Fraud In Disability Certificate: सोनभद्र से वाराणसी तक फैला रैकेट, बुजुर्ग दिव्यांग की तरफ से दर्ज कराए गए केस ने मचाई खलबली, सीएमओ कार्यालय के तीन कर्मियों का सामने आया नाम

Sonbhadra News: अपात्र को दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर पूर्व में सुर्खियों में रह चुका सोनभद्र का स्वास्थ्य महकमा इन दिनों दिव्यांग प्रमाण पत्र से जुड़े एक अजीबोगरीब मामले को लेकर सुर्खियों में है। आरोप है कि न केवल बुजुर्ग का दूसरे के नाम डुप्लीकेट दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया बल्कि पीड़ित की शिकायत पर उसका ही प्रमाणपत्र निरस्त करा दिया गया।

Update:2023-12-25 21:39 IST

दिव्यांग प्रमाणपत्र में फर्जीवाड़ा: सोनभद्र से वाराणसी तक फैला रैकेट, बुजुर्ग दिव्यांग की तरफ से दर्ज कराए गए केस ने मचाई खलबली: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: अपात्र को दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर पूर्व में सुर्खियों में रह चुका सोनभद्र का स्वास्थ्य महकमा इन दिनों दिव्यांग प्रमाण पत्र से जुड़े एक अजीबोगरीब मामले को लेकर सुर्खियों में है। आरोप है कि न केवल बुजुर्ग का दूसरे के नाम डुप्लीकेट दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया बल्कि पीड़ित की शिकायत पर उसका ही प्रमाणपत्र निरस्त करा दिया गया। इससे क्षुब्ध 73 वर्षीय दिव्यांग ने अगस्त 2023 में सीजेएम न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर हस्तक्षेप की गुहार लगाई। कोर्ट के आदेश पर राबटर्सगंज कोतवाली पुलिस ने सीएमओ कार्यालय में तैनात तीन कथित संविदा कर्मियों समेत पांच के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना, साजिश रचने और धमकी देने के आरोप में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। दो दिन पूर्व दर्ज इस मामले को लेकर जहां स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। वहीं, पीड़ित की तरफ से सोनभद्र से वाराणसी तक फर्जी-डुप्लीकेट दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी करने को लेकर बड़ा रैकेट संचालन के लगाए गए आरोपों, की गहनता से छानबीन की मांग उठाई जाने लगी है।

ऐसे सामने आया पूरा मामला

राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के घुवास कला गांव निवासी धर्मशंकर त्रिपाठी ने धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर अवगत कराया कि वर्ष 23 वर्ष का बहरा व्यक्ति है। इसके लिए सोनभद्र और वाराणसी में जांच के बाद, 53 प्रतिशत दिव्यांग का सर्टीफिकेट 27 नवंबर 2007 को जारी किया गया था। समय-समय पर बीएचयू वाराणसी में जांच के बाद प्रमाण पत्र के नवीनीकरण का भी सिलसिला बना रहा। आरोप है कि इस बीच उसका पूर्व परिचित 30 वर्षीय राजू मौर्य निवासी बट पुलिस चौकी सुकृत वर्ष 2018 में उसके घर आया और उसके दिव्यांग प्रमाण पत्र की अपने मोबाइल में तस्वीर उतार ली।

73 वर्षीय व्यक्ति का प्रमाण पत्र 30 वर्षीय युवक को हो गया आवंटित

इसके बाद गत 22 फरवरी 2018 और चार अक्टूबर 2021 को राजू कुमार मौर्य की तरफ से ऑनलाइन आवेदन के साथ खुद की जांच कराते हुए, उसके क्रमांक के नाम पर अपने नाम दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी करा लिया गया। वर्ष 2021 में उसे इस बात की तब जानकारी हुई जब उसे वाराणसी से राबटर्सगंज लौटते वक्त, बस कंडक्टर ने इसी क्रमांक का दिव्यांग प्रमाणपत्र दूसरे व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए जाने की बात कहते हुए रास्ते में उतार दिया।

फरियाद लगाने पहुंचा सीएमओ कार्यालय तो हो गया बडा खेल

आरोपों के मुताबिक पीड़ित जब इसकी फरियाद लगाने सीएमओ कार्यालय पहुंचा तो आरोप है कि सीएमओ कार्यालय में संविदा पर काम करने वाले कथित चंचल यादव और उसके सहयोगी आयुष और अजय ने उसका प्रमाणपत्र दुरूस्त कराने के नाम पर जमा करा लिया गया। बाद में उसे गायब कर, राजू के नाम वाले प्रमाणपत्र को पूर्ण रूप से बहाल करा दिया गया। आरोप है कि विभागीय प्रक्रिया अपनाते हुए, उसके ही प्रमाणपत्र को गलत ठहराते हुए, निरस्त करवा दिया गया।

पीड़ित की तरफ से सोनभद्र से वाराणसी तक बड़े रैकेट का दावा

न्यायालय में प्रार्थनापत्र दाखिल करते हुए पीड़ित ने इस बात का दावा किया कि दिव्यांग प्रमाणपत्र को जारी करने में पात्र को अपात्र और अपात्र को पात्र बनाने का एक बड़ा रैकेट सोनभद्र से वाराणसी तक संचालित हो रही है। इस रैकेट में स्वास्थ्य महकमे से लेकर बीएचयू तक के लोगों को शामिल होने का बड़ा आरोप भी लगाया गया है। प्रकरण का संज्ञान लेते हुए जहां अदालत ने राबटर्सगंज कोतवाली ने नामजद एवं अन्य व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश पारित किया। वहीं राबटर्सगंज कोतवाली पुलिस ने धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी, 504 और 506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि मामले की छानबीन कराई जा रही है। वहीं, लगाए गए आरोपों को लेकर, विभागीय स्तर पर भी छानबीन की आवाज उठाई जाने लगी है।

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