Sonbhadra News: चोरी के मामले में 21 साल बाद दोषियों को मिली सजा, चोर और खरीदार दोनों को मिला कारावास
Sonbhadra News: मामले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई की और इस मामले में अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों, पत्रावली में उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्ध पाकर दो दोषियों भवंर सिंह और सुनील सेठ को कारावास की सजा सुनाई।
Sonbhadra News: जनपद स्थित अदालत ने चोरी के 21 वर्ष पुराने मामले दो दोषियों को सजा सुनाई है। मामला दुद्धी कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। एक को सात वर्ष और एक को तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। चोरी करने के दोषी को सात वर्ष और चोरी के सामान की खरीदारी करने वाले व्यक्ति को तीन वर्ष का कारावास मुकर्रर किया गया है। मामले में घर में जेवरात सहित अन्य सामानों की चेारी की गई थी।
अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत ने सुनाई सजा
मामले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई की और इस मामले में अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों, पत्रावली में उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के आधार पर दोषसिद्ध पाकर दो दोषियों भवंर सिंह और सुनील सेठ को कारावास की सजा सुनाई। भंवर सिंह को सात वर्ष की कैद और 15 हजार रूपये अर्थदंड की सजा निर्धारित की गई। अर्थदंड न देने की दशा में चार माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया।
प्रतापगढ़ निवासी कारोबारी को भी पाया गया दोषी
वहीं चोरी के सामान की खरीदारी करने वाले मूलतः प्रतापगढ़ जनपद निवासी तथा वर्तमान में पिपरी के तुर्रा में दुकान/प्रतिष्ठान संचालित करने वाले सुनील सेठ को तीन वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई। उनके उपर तीन हजार रूपये अर्थदंड भी लगाया गया। अर्थदंड न देने की दशा में डेढ़ माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया। साथ ही दोषियों ने इस दौरान जेल में कोई अवधि बिताई होगी तो उसे सजा में समाहित करने के लिए आदेशित किया गया। मामले में कन्हैया नामक व्यक्ति को भी आरोपी बनाया गया था लेकिन उसके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य न मिलने के कारण दोषमुक्त करार दिया गया।
यह बताया जा रहा पूरा प्रकरण
अभियोजन कथानक के मुताबिक रामदेव तिवारी पुत्र धर्मजीत तिवारी निवासी म्योरपुर ने मार्च 2012 में दुद्धी कोतवाली पहुंचकर एक तहरीर दी थी। बताया था कि 10 मार्च 2002 को सुबह 5 बजे भोर में नींद खुली तो देखा कि उसके घर में चार बक्से और चार अटैची तोड़कर फेंके गए थे। आलमारी भी तोड़ी गई थी। उसमें रखा गया सारा सामान गायब था। प्रकरण में अज्ञात में एफआईआर दर्ज कर दुद्धी पुलिस ने मामले की विवेचना की। विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने की बात कहते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया गया।
दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन करने पर अदालत ने दोषसिद्ध पाया और भंवर सिंह पुत्र नंदन सिंह निवासी धौरहवा, थाना बीजपुर सोनभद्र को 7 वर्ष की कैद, 15 हजार रूपये अर्थदंड, सुनील सेठ पुत्र देवातादीन सेठ निवासी कमासिन, थाना बाघराय, जनपद प्रतापगढ़ हाला पता तुर्रा, थाना पिपरी, सोनभद्र को तीन वर्ष की कैद और तीन हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के तरफ से मामले की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने की।