सेना भर्ती में फर्जीवाड़े का एसटीएफ ने किया पर्दाफाश, चार गिरफ्तार
प्रयागराजः एसटीएफ उप्र को फर्जी तरीके से सेना भर्ती में एवं मेडिकल में पास कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश करने में बड़ी कामयाबी मिली है। इस रैकेट को संचालित करने वाले सेना के दो जवानों सहित चार अभियुक्तों को भारी धनराशि व अन्य कागजातों के साथ जनपद प्रयागराज के सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।
प्रयागराजः एसटीएफ उप्र को फर्जी तरीके से सेना भर्ती में एवं मेडिकल में पास कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश करने में बड़ी कामयाबी मिली है। इस रैकेट को संचालित करने वाले सेना के दो जवानों सहित चार अभियुक्तों को भारी धनराशि व अन्य कागजातों के साथ जनपद प्रयागराज के सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।
पकड़े गए अभियुक्तों में प्रदीप सिंह यादव पुत्र नारायण यादव, निवासी महमूदपुर, थाना नोनहरा, जनपद गाजीपुर। (फायर इंजन ड्राइवर, सी0ओ0डी छिवकी), संजय कुमार पाण्डेय पुत्र त्रियुगी पाण्डेय, निवासी ग्राम रामपुर बगहा टोला टकिया पोस्ट लक्ष्मीगंज, रामकोला,कुशीनगर। (6 महार रेजिमेन्ट, कारू-लेह में नायक के पद पर तैनात है)। इनके अलावा मनीष सिंह यादव पुत्र स्व. राजाराम यादव, निवासी ग्राम रामपुर बगहा टोला टकिया पो. लक्ष्मीगंज, रामकोला, जनपद कुशीनगर व त्रिपतीनाथ सरोज पुत्र प्यारे लाल सरोज, निवासी मलसिल, थाना सिकरारा, जौनपुर शामिल हैं।
पकड़े गए अभियुक्तों के पास से तीन अलग-अलग अभ्यार्थियों के एडमिट कार्ड। अभ्यर्थियों के शैक्षिक अभिलेखों, एडमिट कार्ड, भर्ती से सम्बन्धित पैसों के लेन-देन के हिसाब से सम्बन्धित आदि 229 व्हाट्सएप स्क्रीनशॉ़ट, आठ मोबाइल फोन व दो लाख 75 हजार नकद बरामद हुआ है।
काफी दिनों से मिल रही थी जानकारी
भारतीय सेना में अवैध तरीके से भर्ती कराने वाले एवं मेडिकल परीक्षा में अनफिट अभ्यार्थियों को अनुचित लाभ लेकर फिट कराने वाले रैकेट के सक्रिय होने की सूचना काफी दिनों से मिल रही थी। इस सम्बन्ध में अमिताभ यश, पुलिस महानिरीक्षक, एसटीएफ एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, लखनऊ द्वारा एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों/टीमों को लगाया गया था। नीरज कुमार पाण्डेय, अपर पुलिस अधीक्षक व नवेन्दु कुमार, पुुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में एसटीएफ फील्ड इकाई, प्रयागराज द्वारा सूचनाएं संकलित की जा रही थीं।
एसटीएफ को 19 जनवरी को मुखबिर से सूचना मिली कि सेना में भर्ती कराने वाले गिरोह के कुछ सक्रिय सदस्य कम्पनी बाग के सामने नाजरेथ हास्पिटल, प्रयागराज के पास आने वाले हैं। एसटीएफ टीम ने इसकी जानकारी मिलिट्री इन्टेलीजेन्स दी तथा उसे साथ लेकर उस स्थान पर पहुॅच गई। कुछ देर उपरान्त 4-5 व्यक्तियों को आपस में पैसों व कागजातो का आदान-प्रदान करते देखा व संदिग्ध प्रतीत होने तथा मुखबिर के संकेत पर चारों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
मनीष के मुताबिक ऐसे बना रैकेट का हिस्सा
अलग-अलग एवं संयुक्त रूप से पूछताछ करने पर अभियुक्त मनीष उपरोक्त द्वारा बताया गया कि इस गिरोह का सरगना उसकी बुआ का लड़का मुलायम सिंह यादव उर्फ अजय यादव पुत्र राम अभिलाष यादव, निवासी ग्राम शाखा, थाना सैनी, जनपद कौशाम्बी इस समय जोधपुर राजस्थान में सेना में कार्यरत है। रिश्तेदार होने के कारण उसका आना-जाना उसके घर पर भी है।
