Sonbhadra Exclusive: नियम शर्तों को दरकिनार कर टोल प्लाजा का निर्माण, अब एनजीटी के फैसले पर टिकी निगाहें

Sonbhadra Exclusive: जिले के लोढ़ी में वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर निर्मित लोढ़ी टोला प्लाजा का निर्माण का मामला दिन-ब-दिन गंभीर होता जा रहा है।;

Update:2024-01-03 18:18 IST

सोनभद्र में नियम शर्तों को दरकिनार कर टोल प्लाजा का निर्माण (न्यूजट्रैक)

Sonbhadra Exclusive: जिले के लोढ़ी में वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर निर्मित लोढ़ी टोला प्लाजा का निर्माण का मामला दिन-ब-दिन गंभीर होता जा रहा है। कथित नियमों-शर्तो को दरकिनार किए गए टोला प्लाजा के निर्माण के मामले को लेकर, एमओईएफएंडसीसी (केद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय) की तरफ से उपयोग में ली गई वनभूमि के शुद्ध मूल्य के पांच गुना पेनाल्टी की सिफारिश की गई है। इसी तरह, अन्य निर्देशों के उल्लंघन तथा सेंचुरी एरिया में निर्माण के मामले पर भी उच्चस्तरीय निगरानी और कार्रवाई की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) में दाखिल की गई है। अब इस पर एनजीटी का क्या फैसला आता है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

इन बिंदुओं पर की गई सिफारिश

- रिपोर्ट में कहा गया है कि वन (संरक्षण) अधिनियम के उल्लंघन के लिए टोल प्लाजा के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली वन भूमि के एनपीवी (वन भूमि के शुद्ध मूल्य) के 5 गुना के बराबर दंडात्मक पेनाल्टी लगाई जा सकती है।

- उपयोगकर्ता एजेंसी को टोल प्लाजा के निर्माण के लिए उपयोग किए गए क्षेत्र के दोगुने पर वृक्षारोपण (वन भूमि पर) के लिए धन जमा करने के लिए कहा जा सकता है।

- डीएफओ, सोनभद्र प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) में लेवी जमा करने के लिए मांग पत्र जारी कर सकते हैं।

- कैमूर वन्य जीव अभ्यारण्य के इको-सेंसिटिव जोन के संबंध में गजट अधिसूचना के पैरा 5 के अनुसार निगरानी समिति की सिफारिश की की गई। साथ ही पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र के उल्लंघन की सीमा और राशि का आकलन करने तथा उपयोगकर्ता एजेंसी पर लगाए जाने वाले मुआवजे का मूल्यांकन करने के लिए भी निगरानी समिति को निर्देशित किए जाने की संस्तुति दी गई है।

- मुआवजे की राशि तय करते समय समिति को एफसी दिशा-निर्देशों के खंड 1.22 का ख्याल रखने के लिए कहा गया है। इस व्यवस्था के तहत वन्यजीव प्रबंधन योजना और मृदा एवं नमी संरक्षण योजना की तैयारी में देरी आदि मसले पर उचित कार्रवाई और संबंधित व्यवस्था के क्रियान्व्यन के लिए निर्धारित की जाने वाली परियोजना पर आने वाली लागत की एकमुश्त राशि या चरणबद्ध राशि वसूली की व्यवस्था है।

बगैर अनुमति इको सेंसिटिव जोन में खड़ा कर दिया टोल प्लाजा

बताते चलें कि अधिवक्ता आशीष चौबे की तरफ से शर्तो-नियमों का उल्लंघन कर लोढ़ी में टोल प्लाजा निर्मित किए जाने का आरोप लगाते हुए एनजीटी से इसे धराशाई किए जाने का निर्देश दिए जाने के संबंध में एसीपी टोलवेज लिमिटेड को पक्षकार बनाते हुए याचिका दाखिल की गई है। वहीं, कैमूर वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अरिवंद कुमार यादव का कहना है कि टोला प्लाजा स्थल इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत है तथा प्रयोक्ता एजेंसी द्वारा इको सेंसिटिव जोन में निर्माण की अनुमति राज्य वन्य जीव परिषद/राष्ट्रीय वन्य जीव परिषद से नहीं ली गई है।

वन विभाग को नहीं उपलब्ध कराया गया परिवर्तित ले आउट प्लान

इको सेंसिटिव जोन मसले के साथ ही, स्वीकृत ले आउट प्लान के विपरीत निर्माण का भी मामला पाया गया है। डीएफओ सोनभद्र वन प्रभाग कुंजमोहन वर्मा की तरफ से एमओईएफएंडसीसी को भेजे गए रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रयोक्ता अभिकरण से संशोधित ले आउट प्लान की कई बार मांग की गई लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। वन भूमि विचलन, वृक्ष के पातन, निर्धारित शर्त संख्या 09 और 19 के संबंध में किए गए पत्राचार पर भी कोई प्रतिक्रिया न दिए जाने की रिपोर्ट दी गई है।

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