Sonbhadra News: सोनभद्र में बड़े सूखे की आहट, बिन बारिश गुजरते बादलों ने बढ़ाई धड़कन, 14 वर्षो में सबसे खराब स्थिति
Sonbhadra News: 14 वर्षों के इतिहास में बारिश के मामले में जून माह की सबसे खराब स्थिति ने किसानों की धड़कन बढ़ाकर रख दी है।
Sonbhadra News: जून माह के व्यतीत होने में जहां महज कुछ घंटे शेष रह गए हैं। वहीं, 14 वर्षों के इतिहास में बारिश के मामले में जून माह की सबसे खराब स्थिति ने किसानों की धड़कन बढ़ाकर रख दी है। हालात यह हैं कि जून माह में महज एक दिन शेष रह गया और आसमानों में बगैर बारिश के ही बादलों की आवाजाही बनी हुई है। लंबे समय बाद, ऐसा हो रहा है कि मौसम विभाग के बार-बार मानसूनी एलर्ट के बावजूद, मौसम सूखा-सूखा गुजर रहा है।
32 हजार हेक्टेअर में धान रोपाई का रखा गया है लक्ष्य
पिछले वर्ष आठ वर्षों के इतिहास में सबसे कम बारिश के बावजूद जहां जिले को सूखाग्रस्त घोषित नहीं किया गया था। वहीं, आधे से अधिक हिस्सों में खरीफ के साथ ही रबी के उत्पादन को लेकर किसानों को खासी दिक्कत उठानी पड़ी थी। इस वर्ष अच्छी बारिश की उम्मीद और मौसम विभाग की ओर से दिए गए अपडेट को देखते हुए, धान की रोपाई का लक्ष्य पिछले वर्ष के 30 हजार हेक्टेयर के लक्ष्य से, दो हजार हेक्टयर ज्यादा बढ़ाकर 312 हजार हेक्टेअर कर दिया गया लेकिन जिस तरह से इंद्रदेव की बेरूखी सामने आई है, उसने सिर्फ खेती-किसानी को लेकर ही नहीं, पेयजल को लेकर भी चिंता बढ़ानी शुरू कर दी है।
पिछले वर्ष के मुकाबले पांच गुना कम दर्ज की गई बारिश
पिछले वर्ष जून माह में 68.75 मिलीलीटर बारिश भी हुई थी लेकिन इस बार 29 जून की तिथि गुजरने के बावजूद, बारिश का आंकड़ा 12 मिलीमीटर भी नहीं पहुंच सका है। जिस तरह की स्थिति दिख रही है, उसके चलते अभी भी मानसूनी बारिश का दीदाद कब होगा, इसको लेकर सिर्फ अटकलबाजी की स्थिति बनी हुई है। तमाम किसानों ने धान की नर्सरी भी डाल रखी है लेकिन उसकी रोपाई के लिए पानी कहां से लाएं, इसकी चिंता उनकी नींद उड़ाने लगी है।
14 साल में पहली बार जून ने दिखाए सबसे खराब हालात
आंकडे़ बताते हैं कि वर्ष 2009 के जून माह में 16.35 मिमी, वर्ष 2010 में 16.39 मिमी, वर्ष 2011 में 232.85 मिमी, वर्ष 2012 में 39.93 मिमी, वर्ष 2013 में 144.20 मिमी, वर्ष 2014 में 54.79 मिमी, वर्ष 2015 में 108.63 मिमी, वर्ष 2016 में 79.26 मिमी, वर्ष 2017 में 50.03 मिमी, वर्ष 2018 में 81.22 मिमी, वर्ष 2019 में 15.4 मिमी, वर्ष 2020 में 277.3 मिमी, वर्ष 2021 में 222.5 मिमी, वर्ष 2022 में 78.5 मिमी और वर्ष 2023 में 68.75 मिमी रिकार्ड की गई है। वर्ष 2024 के जून माह में 29 जून तक दर्ज किए गए बारिश का आंकड़ा 11.25 मिमी तक पहुंच पाया है।
दुद्धी तहसील के हालात सबसे खराब
जंगल के मामले में अच्छी बढ़त रखने वाले दुद्धी तहसील क्षेत्र के औद्योगिक विकास बारिश के लिहाज से काफी खराब साबित हुआ है। इस वर्ष अब तक यहां महज तीन मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है। राबटर्सगंज तहसील में आठ मिमी, ओबरा तहसील में 14 और घोरावल में 20 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई है।