Sonbhadra Exclusive: एक-दो नहीं पीड़िता के साथ विधायक ने 6 बार किया था दुष्कर्म, बेटी का भविष्य अधर में
Sonbhadra Exclusive: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में 25 वर्ष कैद की सजा पाने वाले विधायक ने पीड़िता के साथ एक-दो बार नहीं बल्कि छह बार दुष्कर्म किया था।;
Sonbhadra News: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में 25 वर्ष कैद की सजा पाने वाले विधायक रामदुलार गोंड़ ने पीड़िता के साथ एक-दो बार नहीं बल्कि छह बार दुष्कर्म किया था। एक वर्ष के भीतर किए गए इस दुष्कर्म के मामले की जानकारी परिवार को तब हो पाई, जब शौच के लिए जाते वक्त किशोरी को खिंचकर विधायक ने जबरदस्ती करनी चाही। विधायक के इस कृत्य से पीड़िता गर्भवती हो गई। पीड़िता को तो न्याय मिल गया लेकिन इसके चलते पैदा हुई बेटी का भविष्य कौन सा करवट लेगा? यह मसला अभी भी सवालों के घेरे में है।
धान काटते समय एक महिला ने उसे सौंप दिया था विधायक को
बताते हैं कि पीड़िता जब 14 वर्ष की थी। तब वह गांव की ही एक महिला के साथ धान कटाई के लिए गई हुई थी। उसी दौरान विधायक रामदुलार की उस पर नजर पड़ गई। इस प्रकरण का एक बड़ा दुखद पहलू यह है कि जिस महिला के साथ वह धान कटाई के लिए गई थी उसी ने उसे विधायक को सौंप दिया और वह उसे पास में स्थित गायघाट के जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया।
कभी जंगल तो कभी महिला के घर चलता रहा दुष्कर्म का सिलसिला
इसके बाद कभी जंगल में ले जाकर तो कभी कथित महिला के घर पर पीड़िता के साथ दुष्कर्म का सिलसिला चलता रहा। बताते हैं कि पीड़िता चार नवंबर 2014 को जब रात आठ बजे गांव के बाहर गई थी, तब उसके साथ रास्ते में मिले विधायक, तत्कालीन समय में प्रधानपति रहे रामदुलारे गोंड़ ने उसे अरहर के खेत में खिंचकर ले जाने की कोशिश की। किसी तरह वहां से वह भागी और भाई को पूरे घटना की जानकारी दी। उसी दिन रात 10 बजे म्योरपुर थाने में मामला दर्ज कराया गया।
कुछ इस तरह अंजाम दी जाती रही दुष्कर्म की वारदात
विधायक निर्वाचित होने से पूर्व प्रधानपति के रूप में रामदुलारे गोंड़ का किस कदर दबदबा था इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पीड़िता के साथ पहली बार दुष्कर्म के आठवें-नवें दिन बाद दोबारा दुष्कर्म किया गया। छह-सात दिन बाद फिर से दुष्कर्म हुआ। एक माह बाद चैथी बार, डेढ-दो माह बाद पांचवीं बार, इसके एक-डेढ़ माह बाद छठीं बार दुष्कर्म किया गया। आरोपों के मुताबिक मामले का किसी को पता न चले, इसके लिए पीडिता को लगातार जानमाल की धमकी दी जाती रही।
नाबालिग-वयस्क के मसले को लेकर भी खूब चला दांव-पेंच
इस मामले में नाबालिग और वयस्क के मसले को लेकर भी खूब दांव-पेंच चला। पीड़ित पक्ष के तरफ से प्राथमिक स्कूल से माध्यमिक स्कूल तक के कागजात पेश किए गए। वही,ं बचाव पक्ष की तरफ से एक प्राइवेट विद्यालय से जारी कथित शैक्षिक प्रमाणपत्र पेश कर, पीड़िता को वयस्क साबित करने की कोशिश की गई। हालांकि न्यायालय ने इस प्रकरण को संदेह से परे माना और विभिन्न दस्तावेजी साक्ष्यों और तकों को दृष्टिगत रखते हुए, पीड़िता की उम्र 16 वर्ष मानी और इसके आधार पर 25 वर्ष कैद, 10 लाख अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर तीन वर्ष अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई।