Sonbhadra News: ओबरा पावर प्रोजेक्ट से स्क्रैप गायब होने के मामले में नया मोड़, कंपनी पर केस दर्ज

Sonbhadra News: ओबरा परियेजना की 2018 से बंद पड़ी 100 मेगावाट क्षमता वाली सातवीं इकाई के डिस्पमेंटल के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी।;

Update:2023-12-27 14:13 IST

ओबरा पावर प्रोजेक्ट से स्क्रैप गायब होने पर कंपनी पर केस दर्ज (न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: ओबरा पावर प्रोजेक्ट की बंद पड़ी 100 मेगावाट वाली सातवीं इकाई से गायब हुए महत्वपूर्ण पार्ट्स (स्क्रैप) मामले में नया मोड़ आ गया है। मामले में अधिशासी अभियंता भंडार रिजवी अहसन की तरफ से परियोजना की बंद पड़ी दूसरी इकाइयों के डिस्मेंटलिंग का कार्य कर रही कोलकाता की कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। मामले में दी गई तहरीर और उस पर ओबरा चौकी इंचार्ज की आई रिपोर्ट के क्रम में ओबरा थाने में धारा 406 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।

सातवीं इकाई की निविदा पाने वाली फर्म ने दी थी स्क्रैप गायब होने की जानकारी

बताते चलें कि ओबरा परियेजना की 2018 से बंद पड़ी 100 मेगावाट क्षमता वाली सातवीं इकाई के डिस्पमेंटल के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी। जिस फर्म/कंपनी को निविदा मिली, जब वह मौके पर पहुंची तो पताचला कि कई महत्वपूर्ण पार्ट्स पहले से गायब हैं। इस पर संबंधित फर्म ने पूरे मामले की जानकारी उच्च प्रबंधन को दी।

विभागीय स्तर पर अधीक्षण अभियंता समेत 8 को किया जा चुका है निलंबित

इसके बाद मामले में आंतरिक जांच प्रक्रिया अपनाते हुए जहां सातवीं इकाई के देखरेख का जिम्मा संभालने वाले अधीक्षण अभियंता जीवन सिंह रायपा को राज्य उत्पादन निगम के चेयरमैन स्तर से लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया। वहीं एमडी स्तर से अधिशासी अभियंता रिजवी अहसन, अधिशासी अभियंता अमित कुमार मिश्र, सहायक अभियंता मनेंद्र प्रसाद, अवर अभियंता मुदस्सर यूसुफ रहमानी, भंडारी गुरूचरण यादव, भंडारी शशिकांत सिंह, सहायक भंडारी विनय कुमार पर निलंबन की गांज गिरी।

एफआईआर से मामले में आया नया मोड़

अभी इस कार्रवाई को लेकर परियोजना स्तर पर जहां हड़कंप की स्थिति बनी हुई थी। वही निलंबित किए गए अधिशासी अभियंता भंडार रिजवी अहसन की तहरीर पर दूसरी बंद पड़ी इकाइयों के डिस्मेंटलिंग का कार्य कर रही कोलकाता की मेसर्स चिनार स्टील सेगमेंट सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पुलिस की तरफ से केस दर्ज कर लिया गया।

तहरीर में पुलिस को दी गई है इस बात की जानकारी

अधिशासी अभियंता भंडार की तरफ से पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया है कि ओबरा परियोजना में सातवीं इकाई की निविदा प्रक्रिया अपनाए जाने के पहले से कोलकाता की मेसर्स चिनार स्टील सेगमेंट सेंटर प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से 50 मेगावाट वाली पहली से पांचवी और 100 मेगावाट वाली छठवीं तथा आठवीं इकाई के डिस्मेंटलिंग का कार्य किया जा रहा है। सातवीं इकाई की डिस्मेंटलिंग का कार्य उनके कार्यक्षेत्र में नहीं है। सातवीं इकाई की कुछ मोटर व अन्य सामग्रियां गायब हैं। इस बात की संभावना है कि उक्त पार्ट्स चिनार कंपनी द्वारा कटिंग कर ली गई होगी।

ओबरा चौकी इंचार्ज ने दी प्रथमदृष्ट्या घटना सत्य होने की रिपोर्ट

वह इस मामले में ओबरा चौकी इंचार्ज की तरफ से प्रभारी निरीक्षक को उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट में अवगत कराया गया है कि प्रथम दृष्टिक घटना सत्य प्रतीत हो रही है। इसको दृष्टिगत रखते हुए ओबरा थाने में मेसर्स चिनार के खिलाफ धारा 406 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक मामले की छानबीन की जा रही है।

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