Sonbhadra News: दहेज हत्या में पति और सास को सुनाई गई 7 वर्ष की सजा, असामान्य परिस्थितियों में हुई थी विवाहिता की मौत

Sonbhadra News: मृतका की मृत्यु विवाह के लगभग एक वर्ष उपरांत असामान्य परिस्थितियों में उसकी ससुराल में हुई है और मृतका के गले में लिगेचर मार्क पाया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका की मृत्यु का कारण फंदा लगने के कारण दम घुटना अंकित है।

Update:2024-11-25 22:41 IST

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Sonbhadra News: दहेज हत्या के मामले में पति-सास को 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है। न्यायालय एएसजे/सीएडब्लू एक्ट की अदालत में मामले की सोमवार को सुनवाई की और अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों, पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर उपरोक्त फैसला सुनाया।

अभियोजन कथानक के मुताबिक लीलावती देवी ने चोपन थाने पर दी तहरीर में बताया था कि उसकी लड़की फूलमती उर्फ बुटली का विवाह एक वर्ष पहले प्रमोद केशरी पुत्र स्व. राधेश्याम केशरी निवासी चुनहिया टोला बरदिया, थाना चोपन, के साथ हुया था। शादी के बाद से ही उसकी लड़की को उसके ससुराल वाले दहेज में पैसा और गाड़ी की मांग को लेकर मानसिक तथक शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते रहे। दहेज की मांग पूरी न होने पर 07 जून 2020 को उसकी लड़की को जान से मार दिया और अपना मोबाइल भी बंद कर दिए। गांव के आदमियों से फोन के जरिए रात करीब 08 बजे सूचना मिली। तब वह, परिवार सहित अपनी पुत्री की ससुराल पहुंची और घटना की प्राथिमिकी दर्ज कराई।

न्यायालय के सामने आए इन तथ्यों ने फैसले में निभाई आम भूमिका

मृतका की मृत्यु विवाह के लगभग एक वर्ष उपरांत असामान्य परिस्थितियों में उसकी ससुराल में हुई है और मृतका के गले में लिगेचर मार्क पाया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका की मृत्यु का कारण फंदा लगने के कारण दम घुटना अंकित है। वादिनी ने अपने बयान में यह कहा है कि विवाह के उपरांत से ही उसकी पुत्री के पति प्रमोद केशरी व सास जोखनी दहेज में पैसे व मोटर साइकिल की मांग करते थे तथा उसकी पुत्री को शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। मृतका के पति का जीजा भी पैसे व मोटर साइकिल के लिये कहता था। तीनों ने मिलकर दहेज के लिये उसकी पुत्री को मार दिया और मोबाइल बंद कर दिया। कोर्ट ने पाया कि वर्तमान मामले में दहेज हत्या के सभी अवयव प्रकट हो रहे हैं। मृतका के विवाह के कार्ड में वैवाहिक स्थल मां काली मंदिर, चोपन लिखा होने के कारण ऐसी कोई उपधारणा नहीं की जा सकती है कि विवाह में कोई दहेज नहीं लिया गया है और इसीलिये मंदिर से विवाह किया गया है। दहेज की मांग, प्रताड़ना व विवाह के 7 वर्ष के अंदर असामान्य परिस्थितियों में मृत्यु होना दहेज हत्या के अवयवों का गठन करते हैं।

इन इन धाराओं के साथ सुनाई गई सजा 

पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक थाना चोपन पर पंजीकृत धारा 498 ए, 304 बी आईपीसी और ¾ डीपी एक्ट से संबंधित प्रकरण में पति प्रमोद केशरी और सास जोखन देवी को 07 वर्ष का कठोर कारावास व प्रत्येक को 1000-1000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।

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