लखनऊ: सपा सुप्रीमो के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आईपीएस अमिताभ ने इस बार सीएम अखिलेश यादव को खुली चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव तुम चाहे जितना भी जोर लगा लो चाहे जितना सरकारी मशीनरी का मेरे विरुद्ध इस्तेमाल कर लो, लेकिन मेरा यह वादा है कि आपकी ही इस सरकार में बहाल होकर दिखाऊंगा।
अमिताभ के निलंबन को केंद्र ने बताया था अवैध
-यह दावा अमिताभ ठाकुर ने अपने फेसबुक पेज पर किया है।
-गौरतलब है कि लगभग आठ महीने से सस्पेंड चल रहे अमिताभ सपा सुप्रीमो के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं।
-हाल ही में उनके निलंबन को केंद्र सरकार ने अवैध बताया था।
-इसके बावजूद भी राज्य सरकार ने उनका निलंबन 95 दिनों के लिए बढ़ा दिया था।
-जिसे उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण(कैट) में चुनौती दी थी।
-जिस पर अधिकरण ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
-बताते चलें कि बीते साल 11 जुलाई को मुलायम सिंह यादव के खिलाफ थानें में तहरीर देने के 10 घंटे के अंदर ही उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।
-उसी दिन गोमतीनगर थाने में उनके विरुद्ध रेप और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था।
गृह मंत्रालय ने निरस्त किया निलंबन राज्य सरकार ने फिर बढ़ाया
-अमिताभ ठाकुर ने बताया कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 31 मार्च 2016 के आदेश से उनके निलंबन को 11 अक्टूबर 2015 से निरस्त कर चुकी हैं।
-लेकिन इसके बाद भी मंत्रालय ने आदेशों को दरकिनार करते हुए राज्य सरकार द्वारा उसी तारीख से निलंबन को 95 दिन बढ़ा दिया था।
-अमिताभ ने बताया कि उन्होंने सरकार के इस फैसले को कैट के चुनौती दी है।
-जिसमे नवनीत कुमार और जयति चंद्रा की बेंच ने केंद्र और राज्य सरकार के अधिवक्ता तथा वादी की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है।
क्या है अमिताभ का दावा
अमिताभ ने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार ने अपना आदेश अखिल भारतीय अनुशासन और अपील नियमावली के नियम 19(2) में जारी किया और इस नियमावली के नियम 20 में इसका पालन करना राज्य सरकार की बाध्यता है। साथ ही संविधान के अनुच्छेद 256 में भी यह अनिवार्य है।