Sonbhadra News: लाखों टन कोयला भंडारण मामला : कोयला उठान पर गहराया सस्पेंश, सीज-उठान दोनों का अलग-अलग लोकेशन
Sonbhadra News: तत्कालीन समय में जहां एनसीएल की तरफ से कोयले के भंडारण की जानकारी से इंकार कर दिया गया। वहीं, उस समय किसी ट्रांसपोर्ट कंपनी की तरफ से दावेदारी भी सामने नहीं आई।
Sonbhadra News: कोयले के काले कारोबार को लेकर चर्चित रहने वाला सोनभद्र का ऊर्जांचल एक बार फिर से चर्चा में है। माजरा जुलाई 2022 में जिला प्रशासन की ओर से पकड़े गए लाखों टन कोयले के अवैध भंडारण और बाद में पेश किए गए दावे के आधार पर, कोयले के उठान की दी गई अनुमति से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि फिलहाल पश्चिम बंगाल से जुड़ी कोयला ट्रांसपोर्टिंग की बड़ी और चर्चित कंपनी को 36500 मैट्रिक टन कोयले के उठान की अनुमति दी गई है लेकिन जिस तरह से कथित अवैध डंपिग स्थल और उठान वाले स्थल के अलग-अलग लोकेशन सामने आए हैं, उसने एक बार फिर से कोयले की डंपिग-उठान को लेकर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं।
बताते चलें कि मई 2022 में बांसी प्रधान की तरफ से प्रशासन को शिकायत भेजकर बड़ी एरिया में कोयला डंपिंग की शिकायत की गई थी। जुलाई 2022 में जब जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो पता चला कि लाखों टन कोयले का अवैध भंडारण किया गया है। तत्कालीन समय में जहां एनसीएल की तरफ से कोयले के भंडारण की जानकारी से इंकार कर दिया गया। वहीं, उस समय किसी ट्रांसपोर्ट कंपनी की तरफ से दावेदारी भी सामने नहीं आई। बाद में अचानक से कई दावेदार सामने आए। मामला एनजीटी में पहुंचा तो भंडारण की जांच हुई तो पता चला कि कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर भंडारण एक दो दिन नहीं बल्कि वर्ष 2018 से लगातार जारी था।
46 एकड़ में पाया गया था 2,97,561 एमटी भंडारण
मामले में एनजीटी की तरफ से गठित हाईपावर कमेटी की जांच में पाया गया कि कृष्णशिला रेलवे साइडिंग से सटी एरिया में 46 एकड़ में 2,97,561.252 एमटी कोयले का भंडारण किया गया था। रिपोर्ट दाखिल करने के समय तक 2,63,296.64 एमटी कोयले के दावे सामने आए थे। उसमें से नवंबर 2022 से फरवरी 2023 के बीच 13 कंपनियों के पक्ष में 1,68,324.402 एमटी कोयला रिलीज किए जाने की जानकारी दी गई थी। 1,29,236.85 एमटी कोयला बगैर किसी दावे के मौके पर पड़े होने की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी।
36500 मैट्रिक टन कोयले की उठान अनुमति से जुड़ा ममला
बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता से जुड़ी बताई जा रही कथित गोदावरी नामक ट्रांसपोर्ट कंपनी की तरफ से 85780 मैट्रिक टन कोयले के उठान की अनुमति मांगी गई थी। उसमें से फिलहाल 36500 एमटी कोयला उठान की अनुमति दी गई है।
इन-इन बातों को लेकर सवाल, जांच की मांग
- जिस जगह कोयले की उठान हो रही है, उसका रूट, जहां बडे़ स्तर पर कोयले का भंडारण पाया गया था, उससे बिल्कुल अलग है।
- जिस कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर लगभग तीन लाख मैट्रिक टन कोयले का भंडारण पाया गया था, वहां जाने के लिए बासी के रास्ते गुजरे रूट से होकर गुजरना पड़ेगा।
- वहीं जिस जगह से वर्तमान में कोयले की उठान कराई जा रही हैं। वहां बीना माइंस के मुख्य मार्ग से जाने पर बैरियर के पहले कटे रास्ते से सीधा पहुंचने का मार्ग है।
- सीज किए भंडारण स्थल और वर्तमान में कोयले की हो रहे उठान स्थल के बीच आधा किमी से अधिक की दूरी है। वर्तमान उठान स्थल के पास पानी टंकी का निर्माण कार्य प्रगति पर है। सीज वाली साइड पर ऐसा कुछ नहीं है।
- दोनों स्थलों की वीडियो लोकेशन में, जहां वर्ष 2022 में कोयले का बड़ा भंडारण पकड़ा गया था, वहां की लोकेशन में स्थल का नाम रेहटा शो कर रहा है। जबकि वर्तमान उठान स्थल पर गूगल मैप जमशीला प्रदर्शित कर रहा है।
- मामले में जारी किए गए रिलीजिंग आर्डर के क्रम में एसडीएम दुद्धी के निर्देश पर मौके पर उठान एरिया का निर्धारण करने पहुंचे तहसीलदार ज्ञानेंद्र यादव से उठान शुुरू होने के अगले दिन ही जानकारी चाही गई तो उनका कहना था कि उन्होंने जिस जगह के कोयले का रिलीज आर्डर जारी हुआ था, वहीं नाप कर निशान लगाया गया है।
- क्षेत्रीय लोगो द्वारा सीज और उठान स्थल दोनों की अलग-अलग लोकेशन बताए जाने के मसले पर उनका कहना था कि उन्होंने कुछ मौके पर ही लिखकर रख छोड़ा है, जिसे जाकर देखा जा सकता है।
- बुधवार को जब सीज स्थल और कथित उठान स्थल दोनों की गूगल मैप लोकेशन जांची गई तो अलग-अलग जगहें प्रदर्शित होती दिखीं। सवाल उठता है कि आखिर जब भंडारण पर कार्रवाई हुई, तब उठान स्थल पर मौजूद कोयले के बाबत कोई एक्शन क्यूं सामने नहीं आया? इस बारे में एसडीएम दुद्धी के सीयूजी नंबर पर फोन पर जानकारी लेने का प्रयास किया गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए।