97 हजार राजस्व गावों में कोविड टेस्ट ड्राइव, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य है UP

अपर मुख्य सचिव सूचना ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की प्रतिदिन बढ़ोत्तरी करते हुए आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा रही है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-05-05 17:14 GMT

विशेष अभियान (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

लखनऊ: कोविड संक्रमण से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश में आज से ग्रामीण क्षेत्रों में एक विशेष अभियान चलाकर 97 हजार राजस्व गावों में घर-घर जाकर लोगों से सम्पर्क करने का काम शुरू किया गया। पूरे देश में उत्तर प्रदेश एकमात्र प्रदेश है, जहां पर कोविड (Covid-19) संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए ऐसा अभियान चलाया जा रहा है। आरआर टीम के द्वारा लक्षणयुक्त वाले लोगों का एन्टीजन टेस्ट किया जा रहा है। इस कार्य के लिए निगरानी समितियों के पास 10 लाख मेडिसिन किट तथा आरआर टीम के पास 10 लाख एन्टीजन किट उपलब्ध करायी गयी है। इस अभियान के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों मे कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका एन्टीजन टेस्ट कराते हुए, उनकों निशुल्क मेडिसिन किट उपलब्ध कराते हुए, उनका उपचार किया जायेगा।

वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार द्वारा 37 अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अनुमति दी गयी है। इसके अतिरिक्त अन्य 44 अस्पतालों के लिए भी आक्सीजन प्लांट लगाने की स्वीकृति दी गयी है।

सफाई एवं फॉगिंग अभियान

अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सरकार सतत आवश्यक कदम उठा रही है। पूरे प्रदेश के शहरों और गांवों में विशेष सफाई एवं फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 58,194 ग्राम पंचायतों जिनमें 97,509 राजस्व गांव है जिसमें 68,737 कर्मचारी लगाये गये हैं जो कि सफाई का काम कर रहे हैं। इसी तरह से नगरीय क्षेत्र में भी लगभग 12,016 वार्डों में 81 हजार श्रमिकों को लगाकर यह अभियान चलाया जा रहा है। 9,300 वाहनों द्वारा 09 हजार से अधिक जगहों से कूड़ा उठाकर अलग रखा गया है। इस 5,515 टीमों द्वारा पूरे प्रदेश के 12 हजार वार्डों में सफाई का काम निरन्तर किया जा रहा है।

वैक्सीनेशन

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा 18-44 आयुवर्ग के लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश सरकार इस अभियान में तेजी लाने के ग्लोबल टेण्डर भी किया गया है। कोविड-19 मरीजों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पहले 50 प्रतिशत एम्बुलेंस डेडिकेटेड की गयी थी जिसे बढ़ाकर अब 75 प्रतिशत कर दिया गया है। जिससे मरीजों को अस्पतालों में पहुंचने में किसी प्रकार की समस्या न हो।

वैक्सीनेशन (फाइल फोटो- सोशल मीडिया) 

ऑक्सीजन की सप्लाई 

सहगल ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की प्रतिदिन बढ़ोत्तरी करते हुए आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा रही है। 746 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गयी है। जिसे 850 मीट्रिक टन किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 37 अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अनुमति दी गयी है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है। इसके अतिरिक्त अन्य 44 अस्पतालों के लिए भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने की स्वीकृति दी गयी है जिसके क्रम में 9 अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य अन्तिम चरण में चल रहा है। उन्होंने बताया कि मरीजों को ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में सभी जिलों में 4,370 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। प्रत्येक सीएचसी में 20-20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

औद्योगिक इकाइयां 

सहगल ने बताया कि प्रदेश में साप्ताहिक बंदी के दौरान औद्योगिक इकाइयां बंद नहीं रखी गयी है तथा स्थानीय प्रशासन को यह कहा गया है कि वे औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले लोगों के पहचान पत्र ही उनके आने-जाने के पास है। उन्होंने बताया कि 72 हजार कोविड हेल्प डेस्क औद्योगिक इकाइयों में बनाये गये है। उन्होने बताया कि जिन औद्योगिक संस्थानों में 50 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे है। वहां पर कोविड केयर सेंटर बनाये जाये। जिससे वहां पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को समय से इलाज मिल सके।

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