Sonbhadra News: पत्थर खदान की भेंट चढ़ी मजदूर की जिंदगी, काम करते वक्त पत्थर गिरने से मौत

Sonbhadra News: डाला पुलिस चौकी क्षेत्र के बाड़ी स्थित एक गहरी पत्थर खदान में ऊंचाई पर ब्लास्टिंग के लिए ड्रिलिंग का कार्य कराया जा रहा था।

Update: 2022-07-06 08:33 GMT

मजदूर की मौत (photo: social media )

Sonbhadra News: चोपन थाना क्षेत्र के डाला पुलिस चौकी अंतर्गत बाड़ी में संचालित एक पत्थर खदान में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर कराए जा रहे कार्य के दौरान गिरने से एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत labor died) घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिवार के लोगों ने कार्य के दौरान खदान संचालक पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया है। वहीं पुलिस का कहना है कि अभी घटना के संबंध में कोई तहरीर नहीं मिली है।

बताया जाता है कि डाला पुलिस चौकी क्षेत्र के बाड़ी स्थित एक गहरी पत्थर खदान में ऊंचाई पर ब्लास्टिंग के लिए ड्रिलिंग का कार्य कराया जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अन्य मजदूरों के साथ जुगैल थाना क्षेत्र के गायघाट का रहने वाला अटल बिहारी (24) पुत्र छत्रधारी भी ड्रिलिंग का काम कर रहा था।

बताते हैं कि कार्य के दौरान अचानक से उसके ड्रिलिंग मशीन का राड टूट गया और एक बड़े पत्थर के टुकड़े के साथ वह नीचे गिर पड़ा जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। आनन-फानन में उसे चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया वहां से तत्काल जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रशासन की सूचना पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

परिवार वालों की तरफ से कोई तहरीर नहीं 

उधर, डाला पुलिस का कहना है कि जिला अस्पताल से भेजे गए नामों के जरिए मजदूर के मौत की जानकारी मिली है। अभी परिवार वालों की तरफ से कोई तहरीर नहीं दी गई है। जैसे ही तहरीर मिलती है उसके आधार पर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। बताते चलें कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी के चलते यह कोई पहली मौत नहीं है इससे पहले भी कई जिंदगियां बगैर सुरक्षा उपकरणों के, काम करने के कारण खत्म हो चुकी हैं। इसको लेकर कई बार आवाज उठ चुकी है लाशों का सौदा किए जाने तक का आरोप लग चुका है। उच्च स्तरीय टीमें भी जांच कर स्थिति पर नाराजगी जता चुकी हैं। बावजूद बगैर सुरक्षा उपकरणों के मजदूरों से काम लेने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

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