Sonbhadra: अखिल भारतीय कवि सम्मेलनः गीत-कहकहों से गुलजार रही ठंड भरी रात

Sonbhadra: कौमी एकता समिति की तरफ से लगातार 38वें साल दुद्धी मुख्यालय पर कौमी एकता की मसाल जलाई गई। मौका था तहसील परिसर में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का।

Update:2023-11-26 18:04 IST

सोनभद्र में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन (न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: कौमी एकता समिति की तरफ से लगातार 38वें साल दुद्धी मुख्यालय पर कौमी एकता की मसाल जलाई गई। मौका था तहसील परिसर में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का। गीत-कहकहों से गुलजार रही ठंड भरी रात में कवियों की रस और कहकहों भरी रचनाएं कुछ ऐसा तपिश भरा माहौल बनाया कि कब सुबह हो गई श्रोताओं को पता ही नहीं चल पाया। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाली शख्सियतों को सम्मानित भी किया गया।

बतौर मुख्य अतिथि समाज कल्याण राज्यमंत्री संजीव कुमार गोंड़, विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय विधायक राम दुलार गोंड़, भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल, ब्लाक प्रमुख म्योरपुर मानसिंह गोंड़, अध्यक्षता कर रहे नगर पंचायत अध्यक्ष कमलेश मोहन ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद मंच पर कवियों की तरफ से सजाई गई महफिल में सभी को बैच अलंकरण करते हुए अंगवस्त्रम् भेंट किया गया।

प्रतापगढ़ से पधारीं कवियत्री प्रीति पांडेय ने हंसवाहिनी, ज्ञानदायिनी कर दो कृपा महान, छेड़ दो मां वीणा की तान. से मां सरस्वती की वंदना कर, कवि सम्मेलन को गति दी। वहीं, मन की सरहद में घूम लेती हूं, इन हवाओं में झूम लेती हूं, याद जब भी तुम्हारी आती है, मैं तिरंगे को चूम लेती हूं... जैसी रचनाओं पर सरहद पर देश की रखवाली कर रहे वीर जवानों की पत्नियों का दर्द बयां किया। कोरबा छत्तीसगढ़ से पधारे हास्य पैरोडी हीरामणी वैष्णव ने लड़कियां पापा की परी हैं तो क्या लड़के मम्मी के मगरमच्छ हैं....जैसी रचनाओं से खूब गुदगुदाया।

जहां हर रंग के हैं फूल वो गुलशन हमारा है, करेगा जो इसे बर्बाद...

काशी से आए इमरान बनारसी ने जहां हर रंग के हैं फूल वो गुलशन हमारा है, करेगा जो इसे बर्बाद वो दुश्मन हमारा है... जैसी रचनाओं से देशभक्ति के रस में डूबो दिया। बिहार से पधारे हास्य-व्यंग्य के राष्ट्रीय शिखर शंभू शिखर ने दूल्हा बेचारा रील बनाने में रह गया, दुल्हन ने फेरे पंडित जी के साथ ले लिए... जैसी रचनाओं से जहां मोबाइल की दुनिया में फंसे लोगों पर व्यंग्य कसा। वहीं, भूले से भी पत्नी को न एसडीएम तू बनाना.., जुल्फों में उंगलियों को फिराने नहीं देते, कलियों के पास भौरों को आने नहीं देते..., क्या करें हम आजकल अपने आप से बहुत त्रस्त हैं, सोने की बीमारी से ग्रस्त हैं.. जैसी रचनाओं से खूब हंसाया।

भारत माता के सैनिक...ममता के आंचल से... कर्ज चुकाते हैं..

टूंडला से आए हास्य व्यंग्य के कवि लटूरी लट्ठ ने मूंछ पे ताव लगाते घूमें, छप्पर पे नहीं फूंस रहे हैं, कपड़े नए सिला नहीं पाए, वही पुराने ठूंस रहे हैं, एमपी से आए ओज रस कवि अभिराम पाठक ने भारत माता के सैनिक जब सीमाओं पर जाते हैं, ममता के आंचल से चलकर मां का कर्ज चुकाते हैं..., देवरिया के मनमोहन मिश्रा ने अम्न कतरा रहा है आने से, फायदा क्या नगर बसाने से, रोक सकती नहीं हवा मुझको, एक दिया प्यार का जलाने से.. जैसी रचनाओं से जमकर ताली बटोरी। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार मु.शमीम अंसारी और काव्य संध्या का संचालन वीर रस के राष्ट्रीय कवि कमलेश राजहंस ने किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रामलोचन तिवारी ने स्वागत भाषण दिया। वहीं मुख्य संरक्षक रविंद्र जायसवाल ने सभी का आभार प्रकट किया।

उल्लेखनीय कार्य करने वाली शख्सियतों का किया गया सम्मान

कार्यक्रम के दौरान सहकारिता क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए सेवानिवृत्त सचिव विंध्यवासिनी प्रसाद, व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र से वंदना श्रीवास्तव और रजनीश श्रीवास्तव, पत्रकारिता के लिए दूरदर्शन में सेवा दे रहे इशहाक खान, यूपी बोर्ड परीक्षा में बेहतर अंक अंर्जित करने के लिए धनौरा गांव निवासी शिक्षक संतोष सिंह के बेटे आर्यवीर सिंह (हाईस्कूल में 98 प्रतिशत नंबर) को सम्मानित किया गया। जुबेर आलम, डॉ केके चौरसिया, मदन मोहन तिवारी, कुलभूषण पांडेय, अमरनाथ जायसवाल, देवेश मोहन, भीम जायसवाल, फतेहमुहम्मद खान, दीपक तिवारी, प्रमोद कुमार, सभासद राकेश आजाद, रिजवान, बालकृष्ण, नीरज, अभिनव बिट्टू, राजू शर्मा, सहित तमाम लोग मौजूद रहे। सुरक्षा के मद्देनजर प्रभारी निरीक्षक नागेश सिंह रघुवंशी, महिला थानाध्यक्ष सविता सरोज सहित अन्य पुलिसकर्मियों की मौजूदगी बनी रही।

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