Sonbhadra News: नाबालिग का अपहरण करने के दोषी को सात वर्ष की कैद, गैंगस्टर भाइयों को चार-चार वर्ष का कारावास, दो मामलों में आया फैसला

Sonbhadra News: पहला मामला शाहगंज थाना क्षेत्र में हुई वर्ष 2017 की घटना से जुड़ा है। वहीं, दूसरा मामला बीजपुर थाना क्षेत्र में वर्ष 2018 में हत्या के आरोपियों पर पुलिस की तरफ से की गई गैंगस्टर की कार्रवाई का है।

Update: 2024-01-29 15:14 GMT

Sonbhadra News:

Sonbhadra News: जिले की अदालत से सोमवार को दो महत्वपूर्ण फैसले सामने आए। साढ़े छह वर्ष पूर्व नाबालिग लड़की के अपहरण मामले में जहां दोषी को सात वर्ष कैद की सजा सुनाई गई। वहीं, गैंगस्टर के मामले की सुनवाई करते हुए, अदालत ने दो सगे भाइयों के लिए चार-चार वर्ष कैद की सजा मुकर्रर की। पहला मामला शाहगंज थाना क्षेत्र में हुई वर्ष 2017 की घटना से जुड़ा है। वहीं, दूसरा मामला बीजपुर थाना क्षेत्र में वर्ष 2018 में हत्या के आरोपियों पर पुलिस की तरफ से की गई गैंगस्टर की कार्रवाई का है।

अपहरण के दोषी पर लगाया गया 25 हजार अर्थदंड

अपहरण वाले मामले की अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को सुनवाई की और कोर्ट के सामने पेश किए गए तथ्यों, अधिवक्ताओं की दलीलों और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर नागेश्वर पुत्र रामा निवासी दुगौलिया, थाना शाहगंज को दोषी पाया गया और उसे सात वर्ष की कैद तथा 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अर्थदंड जमा होने के बार पूरी धनराशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी।

मां की तहरीर पर दर्ज किया गया था केस

अभियोजन कथानक के मुताबिक 25 अप्रैल, 2017 की भोर में शाहगंज थाना क्षेत्र के एक गांव से एक नाबालिक अचानक गायब हो गई। काफी तलाश के बाद भी उसका कहीं पता नहीं चला। तब उसकी मां ने 05 मई, 2017 को शाहगंज थाने पहुंचकर तहरीर दी। शक जताया कि उसकी बेटी को गायब करने में नागेश्वर का हाथ है। अपहरण का मामला दर्ज कर पुलिस ने छानबीन की तो शक सही निकला। पीड़िता की सकुशल बरामदगी करने के साथ ही, आरोपी को गिरफ्तार कर चालान कर दिया गया। इसके बाद पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए चार्जशीट दाखिल की गई। अदालत में दोषसिद्ध पाए जाने पर दोषी को सात वर्ष कैद और 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने मामले की पैरवी की।

गैंगस्टर एक्ट में सगे भाई पाए गए दोषी

गैंगस्टर मामले में अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/एफटीसी/सीएडब्ल्यू परितोष श्रेष्ठ की अदालत ने सोमवार को सुनवाई की। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य, अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलें और अदालत के सामने लाए गए तथ्य के अधार सगे भाई मिथिलेश जायसवाल और व्यासजी जायसवाल को दोषी पाया गया। इसके लिए उन्हें 4- 4 वर्ष की कैद और 5- 5 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड न देने पर एक - एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया।

थानाध्यक्ष बीजपुर ने दर्ज कराया था गैंगस्टर का केस

अभियोजन कथानक के मुताबिक मामले में थानाध्यक्ष बीजपुर हरिश्चंद्र सरोज की तरफ से बीजपुर थाने में गैंगस्टर का केस दर्ज कराया गया था। दी गई तहरीर में उन्होंने कहा था कि 30 सितंबर, 2018 को पुलिस बल के साथ क्षेत्र में थे। उसी दौरान पता चला कि मिथिलेश जायसवाल और व्यासजी जायसवाल पुत्रगण विष्णुकांती जायसवाल निवासी सिरसोती, थाना बीजपुर, का एक सक्रिय गैंग है, जिसका मिथिलेश लीडर है। उनके विरुद्ध हत्या का मुकदमा भी विचाराधीन है। मामले में विवेचक की तरफ से पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए चार्जशीट दाखिल की गई थी। सोमवार को इस मामले में दोनों भाइयों को सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर कोर्ट धनंजय शुक्ला एडवोकेट ने मामले की पैरवी की।

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