Sonbhadra News: वायरल वीडियो मामला मैनेज करने को लेकर हाई प्रोफाइल खेल, थाने में घंटों पंचायत कर लिखवाया गया सुलहनामा, जानें पूरा मामला
Sonbhadra News: सदर तहसील क्षेत्र में वर्तमान में जमीन विवाद को लेकर उलझे मामले और उसके निस्तारण को लेकर अपनाई जा रही प्रक्रिया पर भी सवाल उठने शुरू कर दिए हैं।
Sonbhadra News: सोनभद्र में कथित रिश्वतखोरी को लेकर सामने आए वायरल वीडियो और मामले को मैनेज करने को लेकर जिस तरह से राजस्व विभाग और पुलिस की कथित भूमिका सामने आई है। उसने हर किसी को चौंका कर रख दिया है। पहले जहां कथित लेखपाल की तरफ से पीड़ित पक्ष को लिए गए कथित रिश्वतखोरी के रुपए को वापस देने का झांसा देकर चतरा मार्केट बुलाया गया। वहीं, रुपए वापस करते वक्त अचानक से पुलिस की फिल्मी अंदाज में हुई इंट्री के बाद मामला पन्नूगंज थाने पर पंचायत के लिए पहुंच गया। घंटों पंचायत के बाद मामले को लेकर सुलहनामा लिखवाया गया। इसके बाद पीड़ित पक्ष को थाने से जाने की इजाजत मिली।
वीडियो भेज कर जिससे मांगी गई मदद, एडिट का लगा दिया आरोप
दिलचस्प मसला यह है कि सुलहनामे में जहां वीडियो को पीड़ित पक्ष द्वारा दूसरे के मोबाइल पर भेजने की बात स्वीकार कराई गई है। वहीं, जिसके मोबाइल पर मदद की गुहार के लिए वीडियो भेजी गई। उसी पर वीडियो को एडिट करने का आरोप लगाते हुए कथित लेखपाल को क्लीन चिट की बात उल्लिखित करा दी गई। बृहस्पतिवार की सुबह जब यह माजरा लोगों के सामने आया तो लोग एक बार फिर से चौंक उठे। जिस मामले में वीडियो की तकनीकी जांच के साथ ही विभागीय जांच प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी। उस मामले में जिस तरह से परोक्ष दबाव के जरिए पुलिस के माध्यम से प्रकरण को मैनेज करने का कथित खेल खेला गया उसने सदर तहसील क्षेत्र में वर्तमान में जमीन विवाद को लेकर उलझे मामले और उसके निस्तारण को लेकर अपनाई जा रही प्रक्रिया पर भी सवाल उठने शुरू कर दिए हैं। वहीं, दूसरी तरफ वायरल वीडियो के तकनीकी जांच के साथ ही पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई जाने लगी है।
प्रकरण में नहीं मिलेगा न्याय तो लेंगे भूख हड़ताल का सहारा
उधर, इस मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ से वीडियो वायरल करने वाले विजय विनीत तिवारी ने कथित सुलहनामे में उल्लिखित एडिट वीडियो प्रकरण मामले पर फोन पर हुई वार्ता में बताया कि पीड़ित पक्ष पर काफी दबाव बनाकर यह सुलहनामा लिखवाया गया है। उन्होंने पहले संबंधित पक्षों से बात की थी लेकिन जब मामले को लेकर कोई संजीदगी नहीं दिखाई गई तो उन्होंने पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के उद्देश्य से वीडियो वायरल किया। अब जब, इस वीडियो को एडिट बताए जाने का सवाल है तो मामले की तकनीकी जांच कराई जाए। वह इस मामले में जांच का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में पीड़ित पक्ष को न्याय नहीं मिलता है और सही तथ्य सामने नहीं लाए जाते हैं तो वह भूख हड़ताल का सहारा लेने को विवश होंगे।
न्यूज़ट्रैक पर चली खबर, तब देर रात मिली पीड़ित को छोड़े जाने की सूचना
बताते चलें कि जब पीड़ित पक्ष को धोखे से चतरा मार्केट बुलाए जाने और वहां से पुलिस की तरफ से पंचायत के लिए पन्नूगंज थाने ले जाए जाने का कथित मामला बुधवार की रात आठ बजे सामने आया तो न्यूज़ ट्रैक ने इस मामले को लेकर मजबूती से खबर उठाई। इसको लेकर जो ऑडियो-वीडियो सामने आए उसका भी जिक्र किया गया। तब जाकर सूचना मिली कि दोनों पक्षों को थाने से छोड़ दिया गया है। हालांकि पुलिस की तरफ से किसी पक्ष को थाने पर बैठाए जाने या किसी पंचायत की बात से इंकार किया जाता रहा।
एसडीएम ने लेखपाल से मांगा जवाब तो शुरू हुआ मैनेज करने का खेल
बताते हैं कि वायरल वीडियो को लेकर जब मीडिया प्लेटफॉर्म पर ख़बरें आई तो एसडीएम सदर की तरफ से संबंधित लेखपाल से स्पष्टीकरण तलब किया गया। उसके साथ ही मामले को मैनेज करने का खेल शुरू हो गया। प्रवक्ता के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक प्रकरण 7 से 8 माह पुराना है। उप जिलाधिकारी ने लेखपाल से स्पष्टीकरण तलब किया है। किसी शिकायतकर्ता ने उप जिलाधिकारी के समक्ष कोई प्रत्यावेदन नहीं दिया है। वहीं थाने पर बुलाकर पंचायत कराए जाने के संबंध में रात 11 बजे के करीब पुलिस प्रवक्ता की तरफ से जानकारी दी गई कि प्रभारी निरीक्षक पन्नूगंज ने अवगत कराया है कि जांच हेतु दोनों पक्ष आवश्यक जानकारी देने थाना पर आए थे। बाद जानकारी दोनों पक्ष थाने से चले गए। किसी पक्ष को भी थाने पर नहीं बैठाया गया था। वहीं प्रकरण को लेकर ट्विटर के जरिए पुलिस के जानकारी देने वाले व्यक्ति की तरफ से दावा किया गया की रात 12 बजे के लगभग दोनों पक्षों को थाने से छोड़ा गया है।