UP: जानिए कैसे 10 दिन में ढूंढ निकाले 164 छुपे टीबी मरीज
टीबी का जड़ से खात्मा करने का संकल्प लेकर चल रही लखनऊ की टीम ने मरीज खोजो अभियान के पांचवें चरण में निर्धारित किये गये लक्ष्य से ज्यादा कार्य किया है। दस कार्यदिवसों के इस चरण में ऐसे 164 मरीजों को खोजने में सफलता हासिल हुई है।
लखनऊ: टीबी का जड़ से खात्मा करने का संकल्प लेकर चल रही लखनऊ की टीम ने मरीज खोजो अभियान के पांचवें चरण में निर्धारित किये गये लक्ष्य से ज्यादा कार्य किया है। दस कार्यदिवसों के इस चरण में ऐसे 164 मरीजों को खोजने में सफलता हासिल हुई है, जो बिना इलाज के रह रहे थे, दूसरे अर्थों में कहा जा सकता है कि ये 164 मरीज अगर खोजे न जाते तो ढाई हजार से ज्यादा स्वस्थ लोगों को टीबी का रोगी बना सकते थे, क्योंकि एक मरीज के टीबी संक्रमण से औसतन 15 व्यक्तियों को टीबी का संक्रमण देता है।
PM मोदी ने 2025 तक भारत से टीबी के खात्मे का रखा है लक्ष्य
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक भारत से टीबी के खात्मे का लक्ष्य नर्धारित किया है। जबकि लखनऊ और वाराणसी के लिए टीबी उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2022 रखा गया है। लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि 10 जून से 22 जून तक चिन्हित क्षेत्रों में सक्रिय क्षयरोग खोज अभियान संचालित किया गया, जिसकी उन्होंने जिलास्तरीय समीक्षा की। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की उपलब्धियों में 750 सदस्यों द्वारा 5 लाख 40 हजार व्यक्तियों को सक्रिय क्षयरोग खोज अभियान में स्क्रीनिंग किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
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करीब 6 लाख लोगों की हुई स्क्रीनिंग
उन्होंने बताया कि पर्यवेक्षको व टीम सदस्यों द्वारा अच्छा कार्य करते हुए 6 लाख 33 हजार 712 लोगों की स्क्रीनिंग की गई जिसमें से 2006 व्यक्तियों में क्षय रोग के लक्षण पाए गए। जांच कराए जाने के बाद 164 व्यक्तियों में क्षय रोग की पुष्टि संबंधित क्षेत्र के चिकित्सकों द्वारा की गयी।
जिला क्षय अधिकारी डा. बीके सिंह ने बताया कि 10 दिवसीय अभियान के दौरान सरोजिनी नगर ब्लॉक में सबसे ज्यादा 26 रोगी चिन्हित किए गए। सभी चयनित रोगियों को डीबीटी के माध्यम से निक्षय पोषण योजना का लाभ सीधे उनके खाते में स्थानांतरित किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। 500 रुपये प्रति माह की दर से मरीजों के खाते में उपचार अवधि तक निरंतर दी जाती रहेंगी।
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पांचवे चरण में खोजे 164 टीबी के मरीज
उन्होंने बताया कि सक्रिय रोगी खोज अभियान के तहत फरवरी 2018 में शुरू हुए पहले चरण में 38, दूसरे चरण जून 2018 में 72, तीसरे चरण सितंबर 2018 में 96, चैथे चरण जनवरी 2019 में 119 तथा अब जून 2019 में हुएं पांचवे चरण में 164 टीबी के मरीज खोजे गए हैं। कुल मिला कर 17 माह में कुल 489 छिपे हुए टीबी के रोगी खोजे चा चुके हैं।