Sonbhadra News: अफसरों का बड़ा कारनामा, 206 करोड़ का तैयार किया ऐसा प्रोजेक्ट, संचालन पर खडे़ हो गए सवाल
Sonbhadra News: हर घर नल योजना के तहत 206.72 करोड़ रुपये की अमवार पेयजल परियोजना के नाम से एक नई परियोजना डाल दी गई।
Sonbhadra News: पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्टों में एक, नमामि गंगे से जुड़ी हर घर नल से जल योजना को लेकर, यूपी के सोनभद्र में अफसरों का एक बड़ा खेल सामने आया है। यहां एक ऐसी पेयजल परियेाजना की नींव डालने के साथ ही, उस पर करोड़ों खर्च कर दिए गए, जिसके संचालन के लिए रोजाना दो करोड़ लीटर पानी कहां से आएगा? यह फिलहाल किसी को नहीं मालूम। मामला 44 वर्षों से निर्माणाधीन कनहर परियेाजना से जुड़ा हुआ है।
एक तरफ जहां कनहर परियोजना वर्ष 1976 से अब तक पूर्ण होने का बाट जोह रही है। वहीं इस परियोजना पर आधारित हर घर नल योजना के तहत 206.72 करोड़ रुपये की अमवार पेयजल परियोजना के नाम से एक नई परियोजना डाल दी गई। इस परियाजना से जुड़े 65 गांवों में पानी आपूर्ति के लिए पाइप भी बिछा दी गई। पानी टंकी आदि का निर्माण भी तेजी पर है। ऐसे में जिन गांवों में पाइपलाइन बिछाई गई है, वहां पानी कहां से और कैसे पहुंचेगा? इसको लेकर जहां तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं ग्रामीणों में भी इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। दिलचस्प मसला यह है कि अफसर भी इस मसले पर जवाब देने से कतराने लगे हैं। ऐसे में जब तक कनहर परियोजना का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक इस परियोजना का भविष्य क्या होगा? यह एक बड़ा सवाल बन गया है।
बताते चलें कि 22 नवंबर, 2020 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र से और पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली सोनभद्र में 14 और मिर्जापुर की नौ परियेाजनाओं का शिलान्यास किया था। सोनभद्र में जिन 14 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया था, उसमें दुद्धी तहसील की अमवार परियोजना भी शामिल थी । उसकी लागत 206.72 करोड़ तय की गई थी। शिलान्यास के समय परियोजनाओं के निर्माण की समय सीमा 24 माह निर्धारित हुई थी। इसके हिसाब से नवंबर 2022 में परियोजना का संचालन शुरू हो जाना चाहिए । लेकिन अभी तक जिले में जहां किसी परियेाजना का सुचारु संचालन शुरू नहीं हो पाया है। वहीं फिलहाल की परिस्थिति में, कनहर परियोजना आधारित अमवार परियोजना के संचालन पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।
यहां फसा हैं पेंच, अफसर नहीं दे पा रहे जवाब
पूरे माजरे को समझने के लिए 44 साल से निर्माणाधीन कनहर परियोजना को समझना होगा। वर्ष 1976 में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में सूबे के सीएम रहे नारायणदत्त तिवारी ने इसकी आधारशिला रखी थी। उस समय परियोजना की लागत 27.5 करोड़ रुपये तय की गई थी। बाद में यह परियोजना उपेक्षा का शिकार हो गई। वर्ष 2016 में सपा सरकार के कार्यकाल में इस परियेाजना ने रफ्तार पकड़ी । तेजी से कार्य शुरू हो गया। आधे से अधिक कार्य भी पूरा हो चुका है । लेकिन इस बीच जहां परियोजना की लागत 2239 करोड़ रुपये पहुंच गई। वहीं अभी भी कार्यपूर्ति के लिए बजट बड़ा मसला बना हुआ है। एक तरफ जहां बजट को पुननरीक्षित करने के लिए फाइल केंद्र सरकार को भेजी गई है। वहीं फिलहाल कार्य पूर्ण होने की समयसीमा 2025 तय की गई है। बजट और कार्य में देरी के चलते इस सीमा में और वृद्धि की उम्मीद है। ऐसे में अमवार परियोजना का संचालन कब तक शुरू हो पाएगा, फिलहाल इसका पुख्ता जवाब किसी के पास नहीं है।
दुद्धी और कोन ब्लाक के गांवों को मिलना है लाभ
अमवार पेयजल परियोजना से जिन 65 गांवों को पानी पहुँचाने की योजना बनाई गई है। वह दुद्धी और कोन ब्लाक में मौजूद हैं। इन गांवों के लिए पानी की उपलब्धता कहां से और कैसे सुनिश्चित कराई जाएगी, इस बारे में जानकारी के लिए एडीएम नमामि गंगे आशुतोष द्विवेदी के सेलफोन पर संपर्क साधा गया तो उनका कहना था कि इस बारे में वह फोन पर किसी तरह की जानकारी देने की स्थिति में नहीं है। वहीं कनहर परियोजना के एक्सईएन विनोद कुमार ने फोन पर बताया कि कनहर परियोजना का निर्माण शीघ्र पूरा हो, इसके प्रयास जारी है। फिलहाल इसके लिए समय सीमा 2024-2025 निर्धारित की गई है। बजट के मसले पर कहा कि मौजूदा समय में परियोजना का बजट 2239 करोड़ रुपये निर्धारण है। उसके पुनरीक्षण को लेकर फाइल राज्य सरकार के जरिए केंद्र सरकार को भेजी गई है। वहां से मंजूरी के बाद, बजट निर्धारण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। महत्वपूर्ण मसला यह है कि योजना शुरू होने के बाद नमामि गंगे प्रोजेक्ट से जुड़े कई अफसरों का सोनभद्र में दौरा तो हो ही चुका है, मंत्री भी यहां की स्थिति से रूबरू हो चुके हैं। बावजूद इस पेंच पर अभी तक किसी की नजर न पड़ पाना भी एक बड़ा सवाल है।