कोरोना के खौफ से सूने पड़े हैं मंदिर, देश के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा
कोरोना से बचने के लिए 21 दिन के किए घोषित किये गए लाक डाउन का सबसे ज्यादा असर मंदिरों पर पड़ा है । देश के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब नवरात्रि के अवसर पर मंदिरों को बंद किया गया हो।
लखनऊ: कोरोना से बचने के लिए 21 दिन के किए घोषित किये गए लाक डाउन का सबसे ज्यादा असर मंदिरों पर पड़ा है । देश के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब नवरात्रि के अवसर पर मंदिरों को बंद किया गया हो।
राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी मंदिरों र्मे ना तो पुजारी दिखाई पड़ रहे हैं और ना ही भक्तों का मेला है । आज सुबह जरूर कुछ मंदिरों के पुजारियों ने पूजा अर्चना कर नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के चरणों में दीपक जलाया लेकिन इसके बाद यह पुजारी मंदिरों में ताला लगाकर अपने घरों में कैद हो गए।
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बताते चलें कि चैत्र नवरात्रि का आज से प्रारंभ हो गए हैं जो 2 अप्रैल तक चलेंगे। लखनऊ के सभी प्रमुख मंदिर नवरात्र में कोरोना के कारण लगाए गए लाक डाउन के चलते बंद रहेंगे।
राजधानी लखनऊ के चौक स्थित दुर्गा मंदिर, केशव नगर स्थित हरकेश मंदिर के अलावा, इंदिरा नगर, गोमती नगर ,महानगर, राजाजीपुरम, ऐशबाग, निशातगंज अमित अन्य क्षेत्रों में आज सभी क्षेत्रों के मंदिरों में ताले जड़े हुए हैं
पहले दिन मंगलवार को शैलपुत्री देवी के पूजन बाद 26 मार्च को ब्रह्मचारिणी, 27 को चंद्रघंटा, 28 को कूष्मांडा, 29 को स्कंदमाता, 30 को कात्यायनी, 31 को कालरात्रि, 1 अप्रैल को महागौरी और 2 को सिद्धिदात्रि का पूजन होगा। लेकिन मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए बंद रहेंगे।