कृषि मंत्री का बड़ा बयान, किसानों के हित को लेकर काही ये बात

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान, स्वाबलम्बी भारत, आत्मनिर्भर भारत और भारत को जगद्गुरू भारत बनाने का अभियान है।

Update: 2020-06-13 09:05 GMT

लखनऊ: प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान, स्वाबलम्बी भारत, आत्मनिर्भर भारत और भारत को जगद्गुरू भारत बनाने का अभियान है। उन्होंने कहा कि जब गांव, गरीब, किसान सशक्त होगें तो भारत भी सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित 20 लाख करोड़ रूपऐ के आर्थिक पैकैज में किसानों के हित में लिए गए फैसलें कृषि और कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर की मजबूती से जुडे़ हुए है।

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उन्होंने किसानों को लेकर कहा ये

शाही ने प्रगतिशील किसानों के संवाद कार्यक्रम के अन्तर्गत हर्बल खेती, जैविक खेती, मधुमक्खी पालन से जुडे़ हुए प्रयोगधर्मी किसानों को वीडियो कान्फेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित किया। शाही ने कहा कि 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकैज से समाज के विभिन्न वर्गों के सम्पन्न व समृद्धशाली होने के साथ देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को टिकाऊ और मजबूत करने की दृष्टि से आत्मनिर्भर भारत बनाने का यह अवसर है। उन्होंने कोरोना के संकट में स्थानीय निर्माण, स्थानीय बाजार, स्थानीय सप्लाई चेन की अहमियत बताते हुए कहा कि लोकल ने ही हमारी मांग पूरी की। लोकल जिम्मेदारी भी है, जीवन मंत्र भी है।

उन्होंने कहा दूध का उत्पादन बढे़गा

शाही ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां सबसे अधिक पशु है मोदी सरकार 53 करोड़ पशुओं की टीकाकरण की योजना लेकर आई है। इस पर लगभग 13 हजार 343 करोड़ रूपये खर्च होगें। जिससे मुंहपका, खुरपका जैसे रोगों से मुक्ति मिलेगी। दूध का उत्पादन बढे़गा। उन्होंने कहा कि हर्बल पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4 हजार करोड़ रूपये की योजना सरकार ने तैयार की है इन पौधों की दुनियांभर में मांग है। लगभग 10 लाख हेक्टेएअर में हर्बल पौधों की खेती होगी। जिससे किसानों को अतिरिक्त 5 हजार करोड़ रूपये की आय होगी। गंगा किनारे 8 सौ हेक्टेएअर भूमि पर हर्बल प्रोडक्टस के लिए काॅरिडोर बनाया जाएगा। इसी तरह मधुमक्खी पालन के लिए 5 सौ करोड़ रूपये की सहायता उपलब्ध करायी गई है।

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शाही ने कहा कि कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा व निवेश बढ़ाने तथा किसानों को उत्पादन की सही कीमत मिले और दूसरे राज्यों में भी जाकर उत्पादन बचें सके उसके लिए कानून में बदलाव किया गया है। जोखिम रहित खेती के लिए उपाय किये जा रहे है, इसके आलावा फसल की गुणवत्ता का मानकीकरण किया जा रहा है।

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