Sonbhadra: अस्पतालों के सिंडिकेट की भेंट चढ़ी अधिवक्ता की पत्नी, लापरवाही से गई जान, केस दर्ज

Sonbhadra: अस्पताल और मरीजों के इलाज के नाम पर ज्यादा मुनाफा कमाने को लेकर सोनभद्र से वाराणसी तक चल रहे चिकित्सकों की सिंडिकेट की भेंट एक और महिला के चढ़ने का मामला सामने आया है।;

Update:2023-12-18 16:49 IST

सोनभद्र में अस्पतालों के सिंडिकेट की भेंट चढ़ी अधिवक्ता की पत्नी (न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: जुगाड़ सिस्टम से संचालित हो रहे अस्पताल और मरीजों के इलाज के नाम पर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने को लेकर सोनभद्र से वाराणसी तक चल रहे चिकित्सकों की सिंडिकेट की भेंट एक और महिला के चढ़ने का मामला सामने आया है। इस बार प्रकरण एक अधिवक्ता के पत्नी का है। प्रसव में लापरवाही के चलते जहां अधिवक्ता, को पत्नी की जिंदगी बचाने की कोशिश में अच्छी-खासी जमा-पूंजी व्यय करनी पड़ी।

वहीं, सोनभद्र और वाराणसी दोनों जगह ऑपरेशन के बावजूद, रविवार को, उसकी जान चली गई। देर रात परिजन शव लेकर पहुंचे तो नाराज लोगों ने अस्पताल पहुंच जमकर हंगामा किया। सोमवार को जिला अस्पताल में भी पीएम के दौरान घंटों हंगामे की स्थिति रही। सदर विधायक भूपेश चौबे, एसडीएम नितिन कुमार यादव ने जहां लोगों को कड़ी कार्रवाई का भरोसा देकर शांत कराया। वहीं, पुलिस ने सोनभद्र स्थित पंचशील हास्पीटल, वाराणसी स्थित मंधाता हास्पीटल के प्रबंधक- चिकित्सक के खिलाफ केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। सीएमओ ने भी तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए हैं।

जा रहे थे सरकारी अस्पताल, बिचौलियों ने पहुंचा दिया पंचशील

मृतका के पति सतीश कुमार विश्वकर्मा की तरफ से पुलिस को दी तहरीर में बताया गया है कि वह अपनी पत्नी संगीता 24 वर्ष को लेकर प्रसव के लिए गत 16 दिसंबर को सरकारी हॉस्पिटल (जिला अस्पताल) जा रहे थे। जैसे ही, वह कोतवाली के पास स्थित पंचशील हास्पीटल के सामने पहुंचे, वहां तीन‘चार लोग मिल गए और पंचशील में बेहतर उपचार का झांसा देकर, पत्नी को भर्ती करा दिया। उसी दिन शाम को उनकी पत्नी का सीजेरियन प्रसव कराया गया। खून की जरूरत बताते हुए दो यूनिट ब्लड की भी व्यवस्था करवाई गई।

जाना चाहते थे बीएचयू, पहुंच गए मांधाता हॉस्पिटल

अधिवक्ता सतीश के मुताबिक उनके कुछ और पैसों के लिए व्यवस्था के लिए कहा गया था। उसकी व्यवस्था करने में वह लगे थे तभी सूचना मिली कि उनकी पत्नी को, उनकी गैरमौजूदगी में अस्पताल से बाहर लाकर एंबुलेंस में बिठा दिया गया है। भागते हुए वह वहां पहुंचे तो बताया कि रक्तश्रा्रव बंद नहीं हो रहा है तत्काल वाराणसी जाना होगा। वह बीएचयू जाना चाहते थे लेकिन प्राइवेट में बेहतर इलाज का झांसा देकर, मांधाता हास्पीटल वाराणसी ले जाया गया।

दोबारा किया गया ऑपरेशन, फिर भी नहीं बच पाई जान

वाराणसी पहुंचने पर मांधाता हास्पीटल के लोगों ने कहा कि हालत ज्यादा सिरियस है, दोबारा ऑपरेशन करना होगा। 17 दिसंबर की दोपहर दोबारा ऑपरेशन किया गया। इसके लिए अच्छी-खासी रकम भी जमा करवाई गई लेकिन ऑपेरशन के महज घंटे बाद ही, प्रसूता की मौत हो गई। रात में परिजन शव लेकर घर पहुंचे तो पूरे प्रकरण की जानकारी पा परिजन और अधिवक्ता आक्रोशित हो उठे। कोतवाली पहुंच पुलिस से कार्रवाई की मांग करने के साथ ही, पंचशील हास्पीटल पर पहुंचकर हंगामा खड़ा कर दिया। मौके पर पहुंचे एसडीएम नितिन कुमार ने कडी कार्रवाई का भरोसा दिया। प्राथमिक जांच में काफी कुछ गडबड़ भी पाए जाने की बात कही। सोमवार की दोपहर बाद शव का जिला अस्पताल में पीएम कराया गया।

वीडियो कैमरे की निगरानी में चिकित्सकों के पैनल ने किया पीएम

मामले की गंभीरता को देखते हुए, सीएमओ डा. अश्वनी कुमार के निर्देश पर वीडियो कैमरे की निगरानी में तीन चिकित्सकों के पैनल ने पीएम किया। दोपहर तीन बजे के करीब शव परिवार वालों को सौंप दिया गया। इसको लेकर जहां पीएम हाउस पर रह-रहकर हंगामे की स्थिति बनती रही। वहीं आरोपी अस्पताल प्रबंधक को कथित तौर एक प्रभावशाली जनप्रतिनिधि की तरफ से संरक्षण दिए जाने को लेकर नाराजगी के स्वर उठते रहे। मौके पर पहुंचे सदर विधायक भूपेश चौबे ने लोगों को मामले में सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया। कहा कि अधिवक्ता को पत्नी की मौत के मामले में न्याय के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे।

एसीएमओ-गाइकोनालॉजिस्ट और सर्जन से मांगी विस्तृत रिपोर्ट

वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ डा. अश्वनी कुमार ने प्रकरण में तीन सदस्यीय टीम गठित कर मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। जांच टीम की अगुवाई एसीएमओ आरजी यादव को सौंपी गई है। वहीं, उनकी टीम में एक गायकोनालॉजिस्ट और एक सर्जन को शामिल किया गया है। सीएमओ ने बताया कि रिपोर्ट मिलते ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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