Sonbhadra News: मॉडल संकुल स्तरीय भर्ती में धांधली-पैसे की उगाही का आरोप, उपायुक्त से शिकायत
Sonbhadra News: सदर ब्लाक के मझिगांव चौबे निवासी संजू कुशवाहा ने उपायुक्त स्वत: रोजगार को सौंपी शिकायत में कहा है कि 29 दिसंबर 2023 को विकास खंड चतरा, राबर्ट्सगंज, चोपन, दुद्धी में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए मॉडल संकुल स्तरीय संघ में मानव संसाधन की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था।
Sonbhadra News: ग्राम्य विकास विभाग के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा अपनाई गई मॉडल संकुल स्तरीय भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया गया है। सखी समूह ने उपायुक्त स्वत: रोजगार को शिकायती पत्र देकर मामले की जांच की मांग की है। आरोप है कि विभाग के ही एक डीएमएम ने उनसे पैसों की मांग की। मांग पूरी न करने पर कभी बीसी सखी होने की बात कह कर तो कभी कंप्यूटर प्रमाण पत्र न होने की बात कह कर उनके आवेदन को भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। बयान में कितनी सच्चाई है? यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल भर्ती प्रक्रिया अपनाए जाने के साथ ही धांधली के आरोपों पर चर्चा शुरू हो गई है।
सदर ब्लाक के मझिगांव चौबे निवासी संजू कुशवाहा ने उपायुक्त स्वत: रोजगार को सौंपी शिकायत में कहा है कि 29 दिसंबर 2023 को विकास खंड चतरा, राबर्ट्सगंज, चोपन, दुद्धी में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए मॉडल संकुल स्तरीय संघ में मानव संसाधन की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। 12 फरवरी 2024 फार्म भरने की अंतिम तिथि थी। बाद में यह तिथि भी बढ़ा दी गई। जिसमें उसने आवश्यक शैक्षिक योग्यता व अनुभव प्रमाण पत्र के साथ आवेदन किया। आरोप है कि बाद में उससे पैसे की मांग की गई।
मांगी गई रकम न देने पर अपात्र घोषित करने का आरोप:
आरोपों के अनुसार विभाग के ही एक डीएमएम ने बीस हजार की मांग की। न देने पर अपात्र घोषित करने की धमकी दी गई। आरोप है कि आपत्ति करने पर कभी बीसी सखी के योग्य न होने तो कभी कोई और बहाना बनाकर उसे परेशान किया गया और भर्ती के लिए पैसे मांगे गए। आरोप है कि 13 अक्टूबर को एक व्हाट्सएप ग्रुप में भर्ती से संबंधित पीडीएफ वायरल हुई, जिसमें खुलासा हुआ कि बीसी सखी बनी महिलाओं को चिन्हित कर नियुक्ति दी जा रही है, लेकिन उन्हें अपात्र करार दिया गया है। नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली व दस्तावेजों से छेड़छाड़ के आरोप भी लगाए गए हैं। नियुक्ति प्रक्रिया की गहनता से जांच कर कार्रवाई की मांग की गई। इस संबंध में जब संबंधित डीएमएम इम्तियाज आलम से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया से उनका कोई लेना-देना नहीं है। इसके लिए अलग से कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने ही पात्र-अपात्र का निर्धारण किया है।