Sonbhadra: नौकरी दिलाने के बहाने ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा, सामने आए कई और नाम

Sonbhadra News Today: हिण्डाल्को में नौकरी दिलाने के नाम पर, ठगी को लेकर हाल में ही दो मामले सामने आए थे, जिसको लेकर पिपरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

Update:2023-01-08 20:37 IST

Sonbhadra Gangs who cheated in the name of government job (Social Media)

Sonbhadra News: सोनभद्र की चोपन पुलिस ने निजी घरानों की फैक्ट्रियों में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र थमा, ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का खुलासा किया है। मामले में अधिकारी बनकर इंटरव्यू लेने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। उससे पूछताछ में गिरोह के सदस्यों और ठगी के तरीके बारे में पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिसको लेकर छानबीन जारी है।

बताते हैं कि पिछले कई महीने से लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा था। हिण्डाल्को में नौकरी दिलाने के नाम पर, ठगी को लेकर हाल में ही दो मामले सामने आए थे, जिसको लेकर पिपरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। वहीं डाला स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री के अधिकारी के रूप में फर्जी आईडी बनाकर लोगों से आवेदन लेने और फर्जी नियुक्ति पत्र बांटे जाने का भी मामला सामने आया था। इसको लेकर कंपनी की तरफ से चोपन थाने में धारा 419 और 420 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई और कहा गया कि कथित रजत माली उर्फ रजत सैनी की तरफ से अधिकारी बनकर नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे हैं, लेकिन इस नाम का कोई भी व्यक्ति फैक्ट्री में कार्यरत नहीं है। मामला दर्ज कर पुलिस छानबीन में जुटी हुई थी।


सोशल मीडिया पर आईडी बनाकर की जा रही थी लोगों से ठगी

प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण पर्वत और डाला चैकी इंचार्ज अरविंद गुप्ता ने इस मामले में छानबीन शुरू की तो पता चला कि ओबरा में रह रहा रजत सैनी नामक व्यक्ति, सोशल मीडिया पर कंपनी के अधिकारी के रूप में फर्जी आईडी बनाकर, ठगी में लगा हुआ है। पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि यह काम कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक बड़ा गिरोह कर रहा है। रजत के बारे में पूरी जानकारी जुटाने के बाद रविवार को उसे बग्घानाला तिराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के बाद आरोपी रजत माली उर्फ रजत सैनी पुत्र सतीश प्रसाद निवासी इस्माइलपुर थाना हाजीपुर, बिहार, हाल पता ओबरा कालोनी, थाना ओबरा के खिलाफ धारा 419, 420 और 66डी आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए चालान कर दिया गया। गिरफ्तारी वाली टीम में चोपन थाने में तैनाचत हेड कास्टेबल चंद्रजीत सिंह, रामबाबू और डाला चैकी में तैनात कांस्टेबल सत्यप्रकाश भी शामिल रहे।

कुछ इस तरह की जा रही थी ठगी और लिया जा रहा था इंटरव्यूः

किसी को शक न होने पाए, इसके लिए नौकरी की इच्छा रखने वाले व्यक्ति से ठगी करने वाले कंपनी के गेट पर मिलते हैं। अगर कंपनी का कोई कर्मचारी-अधिकारी उनका परिचित होता है तो उससे मुलाकात करवा देते हैं। इसके बाद कंपनी गेट के सामने वाहन लगाकर, उसमें लैपटाप खोलकर इंटरव्यू लेते हैं। इसके बाद बताई गई रकम मांगी जाती हैं। रूपये मिलते ही फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया जाता है। उधर, प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण पर्वत ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में कई अहम जानकारियंा दी हैं। गिरोह के भी कुछ सदस्यों के नाम पता चले हैं। अब तक की छानबीन में फर्जी नियुक्ति पत्र का बड़ा रैकेट सक्रिय होने की जानकारी मिली है, जिसको लेकर जानकारी जुटाई जा रही है।

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