UP Lok Sabha Election: रॉबर्ट्सगंज सीट को लेकर कोल परिवार में छिड़ा घमासान, बहू नहीं छोटे बेटे को लड़ाना चाहते हैं सांसद पकौड़ी लाल
UP Lok Sabha Election 2024: सांसद पकौड़ी लाल और रिंकी कोल इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है मगर परिवार में खींचतान की स्थिति बनी हुई है।
UP Lok Sabha Election 2024: रॉबर्ट्सगंज (सुरक्षित) लोकसभा सीट को लेकर इलाके के चर्चित कोल परिवार में घमासान छिड़ गया है। इस लोकसभा सीट से अपना दल (एस) ने मौजूदा सांसद पकौड़ी लाल कोल का टिकट काटकर उनकी बहू और छानबे की विधायक रिंकी कोल को चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया है। सांसद पकौड़ी लाल कोल टिकट कटने की स्थिति में अपने छोटे बेटे जगप्रकाश कोल को चुनाव लड़ना चाहते थे मगर उनके साथ बड़ा सियासी खेल हो गया।
अपना दल (एस) की ओर से रिंकी कोल को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद कोल कुनबे में घमासान छिड़ा हुआ है। सांसद पकौड़ी लाल और रिंकी कोल इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है मगर परिवार में खींचतान की स्थिति बनी हुई है। दूसरी ओर अपना दल (एस) सांसद के छोटे बेटे जगप्रकाश को टिकट देने के लिए तैयार नहीं है। इस कारण क्षेत्र में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
अनुप्रिया ने काट दिया सांसद का टिकट
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट एनडीए गठबंधन में अपना दल (एस) के हिस्से में गई है। पार्टी से टिकट पाने के लिए कई दावेदार जोर लगा रहे थे। इसमें मौजूदा सांसद पकौड़ी लाल कोल का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा था। इसके पीछे कोल जाति से होना प्रमुख वजह रही मगर उनका टिकट कट गया।
पूर्वांचल की अन्य सीटों के साथ रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट पर आखिरी चरण में 1 जून को मतदान होना है। इसके लिए नामांकन का काम शुरू हो गया है और नामांकन की आखिरी तारीख 14 मई है।
बेटे की जगह बहू को मैदान में उतारने का ऐलान
टिकट कटने की स्थिति में इस लोकसभा क्षेत्र के सांसद पकौड़ी लाल कोल इस बार अपने छोटे बेटे जगप्रकाश कोल को चुनाव मैदान में उतारना चाहते थे। जगप्रकाश कोल ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था मगर इसी बीच अपना दल (एस) की मुखिया और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बड़ा खेल कर दिया।
अपना दल (एस) ने जगप्रकाश की जगह पकौड़ी लाल कोल की बहू रिंकी कोल को चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया। रॉबर्ट्सगंज लोकसभा सीट के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी प्रमुख दल ने महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारने का ऐलान किया है।
पार्टी नेतृत्व के इस फैसले से पकौड़ी लाल कोल समेत इलाके के अन्य लोग भी हैरान रह गए। अपना दल (एस) की ओर से उम्मीदवार घोषित की गईं रिकी कोल ने अभी खुलकर इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है मगर जानकार सूत्रों का कहना है कि परिवार में चल रही खींचतान के कारण वे भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।
कोल कुनबे में छिड़ा घमासान
अपना दल (एस) की ओर से उम्मीदवार बनाई गईं रिकी कोल के पति राहुल प्रकाश कोल पिछले विधानसभा चुनाव में छानबे सीट से चुनाव जीते थे मगर पिछले साल मई महीने के दौरान उनका बीमारी के कारण निधन हो गया था। राहुल प्रकाश ने इस सीट पर 2017 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की थी।
भाई की राजनीतिक विरासत की संभालने के लिए जगप्रकाश कोल जनता के बीच जाने लगे थे, लेकिन अपना दल (एस) ने राहुल प्रकाश कोल की पत्नी रिकी कोल को उम्मीदवार बना दिया था।
उस समय भी परिवार में खींचतान और असमंजस की स्थिति दिखी थी मगर रिंकी कोल सहानुभूति लहर के जरिए उपचुनाव जीतने में कामयाब रही थीं। अब लोकसभा चुनाव के दौरान भी सांसद पकौड़ी लाल के बेटे जगप्रकाश के साथ बड़ा खेल हो गया है जिसे लेकर परिवार में घमासान की स्थिति दिख रही है।
अब इस मुद्दे पर सांसद पकौड़ी लाल कोल और विधायक रिंकी कोल दोनों कुछ भी खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है। दोनों ने मीडिया से दूरी बना रखी है। वैसे जानकार सूत्रों का कहना है कि परिवार में खींचतान की स्थिति दिख रही है।
बेटे को टिकट देने को पार्टी तैयार नहीं
जानकार सूत्रों का कहना है कि संसद पकौड़ी लाल कोल अपने छोटे बेटे जगप्रकाश को टिकट देने की मांग पर अड़े हुए हैं। दूसरी ओर पार्टी इसके लिए कतई तैयार नहीं है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पहले ही ब्राह्मण के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी के कारण टिकट गंवा चुके कोल के छोटे बेटे की छवि को लेकर आलाकमान सतर्क है। इसी कारण उनकी जगह रिंकी कोल को उम्मीदवार बनाया गया है।
पार्टी का कहना है कि यदि कोल परिवार में बहू रिकी कोल को टिकट दिए जाने का विवाद नहीं सुलझा तो ऐसी स्थिति में परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को टिकट दे दिया जाएगा। पार्टी रिकी कोल की जगह परिवार के किसी अन्य सदस्य को चुनाव मैदान में उतारने के लिए तैयार नहीं दिख रही है। ऐसी स्थिति में लगातार असमंजस बढ़ता जा रहा है।