रायबरेलीः राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष का पद सौंपने के बारे में सोनिया गांधी ने बुधवार को चुप्पी साध ली। अपने संसदीय क्षेत्र के दो दिन के दौरे पर आईं सोनिया से इस बारे में सवाल पूछा गया था। इस बीच, खबरें हैं कि कांग्रेस एक चिंतन शिविर कर सकती है। जिसमें वरिष्ठ नेताओं के विचार जानने के बाद राहुल को कमान सौंपे जाने के बारे में सोनिया फैसला करेंगी।
सवाल पर क्या रही सोनिया की प्रतिक्रिया?
-रायबरेली में पत्रकारों ने सोनिया से पूछा कि क्या राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाएगा।
-सोनिया ने इस सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया।
-वह गाड़ी में बैठकर वहां से चली गईं।
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चिंतन शिविर के बाद हो सकता है फैसला
-सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान एक चिंतन शिविर करने के बारे में सोच रहा है।
-कांग्रेस शासित राज्यों में से एक में ये चिंतन शिविर किया जाना है।
-चिंतन शिविर में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राय जानकर सोनिया लेंगी फैसला।
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क्यों पड़ी चिंतन शिविर की जरूरत?
-हाल ही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आए थे।
-चार राज्यों में कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई थी।
-महासचिव दिग्विजय सिंह ने बड़ी सर्जरी किए जाने की मांग की थी।
-शशि थरूर और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी युवाओं को मौका देने की बात कही थी।
-पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरिंदर सिंह भी राहुल को मौका देने की मांग कर चुके हैं।
2013 में राहुल बनाए गए थे उपाध्यक्ष
बता दें कि साल 2013 के जनवरी में जयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर हुआ था। उस वक्त राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था। इससे पहले 1998 से लेकर सोनिया गांधी ही सबकुछ देखती रहीं। राहुल को उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही पार्टी की हालत हर साल खराब होती गई है।