Sonbhadra News: मुख्यालय पर बिन बिजली कट रही दोपहरी, पांच से छह घंटे कटौती ने बिगाड़ा शिड्यूल, 24 घंटे आपूर्ति वाली जगह पर घंटों कटौती से पनप रहा रोष
Sonbhadra News: दोपहर में पांच से छह घंटे तक अचानक से बिजली कटौती करने का आखिर कारण क्या है? इसका भी कोई जवाब नहीं मिल पा रहा है।;
Sonbhadra News Today Continuous Power Cuts for The Last Three Days Due to Negligence of the Electricity Department |
Sonbhadra News: सोनभद्र, यूपी के जरूरत की आधी बिजली पैदा करने वाले सोनभद्र के जिला मुख्यालय पर बिजली विभाग की मनमानी ने लोगों को रूलाना शुरू कर दिया है। हाल यह है कि एक तरफ जहां पिछले तीन से चार दिनों के भीतर तेजी से बढे़ तापमान ने लोगों को उमस और गर्मी से परेशान करके रख दिया है। वहीं, दोपहर के साथ ही, कामकाज वाले समय में, पिछले तीन दिन से पांच से छह घंटे तक लगातार हो रही बिजली कटौती ने, मुख्यालय के जनजीवन का शिड्यूल ही बिगाड़ कर रख दिया है। बिजली से जुड़े काम-धंधे प्रभावित हो रहे हैं सो अलग। अचानक से मुख्यालय पर वर्षों बाद, दोपहर में पांच से छह घंटे तक अचानक से बिजली कटौती करने का आखिर कारण क्या है? इसका भी कोई जवाब नहीं मिल पा रहा है।
बताते चलें कि जिला मुख्यालय एरिया में मुख्य शहर से लेकर कलेक्ट्रेट तक ढाई लाख से अधिक आबादी निवास करती है। गाजियाबाद के बाद प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व और प्रदेश के बिजली जरूरत के आधे बिजली का अकेले उत्पादन करने वाला सोनभद्र का मुख्यालय अभी भी, पेयजल के लिए बिजली आपूर्ति पर निर्भर है। मुख्यालय एरिया की आधी से अधिक आबादी में पानी की जरूरत बोर वाले पानी से पूरी होती है। जिले की एकलौती नगर पालिका का दर्जा रखने वाले नगर पालिका राबटर्सगंज एरिया में पेयजल संकट के स्थाई निदान के लिए, वर्ष 2014 से पेयजल पुनर्गठन पेयजल परियोजना का काम जारी है लेकिन यह योजना अभी तक मूर्तरूप नहीं ले पाई है। यह अलग बात है कि इस योजना पर भी करोड़ों की रकम खर्च की जा चुकी है। चूंकि बोर के साथ ही, मुख्यालय के पानी में आयरन की अधिकता के कारण लोगों को आरओ का सहारा लेना पड़ता है।
ऐसे समय में अचानक से गुल हो रही बिजली जहां पानी के लिए दिक्कत पैदा कर दे रही है, वहीं बिजली से जुड़े कागकाज भी प्रभावित हो जा रहे हैं। तेजी से बढ़ रहे तापमान के बीच उमस और गर्मी लोगों को तड़पा रही है सो अलग।
पिछले तीन दिन से जारी है घंटों कटौती का दौर
चंद दिन पूर्व ही बिजली व्यवस्था को दुरूस्त करने के नाम पर घंटों बिजली कटौती की गई थी। महज उसके दो-तीन दिन बाद ही, गत बुधवार को सुबह 12 बजे से शाम पांच बजे तक बिजली गायब रही तो लोग चौंक उठे। लोगों ने समझा कि शायद कोई बड़ा फाल्ट रहा होगा। बृहस्पतिवार को भी यहीं स्थिति बनी रही। शुक्रवार की सुबह 11 बजे ही बिजली गुल हो गई जो शाम सा़ढ़े पांच जाकर नमूदार हुई। अचानक से घंटों बिजली ने जहां लोगों को चौंका कर रख दिया है। वहीं, जिला मुख्यालय जहां न तो किसी तरह की फसल ही बोई गई है कि अगलगी का डर है न ही ऐसी कोई संवेदनशील या गंभीर स्थिति कि पांच से घंटे तक पावर कट की स्थिति बनाए रखना विभाग की मजबूरी बन गया हो। बावजूद जिस तरह, से पूर्व में ओटीएस के लिए दबाव बनाने के लिए जिला मुख्यालय पर तीन से चार घंटे तक बिजली काटी गई। वहीं, अब तपिश का दौर शुरू होने के साथ ही, घंटों बिजली कटौती कर, विभाग आखिर उपभोक्ताओं को किस तरह का संदेश देना चाहता है यह लोग समझ नहीं पा रहे हैं।
मुख्यालय पर है कई जनप्रतिनिधियों का डेरा, फिर भी नहीं रूक रही मनमानी:
जिला मुख्यालय पर सत्तापक्ष के विधायक के साथ, भाजपा के कई पूर्व जिलाध्यक्षों का स्थायी डेरा है। कलेक्ट्रेट के अलावा शहरी क्षेत्र में कई सरकारी विभागों के जिला दफ्तर संचालित हैं। सत्ता पक्ष का जिला कार्यालय मौजूद है। जनविरोधी नीतियों, जनता के हक में सदैव आवाज उठाने का दावा करने वाले सांसद का भी निवास जिला मुख्यालय क्षेत्र में मौजूद है। बावजूद जिस तरह से जिला मुख्यालय पर जब-तब बगैर पूर्व सूचना के घंटों बिजली कटौती की स्थिति शुरू हो गई। उससे लोगों को एक बार फिर से प्रदेश में गैर भाजपा सरकारों के समय की बिजली आपूर्ति याद आने लगी है। इससे पूर्व, नगर निकाय चुनाव के वक्त भी मुख्यालय के लोगों को लगातार तीन दिन तक घंटों बिजली कटौती का दंश झेलना पड़ा था।
महकमे के अफसरों से साधा गया संपर्क, नहीं मिल पाया जवाबः
जिला मुख्यालय पर लगातार पिछले तीन दिनों से घंटों बिजली कटौती का कारण जानने के लिए एक्सईएन विद्युत राबटर्सगंज से संपर्क साधा गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए। वहीं, अधीक्षण अभियंता से संपर्क साधा गया तो वह विभागीय मीटिंग में व्यस्त मिले। बताते चलें कि जिला मुख्यालय पर जहां 24 घंटे बिजली आपूर्ति का आदेश है। वहीं, गांवों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति का शिड्यूल निर्धारित है। गांवों में दोपहर में बिजली कटौती के पीछे, फसलों की शार्ट सर्किट से होने वाली नुकसानी को कारण बताया जा रहा है लेकिन जिला मुख्यालय पर जहां, सिर्फ कंक्रीट के जंगल हैं, वहां दोपहर में घंटो बिजली कटौती क्यों की जा रही है, यह सवाल लोगों के जेहन में सुलगने लगा है।