Sonbhadra News: सील अस्पतालों के संचालन पर व्यापारियों ने उठाए सवाल, डेढ़ सौ अस्पताल उड़ा रहे नियमों-निर्देशों की धज्जियां
Sonbhadra News: ऑपरेशन में लापवाही जहां प्रसूताओं की जान ले रही है। वहीं, 98 पंजीकृत अस्पतालों के अलावा लगभग 150 गैर पंजीकृत अस्पताल ऐसे हैं, जो खुले तौर पर स्वास्थ्य महकमे के निर्देशों-नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
Sonbhadra News: तीन दिन पूर्व धर्मशाला चौक के पास कम्हारी एरिया में स्थित अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान बरती गई कथित लापरवाही के चलते हुई प्रसूता की मौत मामले में जहां अभी जांच जारी है। वहीं, व्यापारियों की तरफ से शनिवार को कलेक्ट्रेट में डीएम बद्रीनाथ सिंह की अध्यक्षता और एसपी डा. यशवीर सिंह की मौजूदगी में हुई बैठक में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन की तरफ से होती प्रसूताओं की मौत और मनमानी तरीके से संचालित हो रहे अस्पतालों को लेकर कई सवाल उठाए। दावा किया कि ऑपरेशन में लापवाही जहां प्रसूताओं की जान ले रही है। वहीं, 98 पंजीकृत अस्पतालों के अलावा लगभग 150 गैर पंजीकृत अस्पताल ऐसे हैं, जो खुले तौर पर स्वास्थ्य महकमे के निर्देशों-नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
बैठक शुरू होने से पहले जिलाध्यक्ष कौशल शर्मा की अगुवाई व्यारियों ने नवागत डीएम बीएन सिंह का अभिनंदन किया। जिलाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि जनपद सोनभद्र नीति आयोग के आकांक्षी जिलों में शामिल है। बावजूद यहां स्वास्थ्य एवं शिक्षा के मसले पर खासी उदासीनता-लापरवाही बरती जा रही है। स्वास्थ्य से जुडे मसले का जिक्र करते हुए कहा कि जहां मेडिकल कॉलेज का दर्जा जिला अस्पताल की बीमारू अस्पतालों वाली स्थिति बनी हुई है। वहीं, प्राइवेट अस्पतालों में प्रसव के दौरान बरती जा रही लापरवाही के कारण जच्चा और बच्चा दोनों के मौतों का सिलसिला जारी है।
महज 15 दिन पहले सील अस्पताल में हुई जच्चा-बच्चा की मौत
दुद्धी तहसील के एक निजी अस्पताल मे 15 जून को ओटी सील किए जाने के बावजूद दो जुलाई को उसी अस्पताल में प्रसव कराए जाने और जच्चा-बच्चा दोनों की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि यह सभी के लिए आश्चर्यजनक है कि सील किए अस्पतालों का चंद दिन बाद पुनः संचालन कैसे शुरू हो जाता है। बड़े पैमाने पर अवैध अस्पताल संचालित होने का दावा करते हुए कहा कि विभागीय रिकर्ड में महज 98 अस्पताल पंजीकृत है लेकिन सोनभद्र में संचालन लगभग 250 अस्पतालों का हो रहा है। इसका सीधा सा मतलब है कि बगैर पंजीयन के लिए डेढ़ सौ से अधिक अस्पताल संचालित हो रहैं।
नेशनल मेडिकल काउंसिल के मानदंडों का कराया जाए पालन
जिला महामंत्री प्रीतपाल सिंह और नगर अध्यक्ष प्रशांत जैन आदि की तरफ से मांग की गई कि 50 बेड से कम क्षमता वाले अस्पतालों के पंजीकरण और नवीनीकरण के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल की तरफ से निर्धारित मापदंडों का सख्ती से पालन कराया जाए। हर घर नल जल योजना को लेकर बरती जा रही लापरवाही, फ्लोरोसिस की विभीषिका को लेकर भी आवाज उठाई।
जिला अस्पताल के आसपास दलालों के जमावड़े की शिकायत
वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष राजेश जायसवाल रवि जायसवाल राजू जायसवाल ने कहा कि बरसात के कारण संचारी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। बावजूद जिला मुख्यालय पर कहीं एंटी लार्वा का छिड़काव देखने को नहीं मिल नहीं मिल रहा है। जिला चिकित्सालय के आसपास दलालों के जमावड़े का जिक्र करते हुए गत 13 मई को मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में उपचार के लिए ले जाने को लेकर हुई मारपीट का भी उल्लेख किया गया।
मुख्यालय स्थित शहर को नहीं मिल पाया सिटी अस्पताल
जिला मंत्री शिवनाथ मेहता और धर्मेंद्र प्रजापति ने नगर से पांच किमी दूर जिला अस्पताल होने के बावजूद सिटी अस्पताल की मांग न पूरी किए जाने, जिला कोषाध्यक्ष शरद जायसवाल और कृष्णा सोनी ने कहा कि सरकारी ब्लड बैंक में विभिन्न ब्लड ग्रुप की उपलब्धता के बारे में साइन बोर्ड पर विवरण प्रदर्शित न किए जाने, नगर मंत्री अमित वर्मा, शिवम केशरी, जिला मंत्री नरेंद्र मोदनवाल ने कहा कि जिले में 200 एलटी ग्रेड के और 25 लेक्चरर पद रिक्त होने के चलते राजकीय माध्यमिक कालेजों में पठन-पाठन की खराब स्थिति को दुरूस्त करने के पहल की मांग की।
व्यापारियों से जुड़ी समस्याओं का शीघ्र करें निवारण: डीएम
डीएम बद्रीनाथ सिंह ने एक-एक कर सभी व्यापारियों की शिकायत सुनी और उनकी समस्याएं जानी। संबंधितों को निर्देशित किया गया कि व्यापारियों द्वारा जो भी व्यापार या जनहित से जुड़े मसले उठाए गए हैं, उसको अतिशीघ्र निस्तारित कराया जाए।
बैठक में इन-इन अफसरों की रही मौजूदगी
एडीएम सहदेव मिश्र, एएसपी कालू सिंह, जिला उद्योग एवं प्रोत्साहन अधिकरी आरपी गौतम, डीएफओ, प्रभारी जिला सूचना अधिकारी सुधांशु शेखर शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।