Lucknow: एलडीए में वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए शुरू होगी खास व्यवस्था, नोडल अफसर को मिली जिम्मेदारी
Lucknow: उपाध्यक्ष इन्द्रमणि त्रिपाठी के कड़े निर्देश के बाद प्राधिकरण के कामकाज में दिखने लगा है। वीसी की सख्ती के चलते महज तीन दिन में ही जनहित गारण्टी अधिनियम से सम्बंधित 193 लंबित प्रकरण निस्तारित हो गये।
Special facilities to start in LDA: एलडीए में अपनी समस्या लेकर आने वाले वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों को खास सहूलियत देने का प्लान तैयार किया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों की सहूलियत के लिए प्राधिकरण में विशेष शिविर लगाएं जाएं। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए बार-बार आकर विभिन्न पटलों में जाना पड़ता है, जिससे उन्हें मानसिक एवं शारीरिक परेशानी होती है। इसके लिए शिविर की व्यवस्था की जा रही है।
एलडीए वीसी ने इस संबंध में बताया कि इसके अंतर्गत प्रत्येक माह के चौथे गुरुवार को वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजन समाधान दिवस का आयोजन किया जायेगा। इस तारीख को अवकाश होने पर शिविर अगले दिन लगाया जाएगा। यह शिविर प्राधिकरण भवन के भूतल स्थित सभागार में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने इस शिविर के नोडल अधिकारी के रूप में विशेष कार्याधिकारी अमित राठौर को नामित किया है। नोडल अधिकारी द्वारा शिविर में प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों का समयबद्ध तरीके से शत प्रतिशत निस्तारण कराया जाएगा। साथ ही समय-समय पर उपाध्यक्ष/सचिव को वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाएगा।
सख्ती का असर, 3 दिन में 193 प्रकरण का निस्तारण
वहीं, उपाध्यक्ष इन्द्रमणि त्रिपाठी के कड़े निर्देश के बाद प्राधिकरण के कामकाज में दिखने लगा है। वीसी की सख्ती के चलते महज तीन दिन में ही जनहित गारण्टी अधिनियम से सम्बंधित 193 लंबित प्रकरण निस्तारित हो गये। शनिवार को उपाध्यक्ष ने जनहित गारण्टी अधिनियम से सम्बंधित प्रकरणों के निस्तारण की पुनः समीक्षा की तो यह चैंकाने वाले आंकड़े सामने आये। इस पर भी उपाध्यक्ष ने संतुष्टि व्यक्त नहीं की और अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर लंबित प्रकरणों की संख्या को शून्य किये जाने का टारगेट दिया है।
इन्द्रमणि त्रिपाठी ने अपना कार्यभार संभालने के बाद 28 जून 2022 को जनहित गारंटी अधिनियम से सम्बंधित लंबित प्रकरणों की पहली समीक्षा बैठक की थी। इसमें समस्त अनुभागों में फ्री-होल्ड, नामान्तरण और रिफण्ड आदि के प्रकरण बड़ी संख्या में लंबित पाये गए थे। बैठक के दौरान कुछ अधिकारियों द्वारा लंबित प्रकरणों के सम्बंध में वर्तमान स्थिति भी नहीं बताई जा सकी थी। इस पर उपाध्यक्ष ने सख्त रवैया अपनाते हुए समस्त लम्बित प्रकरणों को जल्द से जल्द निस्तारित कराने के निर्देश दिये थे। तीन दिन बाद आज उपाध्यक्ष द्वारा इन मामलों की पुनः समीक्षा बैठक की गई।
इसमें पाया गया कि तीन दिन में नामांतरण के 100 प्रकरण, फ्री-होल्ड के 53 मामले और रिफण्ड के 40 प्रकरण निस्तारित हो गए। बैठक के दौरान उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा कि आवंटी को बेवजह प्राधिकरण के चक्कर न लगवाए जाएं और किसी भी पटल पर फाइलें लंबित न रहें। उन्होंने कहा कि वह एक सप्ताह बाद फिर से इसकी समीक्षा करेंगे, तब तक लंबित प्रकरणों की संख्या शून्य हो जानी चाहिए।