Supertech Twin Towers Demolition: ट्विन टावर ढहाने से होगा जबर्दस्त प्रदूषण, बड़े क्षेत्र में बरसेगा मलबा

Supertech Twin Towers Demolition: टावर को गिराए जाने से भारी मात्रा में धूल और मिट्टी प्रदूषण फैल जाएगी। इससे पैदा हुआ वायु प्रदूषण कई दिनों तक लोगों को परेशान करेगा।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-08-27 16:15 IST

सुपरटेक ट्विन टावर : Photo- Social Media

Supertech Twin Towers Demolition: नोएडा स्थित सुपरटेक ट्विन टावरों को 28 अगस्त को विस्फोटकों की मदद से गिरा दिया जाएगा। दोनों टावरों को गिराने से होने वाले प्रदूषण को लेकर लोगों के बीच चिंता बढ़ गई है। इतनी ऊंचाई इमारतें गिरने से बहुत बड़ी मात्रा में मलबा काफी व्यापक क्षेत्र में फैल जाएगा तथा धूल के गुबार फैल जाएंगे।

ट्विन टावर को ढहाने पर हजारों टन लोहा, लकड़ी, टाइल्स, शीशा, पत्थर, इत्यादि का मलबा उत्पन्न होगा और काफी बड़े इलाके में फैल जाएगा। चाहे जितना मलबा हटाया जाए लेकिन इनकी सूक्ष्म मात्रा सब जगह फैली और पड़ी रहेगी।

टावर को गिराए जाने से भारी मात्रा में धूल और मिट्टी प्रदूषण फैल जाएगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे पैदा हुआ वायु प्रदूषण कई दिनों तक लोगों को परेशान करेगा। लोगों को कई तरह की मुश्किलें हो सकती हैं। इसका असर पूरे दिल्ली और एनसीआर में देखने को मिलेगा और प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है।

आसमान में उठने वाला धुंआ हवा की गुणवत्ता को खराब कर देगा 

बिल्डिंग में ब्लास्ट के बाद इसके गिरने से आसमान में उठने वाला धुंआ और धूल का गुबार हवा की गुणवत्ता को खराब कर सकता है। माना जा रहा है कि इसकी वजह से पीएम10 कई दिनों तक बढ़ा रहेगा। पीएम 2.5 भी प्रभावित होगा। 

एक्सपर्ट्स का कहना है कि धूल के कारण कई दिनों तक दिल्ली-एनसीआर में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही पर्यावरण पर भी अगले कुछ महीनों तक इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। टावर ध्वस्तीकरण के बाद आसपास के घर, पेड़, दीवार, पार्क सहित खाली जगहों महीनों तक धूल जमी रहेगी। हल्की हवा चलने पर भी धूल के गुबार उठते रहेंगे।

कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ध्वस्तीकरण के बाद यदि अच्छी बरसात हो जाती है तो समस्या काफी हद तक संभल जाएगी। बरसात न होने पर आसपास के क्षेत्रों में पानी का व्यापक छिड़काव कई दिनों तक करना मुनासिब होगा।

 स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होंगी 

2020 में केरल में भी चार टावरों को गिराया गया था। लेकिन बिल्डिंग गिराने के बाद आसपास रहने वाले लोगों को कई महीनों तक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हुई थीं। इसमें सिरदर्द, अस्थमा, एलर्जी अटैक के कारण लोग कई सप्ताह तक परेशान रहे थे। यही नहीं, आसपास के पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचा था। पर्यावरण के जानकारों का कहना है कि ट्विन टावर का मलवा जहां फेका जाएगा उस जगह के आस-पास रहने वाले लोगों को भी कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं।

Tags:    

Similar News