Swami Prasad Maurya: मेरे बयान से एक विशेष वर्ग के लोगों के पेट में हो रहा है दर्द, धंधा चौपट होने की है चिंता- स्वामी प्रसाद मौर्या

Swami Prasad Maurya News: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर दिए गए बयान को लेकर रायबरेली में कहा कि वह रामचरित मानस नहीं बल्कि उसमें लिखी गई उन चौपाइयों के विरोधी हैं।

Report :  Narendra Singh
Update: 2023-01-27 01:24 GMT

रायबरेली: मेरे बयान से एक विशेष वर्ग के लोगों के पेट में हो रहा है दर्द, धंधा चौपट होने की है चिंता- स्वामी प्रसाद मौर्या

Raebareli News: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस पर दिए गए बयान को लेकर रायबरेली में सफाई दी है। उन्होंने कहा कि वह रामचरित मानस नहीं बल्कि उसमें लिखी गई उन चौपाइयों के विरोधी हैं जिसमें दलित आदिवासी और महिलाओं को अपमानित किया गया है। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि वह ब्राह्मण नहीं बल्कि ब्राह्मणवादी व्यवस्था के विरोधी हैं।

आज लखनऊ से प्रयागराज जाते समय एक स्थानीय होटल में पत्रकारो से रूबरू होते हुए उन्होंने रामचरित मानस सहित तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखी। स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर कहा कि वो राम चरित मानस के विरोधी नही बल्कि उन अंशो के विरोधी है जिनमे कुछ वर्णो का अपमान किया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि समाज के जो चार वर्ण है जिसमे एक वर्ण यानी ब्राह्मणों को पेट मे दर्द हो रहा है जबकि बाकी तीन वर्ण के लोगों को कोई परेशानी नही हो रही है। पार्टी लाइन से अलग जाकर बयान देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि संविधान ने अभिव्यक्ति की आज़ादी है और ये मेरा निजी बयान है इससे पार्टी को कोई समस्या नही होना चाहिए।

पंडे, पुजारियों को अपने धंधे पर खतरा दिख रहा है- स्वामी प्रसाद मौर्य

प्रदेश में हो रहे विरोध के सवाल पर पूर्व मंत्री ने कहा कि सिर्फ जाति विशेष के लोगों द्वारा ही उनका विरोध किया जा रहा है। पंडे, पुजारियों को अपने धंधे पर खतरा दिखाई दे रहा है। उन्हें इस बात का आभास हो गया है कि मौर्य जी के आह्वान पर अगर दलित, पिछड़े एक हो गए तो यह मंदिर आना बंद कर देंगे, जिससे चढ़ावा और पेट पूजा बंद हो जाएगी। उनका धंधा ठप हो जाएगा।

मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये भाजपा का हथकंडा है। मुलायम सिंह का एक विशाल व्यक्तित्व है उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए।ये भाजपा की चाल है। अगर वास्तव में भाजपा मुलायम सिंह का सम्मान ही करना चाह रही थी तो उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए था,वह देश के बहुत बड़े नेता रहे हैं।

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