Hathras News: परीक्षा में शामिल होने से छात्रों को रोका, गुस्साए स्टूडेंट्स ने किया नेशनल हाइवे जाम
Hathras News: जनपद हाथरस की कोतवाली सिकंदराराऊ स्थित एक डिग्री कॉलेज के प्रबंधन ने छात्रों को परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया। जिससे छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया।
Hathras News: जनपद हाथरस की कोतवाली सिकंदराराऊ स्थित एक डिग्री कॉलेज के प्रबंधन ने छात्रों को परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया। जिससे छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह छात्रों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया।
एडमिट कार्ड नहीं होने पर कॉलेज परिसर में घुसने नहीं दिया गया
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 100 से अधिक छात्रों के बारे में प्रशासन से मांग की है कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जाए। वहीं कॉलेज प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात भी की जा रही है। डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की बुधवार को स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा शुरू हुई है। डिग्री कॉलेज में सुबह की पाली में बीए फाइनल का इंग्लिश लैंग्वेज की परीक्षा थी। सुबह जब छात्र परीक्षा देने कॉलेज पहुंचे तो प्रवेश पत्र न होने के कारण उन्हें कॉलेज परिसर में जाने नहीं दिया गया।
छात्रों ने कहा- दिया ही नहीं गया प्रवेश पत्र तो दिखाएं कहां से!
छात्र-छात्राओं ने बताया कि उन्हें न तो प्रवेश पत्र दिया है और ना ही कॉलेज प्रबंधक से कोई बात कराई गई है। इस बात से गुस्साए छात्रों ने हंगामा काटते हुए अलीगढ़-एटा एनएच-91 पर जाम लगा दिया। इसकी सूचना जब कॉलेज प्रबंधन एवं स्टाफ को हुई तो वहां से गेट बंद करके जाने लगे। इस बात की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची सिकंदराराऊ कोतवाली पुलिस से छात्रों की बहस हुई। बाद में जाम खुलवा दिया गया। थाना सिकंदराराऊ प्रभारी आशीष कुमार ने बताया कि परीक्षा न दे पाने की बात थी। छात्रों को समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया गया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही परीक्षार्थियों पर भारी
सही बात तो यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कई दिन पहले ही परीक्षा कार्यक्रम तो जारी कर दिया गया, लेकिन परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र जारी नहीं किए गए। परीक्षा बिना प्रवेश पत्रों के शुरू भी करा दी गई, अब ऐसे में दूसरे कॉलेज में परीक्षा देने पहुंचे विद्यार्थियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।