Sonbhadra News: स्टांप पंजीयन मंत्री ने मृत्यु भोज की परंपरा को बताया बकवास, गरमाई सियासत, मंत्री की बर्खास्तगी की उठी मांग

Sonbhadra News: कांग्रेस सहित अन्य संगठनों की तरफ से मंत्री पर कमजोर वर्ग के बहाने, सतातन संस्कार और सनातन परंपरा को चोट पहुंचाने का प्रयास किए जाने का आरोप लगाया गया है।;

Update:2025-03-27 19:32 IST

Sonbhadra News (Image From Social Media)

Sonbhadra News: जिला मुख्यालय पर आयोजित जायसवाल समाज के होली मिलन समारोह में शिरकत करने पहुंचे जिले के प्रभारी एवं स्टांप पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल की तरफ से तेरही यानी मृत्युभोज की परंपरा को बकवास बताया है। वहीं, इसको लेकर जगह-जगह विरोध के स्वर उठने के साथ ही, जिले की सियासत भी खासी गरमा उठी है। एक तरफ जहां उनके इस बयान को सनातन परंपरा का अपमान बताया जा रहा है। वहीं, कांग्रेस सहित अन्य संगठनों की तरफ से जहां मंत्री पर कमजोर वर्ग के बहाने, सतातन संस्कार और सनातन परंपरा को चोट पहुंचाने का प्रयास किए जाने का आरोप लगाया गया है। वहीं, उनकी बर्खास्तगी की मांग उठाने के साथ ही, मंत्री की ओर से दिए गए बयान पर, भाजपा हाईकमान से स्थिति स्पष्ट किए जाने की भी मांग उठाई गई है।

- पहले मंच से परंपरा का बताया विरोध, फिर कहा: सारी चीजें बकवासः

बताया जा रहा है कि जिले के प्रभारी मंत्री, तीन दिवसीय विकास महोत्सव कार्यक्रम के बाद जिला मुख्यालय पर आयोजित होली मिलन समारोह में पहुंचे हुए थे। दावा किया जा रहा है कि पहले उन्होंने मंच से तेरही कार्यक्रम यानी किसी की मौत के तेरहवें दिन होने वाले भोज की परंपरा को गलत ठहराया। वहीं, कार्यक्रम से निकलते वक्त पत्रकारों के सवाल का जवाब देते समय उन्होंने इस मसले पर कहा कि उनका मानना है कि तेरही का कार्यक्रम एक कुरीति है। अपनी बात को सही ठहराते हुए कहा कि कोई गरीब आदमी इलाज करते करते कर्ज ले लेता है, कर्जे के बाद उनको भ्रम में रखा जाता है कि मृत्यु भोज कराने से मृतक के आत्मा को शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि यह सारी बकवास चीजें है। जो कर्जा लिया है, उस परिवार की सहायता कराई जाए न कि उससे उल्टा खर्चा कराया जाए। बुधवार को जैसे ही यह बयान सामने आए, वैसे ही सियासत गरमा उठी। लोगों का कहना था कि मंत्री ने कमजोर वर्ग का बहाना बनाकर, सनातन धर्म के संस्कारों पर सवाल उठाने का प्रयास किया है।

- प्रभारी मंत्री के बयान से सामने आया भाजपा का असली चेहराः राघवेंद्र नारायण

एनएसयूआई कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सचिव राघवेंद्र नारायण ने प्रभारी मंत्री के बयान पर तीखा निशाना साधा। कहा कि जिस तरह से मंत्री रवींद्र जायसवाल ने जायसवाल समाज के होली मिलन समारोह के दौरान तेरही की परंपरा को बकवास बताया है, उससे भाजपा और उसकी सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है। मंत्री के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा एक तरह कहती है कि अमृत काल में स्नान करने से परलोक सुधरता है। वहीं अब उनका मंत्री कहा रहा है कि तेरही का कार्यक्रम करने से परलोक बिगड़ता है। आखिर भाजपा और उनकी सरकार चाहती क्या है?

- मंत्री को किया जाए बर्खास्त, बयान पर स्थिति की जाए स्पष्ट: कांग्रेस

कंग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा का मकसद सनातन को मजबूत करना नहीं बल्कि किसी भी प्रकार सनातनियों से उनका वोट बटोरना है। कहा कि एक तरफ भाजपा के लोग मंदिर की बात करते है। करोड़ों लोगों के कुंभ अमृत स्नान की बात करते हैं। लोक के साथ परलोक को सुधारने की बात करते है। वहीं दूसरी तरफ़ भाजपा सरकार के मत्री तेरही जैसे प्राचीन संस्कारों के विरोध की बात करने लगे है। कहा कि मंत्री होने का यह मतलब नहीं है कि सनातन धर्म की परंपराओं पर सवाल उठाया जाए और सनातन धर्म को चोट पहुंचाई जाए। कहा कि भाजपा अनाप-शनाप बयान देने वालों पर रोक नहीं लगाती तो कांग्रेस इसका विरोध करेगी। उन्होंने मंत्री के तत्काल बर्खास्तगी और उनके बयान पर पार्टी हाईकमान की तरफ से स्थिति स्पष्ट किए जाने की मांग की।

- प्रभारी मंत्री को नहीं है सनातन परंपराओं की सही जानकारी: पूर्वांचल नव निर्माण मंच:

उधर, पूर्वांचल नव निर्माण मंच की तरफ से भी प्रभारी मंत्री के बयान पर गहरी नाराजगी जताई गई है। कहा कि मंत्री ने कमजोर वर्ग के बहाने, तेरही संस्कार को बकवास तो बताया ही है, सनातन संस्कारों-परंपराओं की मान्यता को भी चोट पहुंचाई है। नव निर्माण मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गिरीश पांडेय ने कहा कि सनातनी सरकार का दावा करने वाली भाजपा सरकार के मंत्री रविंद्र जायसवाल को सनातन धर्म का सही ज्ञान नहीं है। वह चर्चा में बने रहने और विशेष वर्ग जाति के लोगों को खुश करने के लिए विवादित बयान देने में लगे हुए हैं।

- किया गया दावा: धर्मग्रंथों में वर्णित हैं 16 प्रमुख संस्कारः

गिरीश पांडेय ने दावा किया कि धर्मग्रंथों में 16 प्रमुख संस्कार वर्णित किए गए हैं। उसमें से एक अंत्येष्टि संस्कार है और उसी से तेरही यानी मृत्युभोज जुड़ा हुआ है।

कहा कि मंत्री जी तेरही संस्कार के विरोध के बहाने बाह्मण समाज का विरोध करना चाहते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि तेरही भोज में जरूरी नहीं है कि बा्रह्मणों को बुलाकर भोजन कराचया जाए। संबंधित परिवार के लिए उनकी बेटी, बहन के घर के लोग ही ब्राम्हण समान होते हैं और उन्हें ही इस भोज में प्रमुखता दिए जाने पर बल दिया जाता है। पूर्वांचल नव निर्माण मंच की तरफ से भी प्रभारी मंत्री रवींद्र जायसवाल के बर्खास्तगी की मांग उठाई गई है।

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