलता है या पुलिस जांच में कोई तथ्य सामने आता है तो उसको दृष्टिगत रखते हुए कार्रवाई की जाएगी।