शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में इंसानो पर बाघ के हमलों को लेकर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें बताया गया कि कैसे बाघ के हमलों से बचना है और ये समझाया गया कि बाघ खतरनाक वन्य जीव नहीं है। बाघ तब इंसानों पर हमला करता है जब इंसान बाघ के साथ छेड़छाड़ करता है। कैसे बाघ के साथ रहना है। हमें बाघ को कोई नुकसान नही पहुंचाना चाहिए।
वन अधिकारियों को बाघ से बचने के लिए कुछ रास्ते बताए
दरअसल यूपी के शाहजहांपुर के गन्ना शोध संस्थान मे वन विभाग ने बाघ के हमलों से बचने को लेकर एक वर्कशॉप का आयोजन किया। वन्य जीव के उत्तरप्रदेश के प्रधान वन संरक्षक पवन कुमार ने किसानो और वन अधिकारियों को बाघ से बचने के लिए कुछ रास्ते बताए। जिस पर अमल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जब तक बाघ के साथ कोई भी शख्स छेड़छाङ न करे तब तक वह किसी पर हमला नही करता है। उन्होंने कहा कि पानी और हवा के बगैर जी नहीं सकते है उसकी रक्षा करते है। ऐसे ही बाघ भी उतना ही हमारे बीच होना जरूरी है। मुख्य वन संरक्षक के सुझाव का असर किसानो और वन अधिकारियों पर असर भी जरूर देखने को मिला। और अब किसान बाघ से डरने के बजाए उनके साथ रहने का मन बनाया है।
वहीं निघासन से आए किसान सुखदेव सिंह का कहना है कि बाघ के देखकर सबसे पहले किसान डरता इसलिए जाता क्योंकि बाघ इंसानो पर हमला करके उनकी जान ले लेता है। ऐसे मे वर्कशॉप के जरिए जो बताया गया उससे हमारी सोच बदलेगी।
सुबह और शाम मे खेतों में जाते वक्त ग्रुप बनाकर रास्ते भर आवाज करते हुए चलें
वन्य जीव के मुख्य वन संरक्षक पवन कुमार ने सुझाव दिए कि सुबह और शाम मे खेतो पर जाते वक्त ग्रूप बना लें और रास्ते भर आवाज करते हुए चले। किसी भी हालत मे बच्चो को वन क्षेत्रों या खेतो पर अकेले न जाने दें। वन क्षेत्रों के निकट खेतो मे कटाई से पूर्व सावधानी से हांका अवश्य लगाए। वन क्षेत्रों के भीतर या खेतो के किनारे जानवरों को बिल्कुल भी न चराएं। सुबह और शाम वन क्षेत्रों के करीब काम करने से बचें। खेतों पर रात के समय फसल बचाने के लिए रात में मचान पर रूकें और पास में टार्च और रोशनी का प्रयोग करें।
इस वर्कशॉप में वन्य जीव के मुख्य वन संरक्षक के प्रधान के अलावा बरेली मंडल और जिले के डीएफओ समेत तमाम वन अधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा वर्कशॉप मे किसान भी मौजूद रहे।