UP बार कौंसिल के सचिव को निलम्बन के खिलाफ HC से राहत नही- याचिका खारिज

यूपी बार कौंसिल के निलंबित सचिव डॉ. रामजीत सिंह यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। जस्टिस पंकज मित्तल एवं जस्टिस इरशाद अली की खंडपीठ ने

Update: 2017-12-26 15:02 GMT

इलाहाबाद: यूपी बार कौंसिल के निलंबित सचिव डॉ. रामजीत सिंह यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। जस्टिस पंकज मित्तल एवं जस्टिस इरशाद अली की खंडपीठ ने निलंबन के विरुद्ध दाखिल उनकी याचिका खारिज कर दी है।

कोर्ट ने यह आदेश 29 जुलाई 2017 की कौंसिल की बैठक में सचिव को निलंबित कर उनके विरुद्ध विभागीय जांच कराने के प्रस्ताव में कोई त्रुटि न पाते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि 29 जुलाई 2017 की बैठक में 23 सदस्यों ने शिरकत की थी। और कोर्ट के आदेश पर उन सभी ने उस बैठक व उसकी कार्रवाई के संबंध में हलफनामा प्रस्तुत किया है। 23 में से इमरान माबूद खां, अजय यादव, हरिशंकर सिंह, अरुण कुमार त्रिपाठी व मधूलिका यादव ने अपने शपथपत्र में सचिव से जुड़े प्रस्ताव के पारित नहीं होने की बात कही जबकि 18 अन्य सदस्यों ने बैठक में डॉ. रामजीत सिंह के विरुद्ध निलंबन व आरोपों की जांच का प्रस्ताव पारित होने की बात कही।

गौरतलब है कि 23 मई 2017 की बैठक में तत्कालीन सचिव डॉ. रामजीत सिंह यादव के विरुद्ध विभिन्न आर्थिक व अन्य अनियमितताओं के कारण उन्हें निलंबित करने और आरोपों की जांच कराने की अनुशंसा की गई थी। इसी बीच डॉ. रामजीत सिंह ने तत्कालीन अध्यक्ष के सहयोग से लाखों रुपये की अन्य आर्थक अनियमितताएं कीं और अध्यक्ष के अनुचित आदेशों का अनुपालन किया, जिसमें सदन की बैठक नहीं होने देना और कौंसिल के पदाधिकारियों का जुलाई में होने वाला चुनाव रद्द करना भी शामिल है। इन्हीं घटनाक्रमों के मद्देनजर कौंसिल ने पांचूराम मौर्य की अध्यक्षता में 29 जुलाई 2017 की बैठक में डॉ. रामजीत सिंह यादव के तत्काल निलंबन और रिटायर न्यायिक अधिकारी रामचंद्र मिश्र को सचिव नियुक्त करने तथा डॉ. रामजीत के विरुद्ध आरोपों की जांच रिटायर जस्टिस एपी सिंह ने कराने का निर्णय लिया था।

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