Sonbhadra: सोनभद्र के आदिवासियों को सीएम योगी कल सौंपेंगे भौमिक अधिकार, जनजातीय गौरव दिवस बनेगा साक्षी

Sonbhadra News: जनजातीय समाज के 4,000 से अधिक परिवारों को वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत उनके पुश्तैनी कब्जे वाली जमीन पर भौमिक अधिकार सौंपने की तैयारी की गई है।

Update:2022-11-14 10:29 IST

सोनभद्र के आदिवासियों को सीएम योगी कल सौंपेंगे भौमिक अधिकार (photo: social media )

Sonbhadra News: द्रौपदी मुर्मू को देश के प्रथम नागरिक (राष्ट्रपति) की कमान सौंपने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर, जनजातीय समाज को बड़ी सौगात देने वाली भाजपा एक और बड़ी पहल की साक्षी बनने जा रही है। मंगलवार (15 नवंबर) को सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी-छत्तीसगढ़ सीमा के पास चपकी स्थित सेवाकुंज आश्रम (सेवा समर्पण संस्थान संबद्ध वनवासी कल्याण आश्रम) में सोनभद्र के आदिवासियों -वनवासियों को भौमिक अधिकार सौंपेंगे। फिलहाल जनजातीय समाज के 4,000 से अधिक परिवारों को वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत उनके पुश्तैनी कब्जे वाली जमीन पर भौमिक अधिकार सौंपने की तैयारी की गई है। इसके अलावा यहां यूपी के जनजातीय संस्कृति का भी संगम यहां देखने को मिलेगा। इसको लेकर जिले और मंडल के अफसरों के साथ ही, शासन से आए अफसरों ने सोमवार से ही कार्यक्रम स्थल पर डेरा डाल दिया है।

सोनभद्र में डेढ़ घंटे रहेंगे मुख्यमंत्री

सीएम योगी आदित्यनाथ पूर्वान्ह 11:15 बजे चपकी स्थित सेवाकुंज आश्रम के हेलीपैड पर लैंड करेंगे। दोपहर 11:30 बजे से 12:45 तक जनजातीय दिवस (बिरसा मुंडा जयंती) पर आयोजित बनवासी समागम में शिरकत कर, आदिवासी परिवारों को उनके पुश्तैनी कब्जे वाली जमीन पर भौमिक अधिकार का प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे।

कार्यक्रम में जनजाति समाज का लगेगा जमावड़ा

यूपी-छत्तीसगढ़ सीमा पर आयोजित बनवासी समागम उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा कार्यक्रम होगा, जिसमें प्रदेश में निवास करने वाली सभी जनजातियों की सहभागिता, उनकी कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। गेट के बंदनवार, मंच सज्जा के साथ ही खान-पान में भी आदिवासी परंपरा और उनकी संस्कृति को तरजीह दी गई है। सेवा समर्पण संस्थान के सह संगठन मंत्री आनंद की तरफ से जहां इस कार्यक्रम के मेजबानी की अगुवाई की जा रही है। वहीं,

गोरखपुर से वनटंगिया जनजाति की टीम, चित्रकूट से कोल जनजाति की टीम, बहराइच, पीलीभीत लखीमपुर से थारू जनजाति की टीम, बुंदेलखंड की टीम, सोनभद्र से खरवार, गोंड़, घसिया, धांगर, चेरो, बैगा जनजाति की टीम अपने-अपने लोककला और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती दिखाई देगी।

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