Sonbhadra News: भूत-प्रेत के चक्कर में भतीजे की हत्या करने वाले चाचा-चाची को उम्रकैद, फावड़े से वार कर ली थी जान

Sonbhadra News: प्रकरण में धारा 302 के तहत दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट न्यायालय में प्रेषित की गई। लगभग 2 साल तक चली सुनवाई के बाद दोषसिद्ध पाया गया।

Update: 2024-03-17 05:04 GMT

घोरावल थाना क्षेत्र का मामला (Pic: Newstrack) 

Sonbhadra News: भूत-प्रेत के चक्कर में फावड़े से वार कर भतीजे की नृशंस हत्या किए जाने के मामले में चाचा-चाची की उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मामला घोरावल थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। शनिवार को इस मामले की अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खान की अदालत में सुनवाई हुई। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों के आधार पर, लक्ष्मन उर्फ बावन पुत्र ठेपू और उसकी पत्नी बुधनी देवी उर्फ खदिया देवी निवासी लछिमनपुर, थाना घोरावल को दोषी पाया गया और हत्या की वारदात के लिए दोनों को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।

पहले पोते, फिर गाय की मौत के बाद खोया आपा

अभियोजन के मुताबिक घटना 18 अक्टूबर 2021 की रात करीब 01 बजे की है। 1 वर्ष पहले और घटना के तीन दिन पहले गाय की मौत से दोनों दोषी गुस्से में थे। उनको शक था कि उनका भतीजा विनोद भूत प्रेत के जरिए उनको बर्बाद कर रहा है। इसी मसले को लेकर वह रात में विनोद से बात करने पहुंचे जहां दोनों में कहासुनी शुरू हो गई। गुस्साए लक्ष्मण ने फावड़ा से कई बार कर विनोद की हत्या कर दी ।

हत्या के बाद दोषियों ने जंगल में गुजारी दो रातें

वारदात के बाद फावड़ा पत्नी को देकर कहा कि इसे कहीं छुपा दो। इसके बाद कुछ रूपया व कपड़ा लेकर पत्नी के साथ भागकर 2 दिन जंगल में रहे। उसके बाद पत्नी बुधनी उर्फ खदिया देवी को कचहरी में अधिवक्ता के पास भेजा। रास्ते में पुलिस को इसकी जानकारी हुई और उसे पकड़ लिया। उसकी निशानदेही पर लक्ष्मण की भी गिरफ्तारी कर घर के अंदर कमरे में अनाज रखने वाले कोठिला में छिपाकर रखे आला कत्ल फावड़ा को बरामद कर लिया गया।

महज 2 साल में की गई मामले की सुनवाई पूरी

प्रकरण में धारा 302 के तहत दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट न्यायालय में प्रेषित की गई। लगभग 2 साल तक चली सुनवाई के बाद दोषसिद्ध पाया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने दोनों दोषियों को उम्र कैद के साथ ही 25-25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। मामले के विचारण के दौरान दोषियों ने जो अवधि जेल में व्यतीत की होगी उसे सजा में समाहित किया जाएगा।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मृतक की पत्नी को अर्थदंड के रूप में मिलने वाले 50 हजार रुपये तो प्रदान किए ही जाएंगे। एक लाख रुपये बतौर प्रतिकर के रूप में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जरिए राज्य सरकार की ओर से प्रदान किया जाएगा। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी एसपीओ एसपी वर्मा की ओर से की गई।

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