जिले में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शुरू हुई STF जांच, महकमे में हड़कंप

Update: 2018-09-18 09:03 GMT

बलरामपुर: जिले में फर्जी शिक्षकों की भरमार है। इनकी नियुक्ति पिछली सरकारों के दौरान हुई थी, जो कई सालों से कुटिरचरित्र और जालसाज अभिलेखों के आधार पर तमाम शिक्षा क्षेत्रों में नौकरी करते हुए आ रहे हैं। इन शिक्षकों की संख्या अभिलेखों के आधार पर तकरीबन 160 बताई जा रही।

अब एसटीएफ ने भी मामले को परत दर परत खंगालने में जुटी हुई है। इस मामले में बीएसए की लापरवाही भी उजागर हुई है महीनों बाद भी फर्जीवाड़े में शामिल शिक्षको पर एफआईआर तक नही दर्ज हो सकी है।

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अब फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एसटीएफ ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बीते दिनों एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर अधिकारियों से लंबी पूछताछ की थी, जिसके बाद फर्जीवाड़े की परत-दर-परत खुलती नजर आ रही हैं। एसटीएफ की जांच शुरू होने के बाद जिले के शिक्षा महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। सभी अधिकारी अपनी-अपनी गर्दन बचने में जुटे हुए हैं।

सूत्रों की मानें तो जब से एसटीएफ की जांच शुरू हुई है तब से जालसाज शिक्षक अपने अपने विद्यालयों से फरार चल रहे हैं। शिक्षा विभाग अपने स्तर से पहले ही इस मामले की जांच कर चुका है और इसमें होने वाली कार्रवाई तकरीबन 6 माह पहले ही देर हो चुकी है। ये शिक्षक कई महीनों से फर्जीवाड़ा करके विभाग का वेतन और अन्य सुविधाएं उठा रहे थे।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिहर प्रसाद ने बताया कि इन शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही तेजी से की जा रही है। हमने अभी पचपेड़वा ब्लाक के कुछ शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया है।

इसी तरह अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई जल्द से जल्द करवाई जाएगी। हालांकि बीएसए का कैमरे पे बोलना और धरातल पर स्थितियां इससे उलट हैं। 6 माह बाद भी सैकड़ो शिक्षक सरकारी धन को गबन कर ऐश कर रहे है।

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