Sonbhadra Newstrack impact: मंडलीय टीम ने घंटों खंगाली ARTO दफ्तर की पत्रावलियां, महीनों दबाकर रखी धनराशि

Sonbhadra: मामले को लेकर बृहस्पतिवार को सोनभद्र पहुंचे आरटीओ प्रशासन मिर्जापुर संजय तिवारी और आरटीओ प्रवर्तन राजेश वर्मा ने घंटों रिलीजिंग से जुड़ी पत्रावलियां खंगाली।

Update: 2022-08-04 13:20 GMT

Sonbhadra (Image: Newstrack)

Sonbhadra: परिवहन, खनन और वाणिज्य कर विभाग की संयुक्त कार्रवाई में सीज वाहनों को फर्जी रिलीजिंग आर्डर के जरिए छुड़ाने के मामले की विभागीय जांच तेज हो गई है। वहीं फर्जी रिलीज आर्डरों पर भी, विभाग से जारी रिलीज ऑर्डर जैसी राइटिंग के सामने आए खुलासे से, जिले से लेकर निदेशालय तक हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।

मामले को लेकर बृहस्पतिवार को सोनभद्र पहुंचे आरटीओ प्रशासन मिर्जापुर संजय तिवारी और आरटीओ प्रवर्तन राजेश वर्मा ने घंटों रिलीजिंग से जुड़ी पत्रावलियां खंगाली। बताते हैं कि इस दौरान वाहनों के रिलीजिंग के एवज में मोटर मालिकों से जमा कराई गई धनराशि को महीनों दबाए रखने, ऊर्जांचल में प्रति सप्ताह फिटनेस चेकअप कैंप लगने के बाद भी बगैर फिटनेस वाले भारी वाहनों के फर्राटे भरने का मसला गरमाया रहा। इस दौरान कौन-कौन सी कमियां सामने आईं, इसका अधिकृत खुलासा तो नहीं किया गया लेकिन मसले को लेकर संबंधितों के चेहरे पर हवाइयां उड़ती रहीं।

बताते चलें कि फर्जी रिलीजिंग के खेल का सबसे पहले खुलासा न्यूजट्रैक ने ही किया था। इसके बाद से लगातार एक के बाद एक नए खुलासे सामने आ रहे हैं। चोपन में दर्ज कराए गए वाहनों में दो ऐसे कथित नंबरों का जिक्र सामने आया है, जिनका कहीं कोई रिकर्ड नहीं है। इसके मालिक और इसे छुड़ाने वाले को पुलिस के लिए खोज पाना कितना आसान होगा? बड़ा सवाल बन गया है। यह स्थिति तब है, जब इन वाहनों को ओवरलोड में सीज कर, जुर्माने की नोटिस जारी करने से लेकर एफआईआर तक संबंधित पटल सहायक, आरआई से लेकर एआरटीओ तक कथित सत्यापन की प्रक्रिया अपनाई गई।

इसी तरह 2020-21 में छोड़े गए वाहनों की धनराशि जुलाई में जमा कराने, गत फरवरी माह में एक दिन की धनराशि 18 लाख, जांच की सुगबुगाहट के बाद जमा करने का मामला, विभागीय कार्यशैली को लेकर सवाल उठाए हुए है। बृहस्पतिवार को सोनभद्र पहुंचे आरटीओ प्रशासन संजय तिवारी और प्रवर्तन राजेश वर्मा ने चार घंटे से अधिक समय तक दफ्तर में रहकर फाइलों की पड़ताल की। अधिकारियों-संबंधित कर्मचारियों से अलग-अलग वार्ता कर जरूरी जानकारी ली। गड़बड़ी के बाबत पूछे जाने पर आरटीओ संजय तिवारी ने एफआईआर से जुड़े मसलों पर किसी तरह की टिप्पणी न करने की बात कही।

वहीं जमा धनराशि को महीनों दबाए रखने के मसले पर कहा कि प्रथमदृष्टया यह वित्तीय अनियमितता का मामला है। इसमें जो भी चीजें सामने आएंगी, उसको लेकर कार्रवाई की जाएगी।

हर सप्ताह कैंप, फिर कैसे बगैर फिटनेस दौड़ रहे भारी वाहन?

ऊर्जांचल में दौड़ते 18 वाहनों को 14 चक्का, 16 चक्का वाले वाहनों को 12 चक्के में फिटनेस करने का मसला जहां एक साल से गरम है। वहीं, बीना में प्रति सप्ताह कैंप लगाए जाने के बावजूद कोयला ढुलाई में लगे वाहन बगैर फिटनेस सड़कों पर कैसे दौड़ रहे हैं, बड़ा सवाल बन गया है। बताते चलें कि एनसीएल की महज एक कोल परियोजना खड़िया में लैंको की तरफ से सौंपी गई 158 वाहनों की सूची में 129 वाहन बगैर वैध कागजात के संचालित पाए गए हैं। वहीं इसमें अधिकांश वाहनों का फिटनेस फेल बताया जा रहा है। इसके भी जांच की मांग उठने लगी है।

लगातार हो रही शिकायत, नहीं पड़ रहा फर्क:

ऊर्जांचल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की तरफ से गत जनवरी में ही आरटीओ मिर्जापुर और सूबे के ट्रांसपोर्ट आयुक्त को पत्र भेजकर फिटनेस के नाम पर हो रहे उगाही के खेल और कथित फर्जीवाड़े की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया था। बताते हैं कि इसकी जांच के कागजी निर्देश भी जारी हुए थे। वहीं पिछले सप्ताह भाजपा नेता अनिल द्विवेदी ने सूबे के अपर परिवन आयुक्त वीके सानवक को पत्र देकर एआरटीओ पीएस राय और उनके मातहतों पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने फर्जी प्रपत्रों पर गाड़ी छोड़ने के खेल में विभागीय संलिप्तता का आरोप तो लगाया ही है, वाहनों से उगाही के खेल पर भी कार्रवाई की मांग की है।

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