Sonbhadra: वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी की लापरवाही पर अदालत सख्त, प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश

Sonbhadra: वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी की लापरवाही पर अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने सख्त रवैया अपनाते हुए प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश दिया है।

Update: 2022-07-03 11:31 GMT

वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी की लापरवाही पर अदालत सख्त। (Social Media)

Sonbhadra: मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने में वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी (Senior Superintendent Central Prison Varanasi) की लापरवाही पर अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत (Court of Additional Sessions Judge I Khalikuzzama) ने सख्त रवैया अपनाते हुए प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश दिया है।

12 मुकदमों से संबंधित अभियुक्तों के बारे में तीन माह बाद भी आख्या प्रस्तुत न करने को न्यायालय ने अत्यंत आपत्तिजनक, अकर्णम्यता और लापरवाही का द्योतक माना है। इसके लिए वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी

(Senior Superintendent Central Prison Varanasi) के विरुद्ध प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश तो दिया है। उन्हें 19 जुलाई को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर पक्ष रखने के लिए भी आदेशित किया गया है। वहीं, मांगी गई आख्या को भी अविलंब प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।

यह है पूरा मामला

अदालत ने वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी (Senior Superintendent Central Prison Varanasi) को गत 13 मार्च को पत्र भेज आदेशित किया था कि जिला कारागार सोनभद्र (District Prison Sonbhadra) से स्थानांतरित होकर केंद्रीय कारागार वाराणसी गए 12 मुकदमों से सम्बंधित अभियुक्तों के अर्थदंड के सापेक्ष सजा भुगतने तथा सजा सम्पूर्ण करने के सम्बंध में अविलंब आख्या प्रेषित करें। उक्त पत्र प्रेषित किए हुए तीन माह से अधिक समय व्यतीत हो गया, लेकिन वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी की तरफ से आख्या प्रस्तुत नहीं की गई। इसे कोर्ट ने अत्यंत आपत्तिजनक माना है।

कोर्ट ने कहा है कि आख्या अविलंब प्रस्तुत करने को आदेशित किया गया था लेकिन तीन माह बाद भी आख्या नहीं भेजना अकर्मण्यता और लापरवाही का द्योतक है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी (Senior Superintendent Central Prison Varanasi) कोर्ट से भेजे गए पत्र और आदेशों को गंभीरता से नहीं लेते और न ही उसका अनुपालन करने में ही रुचि लेते हैं। यहीं वजह रही कि आज तक आख्या नहीं प्रस्तुत की गई। अतः धारा 349 के तहत वरिष्ठ अधीक्षक केंद्रीय कारागार वाराणसी (Senior Superintendent Central Prison Varanasi) के विरुद्ध प्रकीर्ण वाद दर्ज किया जाए। साथ ही आगामी 19 जुलाई को न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत रखें। गत 13 मार्च को मांगी गई आख्या भी प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

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