UP News: शुआट्स के वीसी पर एसटीएफ दर्ज करेगी एक और FIR, मददगारों पर भी लटकी तलवार

UP News: आरोप है कि शुआट्स के वीसी बी लाल ने शुआट्स को अल्पसंख्यक संस्थान करार देकर प्रदेश सरकार से तमाम लाभ लिया हैं।

Report :  Sunil Mishraa
Update:2023-02-15 12:59 IST

Rajendra B Lal (photo: social media )

UP News: सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान यूनिवर्सिटी (शुआट्स) प्रयागराज के वीसी राजेंद्र बी लाल के खिलाफ यूपी एसटीएफ एक और केस दर्ज करने की तैयारी में है। आरोप है कि बी लाल ने शुआट्स को अल्पसंख्यक संस्थान करार देकर प्रदेश सरकार से तमाम लाभ लिया हैं। इसमें उनकी मदद करने वाले विभाग के दो अधिकारियों पर भी एफआईआर दर्ज कराने के लिए एसटीएफ विधिक राय ले रही है।

एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक राजेंद्र बी लाल शुआट्स के कुलपति के पद पर रहते यीशु दरबार ट्रस्ट की आड़ में धर्म विशेष की गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं। उन्होंने शुआट्स की 26 बीघा जमीन को यीशु दरबार ट्रस्ट के नाम हस्तांतरित करवा लिया है। इसके लिए उन्होंने सरकार से अनुमति नहीं ली। 1998 में शासन के अनुसचिव जगन्नाथ तिवारी ने यूजीसी को शुआट्स को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के लिए पत्र भेजा था। अनु सचिव ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर यह भी लिखा था कि डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने पर भी यह अल्पसंख्यक संस्थान ही रहेगा। जांच में सामने आया है कि अनुसचिव को यह पत्र लिखने के एवज में उनके बेटे विष्णु तिवारी को साल 2001 में शुआट्स में लाइजनिंग ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया गया।

सीबीआई और ईडी भी कर रही लाल के खिलाफ जांच

एसटीएफ आरबी लाल पर शिकंजा कस रही है। जांच में लाल पर यूनिवर्सिटी में वित्तीय अनियमितता, यूनिवर्सिटी में ही ईशु दरबार चलाना और उसी में धर्म परिवर्तन करना समेत कई गंभीर आरोपों सही पाए गए हैं। हालांकि इन मामलों की जांच केंद्रीय एजेंसियां सीबीआई और ईडी भी कर रही है। ईडी आरबी लाल, उनकी पत्नी व भाई एसबी लाल से पूछताछ कर चुकी है। अप्रैल 2021 में ईडी की टीम ने प्रो आरबी लाल, उनके भाई एसबी लाल और उनकी पत्नी समेत सात व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया था। उन पर मिशनरी के नाम पर करोड़ों की प्रॉपर्टी हड़पने के आरोप हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय के धन का दुरुपयोग करने का आरोप भी है।

पिछले साल सीबीआई ने दर्ज किया था मुकदमा

बीते साल सीबीआई ने आरबी लाल समेत 3 वकीलों के खिलाफ 419, 420, 467, 468, 471 व 409 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। आरोप था कि आरबी लाल इन वकीलों के द्वारा हाईकोर्ट में फर्जी याचिका दाखिल करवाता था। फिर उसका भुगतान विश्वविद्यालय के कोष से कर देता था। जांच में कई याचिकाएं फर्जी साबित हुई थीं। आरबी लाल से जुड़ा सबसे चर्चित मामला 22 करोड़ से अधिक के एक्सिस बैंक के गबन का है। इसके अलावा मिशनरी के नाम पर जमीनों को हड़पने के भी गंभीर आरोप हैं।

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