नई परम्परा: बेटी के आकस्मिक निधन पर मूक बधिर बच्चों को कराया भोजन

अपनों के मरनें पर हवन-पूजन के साथ भोज का आयोजन कर नात-रिश्तेदारों को बुलाया जाता है। लेकिन शहर के रेलवे स्टेशन रोड निवासी  प्रदीप अग्रवाल ने अपनी बेटी के आकस्मिक निधन के मौके पर परम्परानुसार शान्तिभोज से अलग हटकर मूक बधिर एवम् अंधे बच्चों को भोजन करा कर गिफ्ट दिए गए।

Update: 2018-11-22 12:59 GMT

सुल्तानपुर: अपनों के मरनें पर हवन-पूजन के साथ भोज का आयोजन कर नात-रिश्तेदारों को बुलाया जाता है। लेकिन शहर के रेलवे स्टेशन रोड निवासी प्रदीप अग्रवाल ने अपनी बेटी के आकस्मिक निधन के मौके पर परम्परानुसार शान्तिभोज से अलग हटकर मूक बधिर एवम् अंधे बच्चों को भोजन करा कर गिफ्ट दिए गए।

यह भी पढ़ें ......ऐसी बदहाल है सुल्तानपुर की स्वास्थ्य सेवा, बीजेपी विधायक के लेटर को CMO ने दिखाया ठेंगा

शहर के रेलवे स्टेशन रोड का मामला

गौरतलब हो कि समाज सेवी प्रदीप अग्रवाल की बेटी कुमारी स्वाति अग्रवाल (26) का बीते 11 नवंबर को आकस्मिक निधन होना गया था। परिवार वालों ने परम्परानुसार शान्तिभोज कार्यक्रम सुनिश्चित किया था। किन्तु उन्हें उनके चाचा प्रवीण ड्रोलिया (पिंटू) (समाजसेवी) तथा पिता प्रदीप अग्रवाल ने इस परंपरा को बदलने की सलाह दी, जिस पर परंपरा बदलने को परिवार तैयार हो गया।

यह भी पढ़ें ......सुल्तानपुर:रावण के पुतला दहन में सांडों ने मचाया उत्पात, टला हादसा

मूक बधिर एवम् अंधे बच्चों को कराया गया भोजन

शांति हवन एवम् बाल भोज का आयोजन किया गया, जिसमें मूक बधिर एवम् अंधे बच्चों को भोजन कराया गया। उन्हें विदाई में एक स्वेटर और एक जोड़ी मोजा तथा टॉफी, बिस्कुट, भुजिया, चिप्स, फ्रूटी, चॉकलेट आदि का गिफ्ट पैक भी दिया। ऐसे गरीब और असहाय करीब 50 बच्चो की सेवा करके अग्रवाल परिवार जितना आत्मसंतुष्ट है उससे अधिक बच्चे खुश है। उन्हें इससे कोई लेना-देना की उन्हें क्यो और किस अवसर पर यह सेवा मिली। उन्हें अपने जैसे असहायों के पूछे जाने और सेवा किया जाने की बेहद खुशी है।

यह भी पढ़ें ......सुल्तानपुर: DM ने किया ट्रामा सेंटर का निरीक्षण, 9 में से 8 स्टाफ ड्यूटी से नदारद मिले

इसकी चर्चा समाज मे भी खूब हो रही है कि इस तरह की परंपरा को बल मिलना चाहिए जिससे गरीब असहायो की सेवा की जा सके और आवश्यक लोगो को आवश्यकता की चीजें भी मिल सकें।

Tags:    

Similar News