Sonbhadra: अवैध तरीके से संचालित अस्पतालों पर बड़ी कार्रवाई, दो संचालकों पर केस दर्ज, डॉक्टर डिग्री पर संदेह
Sonbhadra News: जिले में दो अस्पताल अवैध तरीके से संचालित होते मिले हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की तरफ से बड़ी कार्रवाई सामने आई है।
Sonbhadra News: जिले में दो अस्पताल अवैध तरीके से संचालित होते मिले हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की तरफ से बड़ी कार्रवाई सामने आई है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर गुलाब शंकर की तरफ से दो अस्पताल संचालकों के खिलाफ घोरावल थाने में केस दर्ज कराया गया है। उनकी कथित डॉक्टर की डिग्री पर भी सवाल उठाए गए हैं। दी गई तहरीर पर घोरावल पुलिस ने धारा 420 आईपीसी और इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 की धारा 16 के तहत एफआईआर दर्ज कर मामले की छानबीन में जुटी हुई है।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी/नोडल अधिकारी पंजीकरण एवं प्राइवेट हास्पिटल, क्लीनिक, व झोलाछाप चिकित्सक डॉ. गुलाब शंकर पुत्र स्व. जगन्नाथ प्रसाद निवासी हंडिया, जिला प्रयागराज ने शनिवार को घोरावल थाने पहुंचकर तहरीर दी। बताया कि जांच के दौरान कि अवैध एवं फर्जी तरीके से कथित डॉक्टर मनोज कुमार पाल की तरफ से सहारा हॉस्पिटल और कथित डॉक्टर विक्रम पुत्र रामकेवल सुषमा हॉस्पिटल का संचालन दीवां रोड, घोरावल पर करने में लगे हुए हैं।
पुलिस ने इस मामले में धारा 420 आईपीसी और धारा 16 इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 के तहत मनोज कुमार पाल संचालक सहारा हॉस्पिटल और विक्रम पुत्र रामकेवल संचालक सुषमा हॉस्पिटल के खिलाफ केस दर्ज पर छानबीन शुरू कर दी। पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि भविष्य में भी अवैध एवं फर्जी तरीके से संचालित किये जा रहे अस्पताल संचालकों के खिलाफ विधिक कार्रवाई जारी रहेगी। प्रभारी निरीक्षक घोरावल कमलेश पाल ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है।
जुगाड़ सिस्टम के जरिए चल रहा अस्पतालों का रैकेट
घोरावल कस्बे में जिस तरह से कथित डॉक्टरों की तरफ से अवैध एवं फर्जी तरीके से दो अस्पतालों के संचालन की बात सामने आई है। उसको देखते हुए पूरे जिले में संचालित अस्पतालों के पंजीयन और पंजीयन में उल्लिखित तथा अस्पतालों का संचालन कर रहे डॉक्टर के सत्यापन की मांग उठाई जाने लगी है। दूसरे जगह की छोड़ दें जिस तरह से जिला मुख्यालय एरिया में ही मेडिकल स्टोर की तर्ज पर अस्पताल खुल रहे हैं और बगैर विशेषज्ञ डॉक्टरों की मौजूदगी के ही गंभीर से गंभीर मरीजों के उपचार का दावा किया जा रहा है और उपचार में गड़बड़ी के चलते मरीजों की जानें जा रही हैं। उसको देखते हुए कागज पर कुछ, हकीकत में कुछ के अंदाज में चल रहे अस्पतालों और उसके संचालकों पर कार्रवाई की मांग जोर पकड़ने लगी है।