Sonbhadra News: नगर पंचायत से जुड़ी करोड़ों की जमीन पर कब्जा! हंगामा-हाथापाई के बीच प्रशासन-पुलिस की मौजूदगी में कब्जाई गई जमीन, उठाए गए सवाल
Sonbhadra News: प्रशासन और पुलिस के लोगों की मौजूदगी में कब्जा जमाया गया। इसको लेकर एक पक्ष की तरफ से विरोध के साथ हंगामा भी किया। हंगामा-हाथापाई के बीच कब्जे को लेकर जहां तरह-तरह के सवाल उठाए जाते रहे।;
Sonbhadra News: सोनभद्र । चुर्क-गुरमा नगर पंचायत क्षेत्र में रविवार को मुख्य मार्ग किनारे नगर पंचायत से जुड़ी करोड़ों की कथित जमीन पर प्राइवेट व्यक्ति को कब्जा दिलाए जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि प्रशासन और पुलिस के लोगों की मौजूदगी में कब्जा जमाया गया। इसको लेकर एक पक्ष की तरफ से विरोध के साथ हंगामा भी किया। हंगामा-हाथापाई के बीच कब्जे को लेकर जहां तरह-तरह के सवाल उठाए जाते रहे। वहीं नगर पंचायत की तरफ से, बगैर कोई सूचना दिए, नगर पंचायत की जमीन पर कब्जा दिलाने की हुई कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं। वहीं, इस मसले पर मौके पर पहुंचे प्रशासन के लोगों के साथ ही, फोन के जरिए तहसीलदार, लेखपाल, कानूनगो से जानकारी चाही गई लेकिन किसी से, जमीन के स्वामित्व और कब्जा दिलाने के आधार के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई। इसको देखते हुए तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
नगर पंचायत ने नापी और बोर्ड लगवाए जाने की उठाई थी मांग
जिस जमीन से जुड़ा प्रकरण बताया जा रहा है, उसका आराजी नंबर 518मी होने का दावा किया जा रहा है। यह प्रकरण पिछले एक साल से सुर्खियों में है। इसको लेकर जहां नगर पंचायत के साथ ही, दो प्राइवेट व्यक्तियों की तरफ से दावेदारी की जा रही थी। वहीं बताया जा रहा है कि जनवरी 2024 में इस जमीन को एक पक्ष की तरफ से कब्जाने की कोशिश भी की गई। प्रकरण संज्ञान में आने के बाद नगर पंचायत प्रशासन की तरफ से एसडीएम राबटर्सगंज को प्रार्थना पत्र सौंप कर हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया था। मांग की गई थी कि संबंधित लेखपाल और पुलिस की मौजूदगी में उक्त जमीन की नापी कराकर खाली पड़ी जमीन पर नगर पंचायत का बोर्ड लगवाया जाए।
एसडीएम ने दिए थे नियमानुसार निस्तारण के निर्देश
पांच फरवरी 2024 को तत्कालीन एसडीएम की तरफ से एसएचओ राबटर्सगंज और राजस्व निरीक्षक को जांच कर आख्या देने और प्रकरण का नियमानुसार निस्तारण करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। गत 20 दिसंबर को एक बार फिर से यह मामला तब सुर्खियों में आया, जब एक पक्षकार की तरफ से खाली पड़ी कथित नगर पंचायत की यानी नजूल की जमीन को कब्जाने की कोशिश की गई। हंगामा और विरोध के बाद, कब्जा रोकवा दिया गया और मौके पर मौजूद प्रशासन के लोग पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने का मौखिक निर्देश देते हुए वहां से चले गए।
महज आठ दिन बाद प्रशासन-पुलिस की मौजूदगी में जमाया गया कब्जा
अभी प्रकरण को कोई मान्य निष्कर्ष निकल पाता कि इससे पहले रविवार को फिर से 20 दिसंबर वाला पक्ष जमीन कब्जाने पहुंच गया। आरोप है कि प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में कब्जे की कार्रवाई की गई। मौके पर हंगामा-मारपीट की स्थिति के बावजूद, वहां मौजूद प्रशासन-पुलिस के लोग मूकदर्शक बने रहे। कब्जे का विरोध कर रहे पक्ष की तरफ से, कब्जा करने वालों पर एक का सिर भी फो़ड़ने का आरोप लगाया गया है। किसी से बात न करने पाए, इसके लिए मोबाइल भी छिनकर फोड़ देने का आरोप लगाया गया है। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि इसके बाद भी कोई हस्तक्षेप न करते हुए, घायल व्यक्ति को वहां से हटा दिया गया। प्रशासन और पुलिस के लोग तब तक मौजूद बने रहे, जब तक जमीन पर टिनसेड का घेरा और गेट लगाने की कार्रवाई नहीं कर ली गई।
मीडिया कर्मियों ने किया सवाल तो साध ली गई चुप्पी
मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मियों ने वहां मौजूद प्रशासन के लोगों से प्रकरण लगातार विवाद में होने, मौके पर हंगामा-विरोध के बावजूद मूकदर्शक बने रहने, पूर्व में एसडीएम की तरफ से यथास्थिति के बावजूद, कब्जे की कार्रवाई कराने के सवाल पर जहां चुप्पी साध ली गई। वहीं, फोन के जरिए सदर तहसीदार से संपर्क साधा गया तो उनका कहना था कि वह बाहर हैं। उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसलिए वह कुछ भी बता पाने में असमर्थ हैं। संबंधित लेखपाल-कानूनगो की तरफ से भी कोई जवाब नहीं मिला।
नगर पंचायत की तरफ से दर्ज कराया जाएगा एतराज
प्रकरण को लेकर नगर पंचायत चुर्क-गुरमा के अधिशासी अधिकारी अमित सरोज से फोन पर बात की गई। उनका कहना था कि संबंधित जमीन नगर पंचायत यानी नजूल की है। इस पर पूर्व में जो भी दावे किए गए थे। वह खारिज किए जा चुके हैं। उन्होंने इसको लेकर सदर एसडीएम से मुलाकात की थी। उन्होंने प्रकरण का नियमानुसार निस्तारण होने तक यथास्थिति का आदेश दे रखा था। बावजूद न तो उन्हें न ही नगर पंचायत अध्यक्ष को रविवार को कराई गई कब्जे की कार्रवाई के बारे में कोई सूचना न दी गई है न ही जिस व्यक्ति को कब्जा दिलाया गया उसका संबंधित जमीन पर कथित स्वामित्व का क्या आधार है? इसके बारे में कभी कोई विवरण उपलब्ध कराया गया। कहा कि वह बाहर हैं। लौटने के बाद पूरे प्रकरण से अधिकारियों को अवगत कराने की कार्रवाई की जाएगी।