Sonbhadra News: सुधारात्मक कार्य के लिए चयनित खदान में सुरक्षा नियमों की उड़ रही धज्जी, जान जोखिम में डालकर काम कर रहे मजदूर-देखें वीडियो
Sonbhadra News: वीडियो में सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर गहराई में खनन और जान जोखिम में डालकर मजदूरों को काम करते देखा जा रहा है...;
Sonbhadra News Today Case of Mining Without Safety Rules Has Come to Light in a Mine in Dala Area
Sonbhadra News: सोनभद्र, डाला क्षेत्र की एक खदान में सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर खनन किए जाने का मामला सामने आया है। इसको लेकर वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। वीडियो में सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर गहराई में खनन और जान जोखिम में डालकर मजदूरों को काम करते देखा जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि संबंधित खदान में सिर्फ सुरक्षात्मक कार्य की अनुमति है। बावजूद, इसकी आड़ में हर दिन दर्जनों टीपर पत्थर यहां से निकाला जा रहा है। वीडियो किस खदान का और किस समय का है, इसकी न्यूजट्रैक कोई पुष्टि नहीं करता। हालांकि चर्चाओं में इसे कथित महादेव इंटरप्राइजेज नामक फर्म से जुड़ी खदान का बताया जा रहा है।
25 सेकंड, 26 सेकंड, 24 सेकंड के सामने आए कुल तीन वीडियो में खनन नियमों-निर्देशों की धज्जियां उड़ती दिख रही हैं। 25 सेकंड वाली वीडियो में गहराई में पोकलेन गरजती दिख रही है। इसके जरिए बोल्डर को उठाकर टीपर में रखा जा रहा है। 26 सेकंड की वीडियो में खतरनाक स्थिति में दर्जनों फीट नीचे मजदूरों और वाहनों की मौजूदगी दिख रही है और पोकलेन का शोर सुनाई दे रहा है। वहीं, 24 सेकंड वाली वीडियो में कई वाहन, दर्जनों मजदूर खदान में मौजूद और काम करते दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें काफिले के अंदाज में वाहन खदान में उतरते दिखाई दे रहे हैं। दावा किया जा रहा है जिस खदान का कथित वीडियो है, उसमें फिलहाल की स्थिति में सिर्फ सुधारात्मक कार्य की ही अनुमति है।
यह है नियम, कुछ इस तरह उड़ रही धज्जी
बताते हैं कि खदान में बाकायदे बेंच बनाकर खनन का नियम है। मजदूरों के सुरक्षा से जुड़े उपाय भी प्रमुखता से अमल में लाए जाने के निर्देश हैं। जिन खदानों की स्थिति खतरनाक स्थिति है, उन खदानों को धारा 22 की नोटिस जारी कर, खनन कार्य प्रतिबंधित कर दिया जाता है और सिर्फ सुरक्षात्मक कार्य की अनुमति दी जाती है। दावा किया जा रहा है कि ऐसी खदानों में न तो होल ब्लास्टिंग हो सकती है, ना ही पत्थर खनन कर उसके परिवहन का काम। कथित वीडियो में कितनी सच्चाई है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन इस मसले पर जिस तरह से खान महकमे की चुप्पी सामने आ रही है, उससे कुछ-कुछ नहीं, बहुत कुछ गड़बड़ होने की चर्चाओं को बल मिल रहा है।
प्रकरण में खान महकमे की तरफ से नहीं मिली कोई जानकारी
प्रकरण को लेकर ज्येष्ठ खान अधिकारी से सीयूजी फोन और ह्वाटसअप मैसेज दोनों के जरिए संपर्क साधा गया। कथित वीडियो और कथित फर्म के नाम की जानकारी भी दी गई लेकिन समाचार दिए जाने तक कोई जवाब या जानकारी नहीं आई। सवाल उठता है कि डीएम की तरफ से जहां अक्सर खनन में नियमों-निर्देशों की अनदेखी के निर्देश दिए हैं। वहीं, खान महकमे की तरफ से भी नियमित अंतराल पर निगरानी का भी दावा किया जाता है, बावजूद जिस तरह की वीडियो सामने आई है, उसने कई तरह के सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।