Sonbhadra: गजब की लापरवाही, दुष्कर्म पीड़िता मासूम के मेडिकल के लिए घंटों भटकती रही पुलिस
Sonbhadra News: गजब की लापरवाहीः दुष्कर्म पीड़िता मासूम के मेडिकल के लिए घंटों भटकती रही पुलिस
Sonbhadra News: जिला अस्पताल में मरीजों के उपचार में लापरवाही की शिकायतों के साथ, अब दुष्कर्म के मामलों में भी लापरवाही बरते जाने का बड़ा मामला सामने आया है। ओबरा थाना क्षेत्र की एक आठ वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को लेकर पुलिस, मेडिकल के लिए जिला अस्पताल में घंटों इधर-उधर भटकती रही। देर रात एसपी डॉ. यशवीर सिंह और सीएमओ डॉ. आरएस ठाकुर पहुंचे, तब जाकर पीड़िता का मेडिकल हो पाया। उधर मंगलवार की सुबह दबिश देकर ओबरा पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया। आरोपी भी नाबालिग बताया जा रहा है। समाचार दिए जाने तक उससे पूछताछ जारी थी।
बताते हैं कि ओबरा थाना क्षेत्र के रेणुका पार स्थित एक गांव में गत 17 सितंबर को पड़ोस के ही रहने वाले एक किशोर ने, घर में घुसकर आठ वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म किया। घटना के समय परिवार के लोग बाहर थे। चीख पुकार पर जब लोग वहां पहुंचे तो स्थिति देख सन्न रह गए। लोकलाज का मामला बताकर दो दिन तक मामले को गांव स्तर पर ही मैनेज करने की कोशिश होती रही। सोमवार की शाम पीड़िता के परिवार वाले ओबरा थाना पहुंचे और घटना की जानकारी दी। पीड़ित पक्ष की तहरीर पर मामले में धारा 376 आईपीसी और पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज करते हुए, पुलिस पीड़िता के गांव पहुंची। घटना की पूरी जानकारी लेने के बाद, रात में ही पीड़िता को चिकित्सकीय मुआयना के लिए महिला पुलिस कर्मी के साथ जिला अस्पताल भेजा गया लेकिन मेडिकल के नाम पर वहां पुलिस को घंटों इधर-उधर घुमाया जाता रहा।
ओबरा थानाध्यक्ष मिथिलेश मिश्रा के मुताबिक अस्पताल के कर्मचारी, मेडिकल कराने गए पुलिसकर्मियों को कभी सीएमएस, कभी सीएमओ से बात करने के लिए कहते रहे। अस्पताल पहुंचने के ढाई घंटे बाद भी मेडिकल नहीं हुआ तब थानाध्यक्ष मिश्रा खुद भी अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने इस को लेकर सीएमएस और सीएमओ से बात की। बावजूद पीड़िता के मेडिकल के लिए कोई महिला चिकित्सक नहीं पहुंची। तब मामले की जानकारी एसपी डा. यशवीर सिंह को दी गई। जानकारी पाकर देर रात जिला अस्पताल पहुंचे एसपी ने भी मामले की जानकारी की। इस मसले पर सीएमओ से वार्ता भी की। पुलिस अधीक्षक को अस्पताल पहुंचने की जानकारी पा सीएमओ भागते हुए जिला अस्पताल पहुंचे तब तक एसपी मातहतों को जरूरी निर्देश देकर जा चुके थे।
सीएमओ डा. आरएस सिंह का कहना था कि जिला अस्पताल में पुलिस किसी भी पीड़ित को लाती है तो उसका मेडिकल तत्काल किया जाना चाहिए। इसमें कोई लापरवाही की जाती है तो इस पर एक्शन लेने की जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की है। कहा कि इससे पहले भी इस तरह की लापरवाही सामने आ चुकी है। इसको लेकर वह अपने स्तर से निर्देश भी जारी कर चुके हैं। बावजूद जिला अस्पताल की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। कहा कि दुष्कर्म जैसे मामले में तो त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन ऐसा न कर घोर लापरवाही बरती गई है। पुलिस द्वारा दुष्कर्म पीड़िता को लेकर जिला अस्पताल पहुंचने की सूचना के बावजूद महिला चिकित्सक का न पहुंचना, दायित्वों के निर्वहन के प्रति शिथिलता का परिचायक है।
कहा कि इस मामले में जिनके-जिनके स्तर से लापरवाही बरती गई है उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सीएमओ का तो यहां तक कहना था कि छोटी-मोटी समस्याएं, जिसे जिला अस्पताल स्तर पर आसानी से निपटाया जा सकता है। उसके लिए भी लोगों को उनका नंबर दे कर परेशान किया जा रहा है। कहा कि सारे मामलों को लेकर लिखा पढ़ी की जाएगी। बताते चलें कि दो दिन पूर्व ही डीएम चंद्र विजय सिंह ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था और पाई गई खामियों पर नाराजगी जताते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को जमकर फटकार लगाई थी। हालात न सुधरने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी थी। बावजूद सोमवार की देर रात जिस तरह से दुष्कर्म पीड़िता मासूम के मेडिकल में लापरवाही बरती गई उसने पूरे जिला चिकित्सालय प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर दिया है।