Sonbhadra News: आंगनबाड़ी भर्ती पर उठे सवाल तो पिछड़ा वर्ग आयोग उपाध्यक्ष ने विपक्षियों पर फोड़ा ठीकरा

Sonbhadra News: राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त राज्य पिछड़ा वर्ग के उपाध्यक्ष सोहन लाल श्रीमाली का कहना है कि सरकार को बदनाम करने के लिए ऑडियो किए वायरल;

Update:2025-03-26 20:20 IST

Sonbhadra News: जिले में हुई आंगनबाड़ी भर्ती को लेकर जहां कथित लेन-देन को लेकर दो ऑडियो वायरल होने के बाद लगातार सवाल उठ रहे हैं। वहीं, ईडब्ल्यूएस कोटे वाली सीट पर, आवेदन में ईडब्ल्यूएस का जिक्र और अनुमन्य समय पर प्रमाणपत्र की वैधता होने के बावजूद, आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के चयन का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। वायरल हुए ऑडियो और इवीएस कोटे का मामले का पूरा सच सामने आ पाता, इससे पहले, योगी सरकार के आठ वर्ष पूरे होने पर, जिले में आयोजित तीन दिवसीय समारोह में आए पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष ने, लगाए जा रहे आरोपों-वायरल हुए ऑडिया का ठीकरा विपक्षियों पर मढ़कर, मामले को एक नया ही मोड़ दे दिया। ऑडियो में हो रही कथित बातचीत और भर्ती में कथित गड़बड़ी की पूरी सच्चाई क्या है, यह तो उच्चस्तरीय जांच के बाद ही सामने आएगा, फिलहाल आयोग के उपाध्यक्ष के सामने आए बयान के बाद, पूरा मामला अब धीरे-धीरे सियासी रंग अख्तियार करने की तरफ बढ़ने लगा है।

बताते चलें कि राबटर्सगंज ब्लाक क्षेत्र के मारकुंडी सीट पर हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ती चयन को लेकर लगातार सवाल उठे रहे हैं। धांधली का आरोप लगा रही राजकीय महिला महाविद्यालय की पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रेनू यादव का आरोप है कि सदर ब्लाक के सीडीपीओ ने एक साजिश के तहत उनका नाम पात्र की सूची से हटवा दिया। इसके समर्थन में उनके पक्ष की तरफ से दो ऑडियो सामने आए हैं। पहले वाले वायरल ऑडियो में कथित सीडीपीओ की तरफ से डेढ़ लाख की मांग का दावा किया जा रहा है तो दूसरे ऑडियो में कथित डेढ़ लाख न मिलने पर किसी गिरि का चयन कर लेने का अल्टीमेटम दिया जा रहा है। आरोप है कि सूची में उसी गिरि का चयन हुआ है। ऑडियो में कितनी सत्यता है, लगाए जा रहे आरोप कितने सही हैं? यह तो उच्चस्तरीय जांच के बाद ही सामने आ पाएगा। फिलहाल यह प्रकरण लगातार तूल पकड़े हुए है। बता दें कि वायरल किए गए किसी आडियो की कोई पुष्टि न्यूजट्रैक नहीं करता।

- ईडब्ल्यूएस कोटे को लेकर यह लगाया जा रहा आरोप:

इसी तरह नगवां विकास खंड की रहने वाली पौनी निवासी विभा शुक्ला द्वारा ईवीएस कोटे से पात्र होने के बावजूद, चयन सूूची से वंचित करने का आरोप लगाया जा रहा है। उनकी तरफ से अधिकारियों को सौंपे गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि उनके पास वैध ईवीएस प्रमाणपत्र है। उन्होंने आवेदन में ईवीएस का जिक्र भी किया था। बावजूद जिस ईडब्ल्यूएस कोटे में सिर्फ ईडब्ल्यूएस कोटे से चयन होने चाहिए, वहां चयन सूची के प्रथम-द्वितीय दोनों स्थान पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी का चयन कर दिया गया। आरोप लगाया जा रहा है कि इस चयन को भी विभागीय स्तर पर सही ठहराने की कोशिश हो रही है।

क्या कहते हैं, पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष:

- जिले में आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव में आए राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त राज्य पिछड़ा वर्ग के उपाध्यक्ष सोहन लाल श्रीमाली से जब कुछ पत्रकारों ने मसले का जिक्र किया तो उनका कहना था कि विपक्षी दलों द्वारा ऐसा फंडा अपनाया गया है कि जिससे उनकी सरकार बदनाम हो, उनके प्रशासन के लोग बदनाम है। यह ऑडियो उन्हीं के षडयंत्र का हिस्सा है।

- चंद मामलों पर बनी चुप्पी पूरी भर्ती पर उठा रही सवाल:

एक तरफ जहां लग रहे आरोपों पर जनप्रतिनिधियों की चुप्पी चर्चा में है। वहीं, मारकुंडी की भर्ती को लेकर वायरल हो रहे ऑडियो और पौनी में ईवीएस कोटे में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी के चयन को लेकर स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट न किए जाने और इसको लेकर, विभागीय यानी बाल विकास विभाग के अधिकारियों से इतर जांच न कराए जाने को लेकर सवाल तो उठ ही रहे हैं, जिस तरह से आरोपों को गलत ठहराते हुए, गंभीर आरोपों वाले चयन पर चुप्पी की स्थिति बनी है। उसको देखते हुए, पूरी भर्ती प्रकिया पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं।

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