इस दौरान मुलायम ने मनीष से कहा कि यदि अपना कोई भरोसे का आदमी हो तो उसे हम सेना में भर्ती करवा सकते है। इस पर उसके द्वारा अपने भरोसेमंद लोगों की तलाश की और उनका पूरा डिटेल लेकर बुआ के लड़के अजय उर्फ मुलायम सिंह यादव को दे दिया। मुलायम सिंह यादव उर्फ अजय यादव उपरोक्त ने सभी लोगों को जब भर्ती करा दिया तो विश्वास जम जाने के बाद आगे की भर्तियों में भी अभ्यर्थियों की तलाश करने लगे जो पैसा देकर भर्ती होने के इच्छुक थे। चूंकि इस काम में काफी पैसे मिलने लगे इसलिए इस काम को धन्धा बना लिया।
अजय की दूरस्थ पोस्टिंग होने एवं छुट्टी न मिलने के कारण सेना में ही कार्यरत उनके दो दोस्त प्रदीप सिंह यादव व संजय कुमार पाण्डेय का परिचय मनीष से कराया और बताया कि यह दोनों भी मेरे काफी विश्वसनीय है और इस काम में यह तुम्हारा साथ देगें। चूॅकि इस काम में मोटा पैसा मिल जाता है इसलिए हम सभी लोग मिलकर हर भर्तियों में भर्ती करवाने के लिए अभ्यर्थियों की तलाश करते है और भर्ती करवाकर उनसे मोटी रकम वसूलते है।
ये थे मेडिकल व भर्ती कराने के रेट
मेडिकल में पास कराने का रेट 60,000/- रूपये प्रति अभ्यर्थी और पूरा भर्ती कराने का रेट 02 से 2.5 लाख रूपये लेते हैं। भर्ती होने के इच्छुक अभ्यर्थियों के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट आदि के सर्टिफिकेट्स प्लान के मुताबिक हम लोग अपने पास रख लेते हैं तथा अभ्यर्थियों से लिए गए उनके असली डाक्यूमेंटस को व्हाट्सएप के जरिए हम लोग मुलायम सिंह यादव उर्फ अजय यादव को भेजते हैं। अजय के सम्पर्क में लखनऊ में जेआरओ (जोनल रिक्रूटमेंट आफिस) में तैनात एक बाबू हैं, जो भर्ती से सम्बन्धित गोपनीय अभिलेख अजय यादव उर्फ मुलायम सिंह यादव को उपलब्ध कराता है। मनीष तथा प्रदीप सिंह यादव ने अभ्यर्थियों से भर्ती कराने के एवज में लिए गये पैसों को दो बार में 25 लाख रूपये मुलायम सिंह यादव उर्फ अजय यादव के कहने पर चारबाग स्टेषन पर उक्त बाबू को दिया था।
गिरफ्तार अभियुक्त प्रदीप सिंह यादव ने मनीष यादव के बयान का समर्थन करते हुये बताया कि हम लोग अधिकांशतः गाजीपुर के नीलकण्ठ कोंचिग और बक्सू बाबा एकेडमी के छात्रों में से अभ्यर्थी तलाशते हैं और मुलायम सिंह यादव उर्फ अजय यादव के नेतृत्व में पैसे लेकर भर्ती कराने और मेडिकल परीक्षा पास कराने का काम करते हैं।
ये है गिरोह का सरगना
गिरोह का सरगना मुलायम सिंह यादव उर्फ अजय यादव है, जिसका सम्पर्क मिलिट्री हास्पिटल, इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ आदि में काम करने वाले कई सैन्य/सिविल अधिकारियों एवं कर्मचारियों से है। वाराणसी का संजय श्रीवास्तव और मऊ जनपद के दो सगे भाई ऋषि कुमार गुप्ता और ज्ञानचन्द गुप्ता, जो एक्स आर्मी मैन हैं, भी इस रैकेट के सक्रिय सदस्य हैं और आर्मी भर्ती में पैसे लेकर फर्जी तरीके से काफी लोगों को भर्ती करा चुके हैं।
गिरफ्तार अन्य अभियुक्तों ने बताया कि उन लोगों का काम अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराना व उनसे पैसे वसूल कर मनीष एवं प्रदीप यादव के माध्यम से मुलायम सिंह यादव उर्फ अजय यादव को देना होता है। भर्ती कराने के एवज में मिले पैसों को अपने-अपने काम के हिसाब से ये लोग आपस में बांट लेेते हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों के आपराधिक इतिहास के सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है।