Sonbhadra News: प्रसूता की मौत मामले में नया मोड़, पीड़ित पक्ष पर दर्ज कराया गया केस
Sonbhadra News: जिले में प्रसूता की मौत के मामले में नया मोड़ सामने आया है। यहां दोनों अस्पतालों ने पीड़ित पक्ष पर भी मुकदमा दर्ज कराया है।;
Sonbhadra News: पंचशील हॉस्पिटल में प्रसव के लिए लाई गई प्रसूता की सिजेरियन के बाद हालत बिगड़ने और वाराणसी स्थित मांधाता हॉस्पिटल में मौत होने के बाद दोनों अस्पतालों के प्रबंधक और चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी। वहीं अब अस्पताल खेमे की तरफ से पलटवार की स्थिति सामने आई है। कम्हारी निवासी विमलेश की तहरीर पर राबटर्सगंज पुलिस ने ईश्वरी और राहुल विश्वकर्मा के खिलाफ नामजद तथा आठ-दस अज्ञात के खिलाफ धारा 307, 147, 504, 506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। उधर, इस मामले में पीड़ित पक्ष खेमे पर एफआईआर को लेकर जहां अधिवक्ताओं की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया जताई गई है। वहीं, गत शनिवार की अर्धरात्रि के बाद, सिर पर ईंट से वार करने की घटना को झूठा बताया गया है।
बताते चलें कि राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के कम्हारी गांव निवासी अधिवक्ता सतीश कुमार विश्वकर्मा की तरफ से पंचशील और मांधाता हॉस्पिटल के प्रबंधक-चिकित्सक के खिलाफ रविवार की अर्धरात्रि गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया था। वहीं, नाराज लोगों ने कोतवाली के बगल स्थित पंचशील हॉस्पिटल पर हंगामा करते हुए मामले में कार्रवाई की मांग की थी। रात में ही मौके पर पहुंचे एसडीएम ने अधिवक्ताओं को न्याय दिलाने का भरेसा दिया था। वहीं, सीएमओ की तरफ से प्रकरण में जांच टीम गठित कर, विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई थी। वहीं, सदर विधायक की तरफ से पंचशील हास्पिटल की व्यवस्था पर सवाल उठाए गए थे। अभी इस मामले में स्वास्थ्य महकमे की तरफ से कोई कार्रवाई या पुलिस एफआईआर के बाद कदम आगे बढ़ाती, इससे पहले आरोपी खेमे की तरफ से एक तहरीर पुलिस के पास पहुंची गई।
यह लगाया गया है आरोप
इस तहरीर में घटना का जिक्र न करते हुए बस इस बात का जिक्र कम्हारी निवासी विमलेश की तरफ से किया गया है कि वह गत रविवार की रात दो बजे के करीब अपने घर जा रहा था। पंचशील हॉस्पिटल के सामने पहुंचा देखा कि वहां भीड़ लगी थी। यह देख वह, वहां रूक गया। तभी वहां मौजूद चुर्क पुलिस चौकी क्षेत्र के मुसही गांव निवासी ईश्वर विश्वकर्मा (प्रसूता के अधिवक्ता पति सतीश विश्वकर्मा के चचिया ससुर), राहुल विश्वकर्मा और आठ-दस अज्ञात लोग उसकी लात-घूंसे से पिटाई करने लगे। जान बचाकर भागा तो वह लोग दौड़ा लिए। चौहान पेट्रोल पंप के पास जाकर जान मारने की नियत से सिर पर ईंट से जोरदार प्रहार कर दिए। इससे वह मौके पर गिरकर बेहोश हो गया। उसके परिचित राजेश चौधरी ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंची। होश में आने पर उसने पुलिस को घटना की पूरी जानकारी दी। पुलिस का कहना था कि प्रकरण में मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है।
आरोप झूठे, राहुल कौन, इसको तो वह भी नहीं जानतेः सतीश
इस एफआईआर से पहले पत्नी की मौत को लेकर केस दर्ज कराने वाले अधिवक्ता सतीश विश्वकर्मा ने बताया कि उनकी जानकारी में शनिवार की रात ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। ईश्वर विश्वकर्मा उनके चचिया ससुर हैं। मुसही गांव निवासी राहुल विश्वकर्मा कौन हैं, इसके बारे में तो वह भी नहीं जानते। बताते चलें कि अंदरखान जहां इस मसले को दो प्रभावशाली लोगों के बीच की कथित वर्चस्व की टकराहट से जोड़ा जा रहा है। वहीं, यह प्रकरण आगे चलकर क्या करवट लेगा? इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इतना जरूर है कि एक तरफ अधिवक्ता खेमा तो दूसरी तरफ प्रभावशाली पैठ, स्वास्थ्य महकमे के लिए खासा परेशानी का सबब बनने वाली है।
कुकुरमुत्ते की तरह खुलते अस्पतालों पर नहीं कसा शिकंजा तो होते रहेंगे ऐसे मसले
जिस तरह से जिले में बगैर विशेषज्ञ चिकित्सक और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा के ही ट्रामा सेंटर सहित सभी गंभीर मरीजों का उपचार, हर तरह के ऑपरेशन के बोर्ड लगाकर, अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं, उसने सीधे तौर पर स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदारों पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। बताते चलें कि ऑन द रिकार्ड पूरे जिले में हॉस्पिटल, क्लीनिक और पैथालाजी संख्या महज 140 है और हकीकत में यह संख्या 250 से भी पार है। ऐसे में जो हालात हैं, अगर अब भी नियमों की अनदेखी कर, मरीजों के जान का सौदा करने वालों पर शिकंजा नहीं कसा गया तो, जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर आगे और भी ज्यादा खराब स्थिति देखने को मिल सकती है।