विधायकों के वेतन भत्तों के लिए गठित होगी सर्वदलीय उपसमिति: CM योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधायकों के वेतन भत्ते व अन्य सुविधाओं के बारे में स्थायी व्यवस्था किये जाने के संदर्भ में वित्त मंत्री की अध्यक्षता में सदन की एक सर्वदलीय उपसमिति गठित कर दी जाये।

Update: 2020-02-28 17:28 GMT

लखनऊ: विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधायकों के वेतन भत्ते व अन्य सुविधाओं के बारे में स्थायी व्यवस्था किये जाने के संदर्भ में वित्त मंत्री की अध्यक्षता में सदन की एक सर्वदलीय उपसमिति गठित कर दी जाये। जिसमें सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से विधायकों के वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधाओं के संबंध में सस्तुति की जाये जिसके अनुपालन के लिए निर्णय लिया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में विधायकों की ओर से वेतन भत्ते और पेंशन व अन्य सुविधाएं बढ़ाने की मांग करते हैं और जब सरकार निर्णय ले लेती है तो विपक्षी दल के लोग बाहर जाकर कहते हैं कि हमने इसकी मांग तो की ही नहीं थी। इस स्थिति का निराकरण करने के लिए सदन की सर्वदलीय उपसमिति गठित के माध्यम से विधायकों की सुविधाओं के बारे में निर्णय लिये जाने के बारे में कोई सदन के भीतर और बाहर सभी विधायकों की सर्वसम्मति की बात जनता में जायेगी।

विधायक निधि को दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ करने की घोषणा

इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री ने विधायकों की मांग को ध्यान में रखते हुए विधायक निधि को दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने विधायकों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्र के विभिन्न विभागों से जुड़े विकास कार्यों को दे दें, जिससे विकास कार्य कराने में आसानी होगी। विनियोग विधेयक पारित होने के साथ विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गयी।

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उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन साल की उपलब्धियों के सम्बन्ध में एक पुस्तिका प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। इस पुस्तिका के लिए सदन के सभी सदस्य अपने -अपने क्षेत्रो के विकास कार्यों से सम्बंधित उपलब्धियों को 15 मार्च तक उपलब्ध करा दें जिससे सरकार जनपदों के विधानसभावार हुए कामों की जानकारी इस पुस्तिका में शामिल कर सके। इस पुस्तिका की मदद से सभी विधायक गैन अपने कार्यों को जनता के बीच पहुंचा सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने सदन समाप्ति से पहले विधानमंडल से सम्बंधित सभी कर्मचारियों को 11 हजार 500 रुपये की राशि पुरस्कार स्वरुप दिए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि दलीय नेताओं की एक कमेटी बननी चाहिए कि हम संसदीय प्रणाली को और समृद्ध कैसे हो, संसद की तर्ज पर सदन को कैसे और व्यवस्थित तरीके चलाया जा सके। देश के सबसे बड़े विधानमंडल में दलीय नेताओं को तो बोलने का अवसर तो मिल जाता है, परन्तु नए सदस्य राह जाते हैं।

राम गोविन्द चैधरी समेत मुंह पर पट्टी बांध कर बैठे थे

जबकि उनके पास भी वे जिस क्षेत्र से आये हैं, उनका अपना वहां को लेकर एक अनुभव है, हमे इसका लाभ लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर चर्चा के लिए सदन के अन्दर मौजूद रहे सदस्यों का आभार जताया। मुख्यमंत्री जब बोल रहे थे तब मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सदस्य नेता विरोधी दल राम गोविन्द चैधरी समेत मुहं पर पट्टी बांध कर बैठे थे। इस पर मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि सतत विकास के लक्ष्यों पर जब विशेष सत्र हुआ था, तब जो अनुपस्थित रहे उन्हें पछतावा हुआ। आज भी जो मुंह पर पट्टी बांधे बैठे हैं, वे पछतायेंगे।

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उन्होंने कहा कि हम प्रदेश की जनता को नल से पेयजल उपलब्ध कराने की कार्यवाही कर रहे है। विध्य एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पाइप लाइन से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 15 हजार करोड़ स्वीकृत किया है। अगले दो साल में पूरे प्रदेश में ऐसी व्यवस्था लागू करने की योजना है। पाइपलाइन से जल उपलब्ध कराने के लिए एक एजेन्सी को पूरी जिम्मेदारी दी जायेगी।

जातियों को आरक्षण के हिसाब से आरक्षण दिया जायेगा

कांग्रेस की आराधना मिश्र मोना ने प्रदेश में जातिवार जनगणना तथा पिछड़ा वर्ग जनगणना में शामिल करने का मामला शून्य प्रहर में उठाया। इसका बसपा के लालजी वर्मा और नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चैधरी ने समर्थन किया और कहा कि आगामी दिनों में पंचायत व स्थानीय निकाय के चुनाव होंगे जिसमें जातियों को आरक्षण के हिसाब से आरक्षण दिया जायेगा।

इसलिए जातिवार गणना कराया जाना जरूरी है। विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सरकार की सहमति से चर्चा कराये जाने की बात कही। संसदीय कार्य मंत्री ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह मुद्दा केन्द्र सरकार के अधीन आता है इसका राज्य सरकार से कोई मतलब नहीं है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

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नेता प्रतिपक्ष ने पिछले वर्ष बाढ़ और वर्षा से किसानों की फसलों व मकानों को हुई क्षति तथा हाल ही में वर्षा और ओलावृष्टि से मटर, चना, गेहू, चना दलहन आदि के नुकसान के मुआब्जे की मांग की। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि पिछले वर्ष बाढ और वर्षा से किसानों को हुयी क्षति के बारे में मुआवजा दिया गया है। कुछ मुआवजा शेष है, जिसकी राशि केन्द्र सरकार से मिलने के साथ ही किसानों को दे दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि हाल ही में वर्षा व ओलावृष्टि से हुयी किसानों की क्षति के लिए बीती 14 फरवरी को धनराशि जिलों को दे दी गयी है। यह राशि शीघ्र ही किसानों को प्रदान कर दी जायेगी। सरकार के जवाब से असन्तुष्ट सपा सदस्यों ने विरोध का नया तरीका अख्तियार किया और वाकआउट करने के बजाय वे अपने-अपने स्थान पर एक मिनट के लिए विरोधस्वरूप मौन खड़े रहे।

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